हाजीपुर-सुगौली रेल लाइन से आसान हो जाएगा सफर,उत्तर बिहार के लोगों के लिए खुशखबरी
पटना।मुजफ्फरपुर।Hajipur Sugauli Rail Line: उतर बिहार के रेलवे की कई योजनाओं का शुभारंभ व शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे। 12 मार्च को वर्चुअल समारोह के जरिए यह सब योजना देश को समर्पित होगी। मंडल रेल प्रबंधक विवेक भूषण सूद ने इस संबंध में बताया कि हाजीपुर-सुगौली नई रेल लाइन को राष्ट्र को समर्पित किया जाएगा। इसके साथ मुजफ्फरपुर वाशिंग पिट से तुर्की स्टेशन के नव निर्मित माल गोदाम तथा नवनिर्मित मुजफ्फरपुर वाशिंग पिट शामिल है।बताया कि सोनपुर मंडल के अंतर्गत विभिन्न स्टेशनों पर 1178 करोड रुपए से अधिक रेल परियोजनाओं का लोकापर्ण, शिलान्यास व शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे।
यह प्रमुख योजना जिसका होगा लोकापर्ण
खुदीराम बोस पूसा स्टेशन पर गति शक्ति कार्गो टर्मिनल, हरौली फतेहपुर में नवनिर्मित हरौली फतेहपुर माल गोदाम तथा निर्मित वैशाली माल गोदाम, अक्षयवट राय नगर में नवनिर्मित अक्षयवट राय नगर माल गोदाम का, मुजफ्फरपुर वाशिंग पिट से तुर्की स्टेशन के नव निर्मित माल गोदाम तथा नवनिर्मित मुजफ्फरपुर वाशिंग पिट, हाजीपुर – सुगौली नई रेल लाइन का राष्ट्र को समर्पित किया जाएगा।
हाजीपुर-सुगौली और छपरा-मुजफ्फरपुर नई रेल लाइन की पूर्व मध्य रेलवे ने मांगी रिपोर्ट
हाजीपुर-सुगौली रेललाइन और छपरा-मुजफ्फरपुर नई रेललाइन के लिए किए गए जमीन अधिग्रहण की पूरी रिपोर्ट पूर्व मध्य रेलवे ने मांगी है। इसके लिए पूमरे के अधिकारी ने मुजफ्फरपुर, पूर्वी और पश्चिम चंपारण, वैशाली और सारण जिले के जिला भू-अर्जन पदाधिकारी को पत्र भेजा है। कहा है कि उक्त दोनों परियोजनाओं के लिए उक्त पांचों जिलों में कितने किसान और इनसे कितनी जमीन का अधिग्रहण किया गया है। इन बिंदुओं पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करते हुए 15 दिनों में भेजने को कहा है। ताकि लोकसभा में इसे सौंपा जा सके।
बताया जा रहा है कि लोकसभा में उक्त दोनों परियोजनाओं को लेकर मुद्दा उठाया गया था। जिसपर पूमरे ने रिपोर्ट मांगी है। इसे गंभीरता से लेते हुए रिपोर्ट ससमय देने का अनुरोध किया है। हाजीपुर-सुगौली रेल लाइन परियोजना के पूरा होने से सुगौली से हाजीपुर तक का सफर आसान होगा। इसके तहत हाजीपुर से सुगौली से हजारों एकड़ से अधिक जमीन का अधिग्रहण किया गया है। कार्य भी अंतिम चरण में पहुंच चुका है।बता दें कि 10 फरवरी 2004 को इस परियोजना की आधारशिला रखी गई थी। इसे 2017 तक इसे पूरा करना था, लेकिन राशि के अभाव में कई बार भू-अर्जन का कार्य बाधित हो गया था। इसके अलावा रैयतों ने भी कई जगहों पर उचित मुआवजा नहीं मिलने के कारण कार्य का विरोध किया था। इस वजह से परियोजना के पूरा होने में देरी हुई।”