इन सांसदों की ख्वाहिश देख रह जाएगे दंग,उम्र 70 के पार… फिर भी दिल टिकट को बेकरार! क्या पूरी हो पाएगी ख्वाहिश
पटना। उम्र सत्तर को पार कर चुकी है या फिर इस पड़ाव को छूने वाली है पर हाल यह है कि इनमें अब भी चुनावी मैदान में उतरने की बेकरारी है। अब जब टिकटों का मामला तय होने के करीब है तो बिहार में एनडीए के इन सांसदों की खूब चर्चा हो रही। जदयू और भाजपा दोनों में ऐसे आधा दर्जन से अधिक सांसद हैं जो 70 पार कर चुके हैं। इनमें से चार सांसद ऐसे हैं जो केंद्र में मंत्री हैं।
मंत्री जी पार कर गए हैं सत्तर को
बिहार से भाजपा के चार ऐसे सांसद जो केंद्र में मंत्री हैं कि उम्र सत्तर से अधिक की हो चुकी है। केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस बहत्तर वर्ष के हो चुके हैं। गिरिराज सिंह भी इकहत्तर के हैं। राजकुमार सिंह भी इकहत्तर वर्ष के हो चुके हैं। अश्विनी चौबे तो इकहत्तर को पार कर चुके हैं।
पुराने दिग्गजों का मामला भी सत्तर के पार का
भाजपा और जदयू के कई दिग्गज ऐसे हैं जिनका मामला सत्तर के पार का हो चुका है। उनके टिकट की बेकरारी जगजाहिर है। जदयू के दिलकेश्वर कामत तो सतहत्तर वर्ष के हो चुके हैं। पटना साहिब के भाजपा सांसद की उम्र भी सत्तर की हो चुकी है। पूर्वी चंपारण के सांसद राधामोहन सिंह की उम्र चौहत्तर की है।
शिवहर लोकसभा क्षेत्र से भाजपा की टिकट पर लगातार जीतती रहीं रमा देवी भी चौहत्तर की हो चुकी है। जहानाबाद से जदयू के सांसद चंद्रेश्वर चंद्रवंशी की उम्र बहत्तर वर्ष है।
कई सांसद अब सत्तर के करीब पहुंचने को हैं
बिहार के कई सांसदों के उम्र की स्थिति यह है कि वे सत्तर के करीब पहुंचने को हैं। सासाराम के सांसद छेदी पासवान की उम्र अड़सठ वर्ष है। काराकाट से जदयू के सांसद महाबली सिंह भी अड़सठ पार कर रहे। झंझारपुर से जदयू के सांसद रामप्रीत मंडल अड़सठ वर्ष के हैं। नालंदा से जदयू सांसद कौशलेंद्र पैंसठ वर्ष के हैं।जदयू व भाजपा अपने उम्रदराज सांसदों को दे सकता है विश्राम ,राजनीतिक गलियारे में इस बात की चर्चा है कि जदयू और भाजपा अपने कई उम्रदराज सांसदों को विश्राम दे सकता है। उनकी जगह पर नए व युवा चेहरे सामने आ सकते हैं। यह कहा जा रहा कि सत्तर से अधिक की उम्र वाले सांसदों की सक्रियता को देखा जा रहा। संभव है कि हफ्ते भर में इस विषय पर निर्णय हो।