बलिदानी भाई की नहीं खलने दी कमी,बिहार मे साथी जवानों ने की बहन की शादी,ऐसे किया विदा
बिहार के रोहतास मे सर्वोच्य सैन्य सम्मान अशोक चक्र प्राप्त बलिदानी ज्योति प्रकाश निराला की बहन की शादी में जब देश के हर हिस्से से आए एयरफोर्स के गरुड़ कमांडो की टोली बिक्रमगंज (रोहतास) पहुंची, तो विवाह समारोह में मौजूद लोग भावुक हो गए।दुल्हन के जयमाल और सात फेरों की रस्म में जवानों ने चुनरी पकड़ी तो लोगों की आंखे भर आई। जवानों ने जमीन पर फूल बिछा अपनी हथेलियों पर बहन के पैर रख उसे ससुराल विदा किया।
लोगों की भर आई आंखे
जवानों द्वारा निभाए गए इस रस्म को देख वहां उपस्थित हर किसी की आंखें भर आई। सुनीता शहीद ज्योति प्रकाश की दूसरी बहन है, जो फिलवक्त बिहार पुलिस में सब इंस्पेक्टर हैं।16 एयरफोर्स गरुड़ कमांडो की टोली का नेतृत्व कर रहे जेडब्ल्यूओ कमांडो आरसी प्रसाद ने बताया कि जब उन्हें मालूम हुआ कि बलिदानी निराला की दूसरी बहन की शादी है, तो उन्होंने देश के विभिन्न क्षेत्रों में तैनात अन्य जवानों को भी सूचित किया। सोमवार को वे सभी बहन की शादी में पहुंचे।
तीनों बहनो के अकेले थे भाई थे ज्योति
टीम लीडर ने बताया कि एयरफोर्स एक परिवार है। तीन बहनों में ज्योति अकेले भाई थे, जिन्होंने देश की खातिर अपनी जान न्योछावर कर दी। उनकी बहन हम सब एयरफोर्स जवानों की बहन हैं। उनकी शहादत के बाद हम बहनों को कैसे भूल सकते हैं। धूमधाम से हम सब जवानों ने बहन की शादी के रस्म को निभाया।पहली बहन की शादी में भी हम सब आए थे और बहन को तब भी हथेलियों पर विदा किए थे। एयरफोर्स जवानों के ऐसे बलिदानी जवान की बहन के प्रति समर्पण, प्रेम और स्नेह की चर्चा खूब हो रही है। लोगों की जुबान पर एक ही शब्द हैं, वाह! यह तो खून के रिश्ते पर भी इन जवानों का एक बलिदानी की बहन के प्रति प्रेम भारी पड़ा।
ये जवान हुए थे शादी में शामिल
शादी में आए जवानों में शौर्य चक्र प्राप्त देवेंद्र मेहता अलावा देश के विभिन्न जगहों पर तैनात गरुड़ कमांडो आरसी प्रसाद (जोरहट), प्रभाकर रंजन जोधपुर, नागेंद्र सक्सेना जम्मू, पिंटू कुमार छबुआ, मणिशंकर यादव पठानकोट, सतीश ग्वालियर, अनीस दूबे बेंगलुरू, शुभम हंसीमरा, विपिन कुमार रवि जम्मू, तुलसी यादव हंसीमरा शामिल थे।
बलिदानी भाई की नहीं खलने दी कमी
हाथों में मेहंदी लगते देखना, डोली चढ़ाकर ससुराल विदा करते वक्त एक भाई की मौजूदगी एक बहन के लिए कितना महत्वपूर्ण होता है, यह बिना भाई वाली बहन ही समझ सकती है, परंतु बलिदानी ज्योति प्रकाश की बहन सुनीता की इस कमी को गरुड़ कमांडो भाइयों ने खलने नहीं दी।शादी में भले ही उस बहन के पास उसका अपना भाई नहीं था, मगर जवानों ने बहन का वह हर अरमान पूरा कर दिया। वायु सेना के जवान हरपल दुल्हन बनी इस बहन का भाई बनकर खड़े रहे।
कौन थे ज्योति प्रकाश
रोहतास जिले के बादलाडीह के तेजनारायण सिंह व मालती देवी के पुत्र ज्योति प्रकाश 2005 में वायु सेना में भर्ती हुए थे। 18 नवंबर 2017 को सर्च ऑपरेशन के दौरान कश्मीर के चंद्रगढ़ में एनकाउंटर के दौरान गोली लगने के बावजूद दो आतंकवादियों को मौत के घाट उतार देश को सर्वोच्च बलिदान दिया था।इस एनकाउंटर में आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के कुल छह आतंकी मारे गए थे। 26 जनवरी 2018 को भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा उन्हें मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया था।”