चुनाव आयोग के निर्देश पर हुआ मॉक ड्रिल,बेगूसराय में उतरा हवाई जहाज:सक्सेस रहा रनवे का ट्रायल
बेगूसराय.लोकसभा चुनाव में चुनाव आयोग के अधिकारी छोटे हवाई जहाज से बेगूसराय आ सकेंगे। उनका जहाज उलाव हवाई अड्डे पर उतरेगा। इसके लिए आज चुनाव आयोग के निर्देश पर नागर विमान मंत्रालय द्वारा मॉक ड्रिल किया गया है।
मॉक ड्रिल के तहत आज नागर विमानन मंत्रालय का चार सीटर हवाई जहाज VT BFD आज दो अधिकारियों को लेकर उलाव हवाई अड्डा पर उतरा। यहां उतरने के बाद नागर विमानन मंत्रालय के अधिकारियों ने रनवे, लाउंज और संपर्क पथ का जायजा लिया। इसके बाद जिला प्रशासन और पुलिस पदाधिकारी के साथ विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरान सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए थे। DM रोशन कुशवाहा और SP मनीष खुद कमान संभाले हुए थे। हवाई अड्डे पर किसी के भी प्रवेश पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई थी। चारों ओर कदम-कदम पर सुरक्षा बलों को तैनात किया गया था। अग्निशमन और एंबुलेंस की व्यवस्था की गई थी, ट्रायल सफल हो जाने के संबंध में अधिकारियों ने कुछ नहीं बताया, लेकिन उम्मीद जताई है कि सब कुछ ठीक रहा है।
1 घंटा 5 मिनट के बाद तक रूका रहा
बताया जा रहा है वायुयान संगठन निदेशालय के प्रशासी पदाधिकारी द्वारा जिला प्रशासन को सूचना दी गई थी कि उलाव एयर स्ट्रीप पर रनवे इंस्पेक्शन के लिए ट्रायल होना है। सूचना मिलते ही अचानक बड़ी संख्या में वरीय अधिकारी और पुलिस पदाधिकारी को देखकर लोग चौंक गए। हवाई अड्डा परिसर में किसी को भी प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा था। एयर स्ट्रिप की सुरक्षा के लिए श्रम अधीक्षक निखिल कुमार रंजन को वरीय प्रभारी बनाया गया था। ठीक 11:02 पर हवाई जहाज उतरा और 1 घंटा 5 मिनट तक यहां रहने के बाद प्रस्थान कर गया।आजादी के बाद संभवतः पहली बार छोटा विमान ही सही, लेकिन कोई जहाज जब उतरा है तो लोगों में आशा जगी है कि लोकसभा चुनाव के बाद यहां से छोटे विमान की हवाई जहाज की सेवा उपलब्ध हो सकती है।
उलाव स्टेट के जमींंदार ने करवाया था निर्माण
1939-40 में उलाव स्टेट के जमींंदार राजा जी ने जब हवाई जहाज खरीदा तो इस हवाई पट्टी का निर्माण कराया था। आजादी के बाद वह जहाज सरकार को सौंप दिया गया, फिर किसी ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया। यहां प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और नरेन्द्र मोदी (तीन बार) आ चुके हैं। चीन से युद्ध और बाढ़ के समय वायुसेना द्वारा इसका इस्तेमाल होता रहा है, लेकिन हवाई सेवा शुरू नहीं किये जाने के कारण रन-वे गांव का रास्ता, सभा स्थल, पशुओं का चारागाह और वाहन सीखने का मैदान बनकर रह गया।उलाव हवाई अड्डा के पास पर्याप्त 60 एकड़ भूमि है जो 75 प्रतिशत सदर अंचल एवं 25 प्रतिशत बरौनी अंचल क्षेत्र में पड़ता है। सरकार द्वारा इसे सुरक्षित करने के लिये योजना बनायी गई तथा 2009-2010 में चाहरदिवारी के लिए आवंटन भी मिला, लेकिन बेगूसराय सदर तथा बरौनी अंचलाधिकारी द्वारा रूचि नहीं लेने के कारण भूमि का मापी नहीं होने से योजना अधर में लटक गया।
2015 में बिहार सरकार के आम बजट को पेश करते हुए वित्त मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव ने हवाई अड्डे के जीर्णोद्धार की बात कही थी। इसके बाद यहां आठ करोड़ की लागत से रनवे का निर्माण कर लाउंज भी बना दिया। लेकिन सब बर्बाद हो गया। विगत दिनों पीएम नरेंद्र मोदी यहां आए तो रनवे को फिर ठीक किया गया और अब पहली बार चुनाव आयोग के निर्देश पर ट्रायल हुआ है।