यूपी के माफिया मुख्तार अंसारी की मौत, मेडिकल कॉलेज छावनी बना
पटना।माफिया मुख्तार अंसारी को दो दिन बाद ही दोबारा मेडिकल कॉलेज लाना पड़ा है। इस बार मुख्तार अंसारी को हार्ट अटैक आया है। बांदा जेल की बैरक में ही मुख्तार गुरुवार की शाम अचानक बेहोश होकर गिर पड़े। इसके बाद उन्हें अधिकारियों ने तत्काल मेडिकल कॉलेज पहुंचाया। जहां उनकी मौत हो गई। मुख्तार के आने से मेडिकल कॉलेज को छावनी में तब्दील कर दिया गया। कई थानों की पुलिस बुला ली गई। मेडिकल कॉलेज से मरीजों के तीमारदारों को भी बाहर कर दिया गया। अंदर किसी को नहीं जाने दिया जा रहा है। डीएम और एसपी भी खुद मेडिकल कॉलेज पहुंचे हैं। मुख्तार अंसारी का पूरा परिवार गाजीपुर से बांदा के लिए रवाना हो गया है। मुख्तार के इलाके मऊ और गाजीपुर में भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
बताया जाता है कि बांदा मंडल कारागार में बंद माफिया मुख्तार अंसारी को गुरुवार देर शाम दिल का दौरा पड़ा। आनन-फानन में उसे एंबुलेंस से रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। इससे पहले मुख्तार की सोमवार रात हालत बिगड़ी थी, जिस पर जिला अस्पताल से तीन डॉक्टर बुलाए गए थे। पेट दर्द और फूलने की शिकायत के साथ मोशन नहीं हो रहा था। रात पौने चार बजे उसे मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। यहां 14 घंटे आईसीयू में रखने के बाद मंगलवार शाम सवा छह बजे डिस्चार्ज कर दिया गया था। इसके बाद उसे फिर से जेल में शिफ्ट कर दिया गया था।
बुधवार दोपहर मुख्तार की फिर हालत बिगड़ी तो जिला अस्पताल से डॉक्टर बुलाए गए। एनिमा आदि लगाने के बाद मुख्तार को राहत मिली। गुरुवार दोपहर को मुख्तार को अचानक पेट और सीने में दर्द की शिकायत हुई। इस पर जिला अस्पताल से फिर डॉक्टर बुलाए गए। शाम करीब आठ बजे मुख्तार के सीने में तेज दर्द हुआ और उसकी हालत बिगड़ गई। इसके बाद मेडिकल कालेज में मृत घोषित कर दिया गया।
मेडिकल कॉलेज बना छावनी
मुख्तार को हार्ट अटैक की सूचना मिलते ही पुलिस-प्रशासन के हाथ पांव फूल गए। बांदा जेल और मेडिकल कॉलेज को छावनी के रूप में तब्दील कर दिया गया। चुनाव से पहले एरिया डोमिनेशन को बुलाई गई फोर्स को भी मेडिकल कॉलेज में तैनात कर दिया गया है। मुख्तार अंसारी की अचानक हालत बिगड़ने की जानकारी मिलने पर डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल, एसपी अंकुर अग्रवाल सहित जिले के पुलिस-प्रशासनिक आलाधिकारी मेडिकल कॉलेज पहुंच गए। रात 10 बजे तक डीएम और एसपी लगातार फोन पर उच्चाधिकारियों को पल-पल की जानकारी देते रहे।