Monday, November 25, 2024
Samastipur

समस्तीपुर मे फर्जी शिक्षकों का खुलासा:फर्जी प्रमाणपत्र पर नौकरी करने वाले पांच शिक्षकों पर केस

समस्तीपुर जिले में फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी करने के मामला का खुलासा निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने किया है। इस मामले में जिले के दो अलग-अलग थानों प्राथमिकी दर्ज कराया है। कल्याणपुर थाने में चार और वारिसनगर थाने में एक शिक्षिक के उपर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। निगरानी की इस कार्रवाई के बाद फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी करने वालों शिक्षकों के बीच हड़कंप मच गया है।

 

प्राथमिकी दर्ज होते ही फर्जी प्रमाण पत्र पर नौकरी करने वाले शिक्षकों में हड़कंप मचा हुआ है। निगरानी अन्वेषण ब्यूरो पटना के पुलिस उपाधीक्षक सह जिला शिक्षक नियोजन जांचकर्ता गौतम कृष्ण ने नोडल अधिकारी सह जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) को रिपोर्ट दिया है कि निगरानी जांच में पांच शिक्षकों का प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं। जिसके बाद यह कार्रवाई की गई।

 

किन शिक्षकों का प्रमाण पत्र पाया गया फर्जी

निगरानी विभाग की जांच में यह बात सामने आयी कि कल्याणपुर प्रखंड के प्रखंड नियोजन इकाई अंतर्गत उत्क्रमित मध्य विद्यालय बारहगामा की शिक्षिका काजल कुमारी का इंटर प्रमाण पत्र फर्जी है। कल्याणपुर प्रखंड के ही प्रखंड नियोजन इकाई अंतर्गत राजकीय मध्य विद्यालय मंजिल मुबारक के शिक्षक राजीव कुमार का शारीरिक शिक्षा प्रशिक्षण प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया है।

 

वही,कल्याणपुर प्रखंड के ही प्रखंड नियोजन इकाई अंतर्गत राजकीय मध्य विद्यालय लदौरा के शिक्षक रामसकल सहनी का शारीरिक शिक्षा प्रशिक्षण प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया है। कल्याणपुर प्रखंड के ही प्रखंड नियोजन इकाई अंतर्गत उत्क्रमित मध्य विद्यालय जटमलपुर ढाब के शिक्षक अर्जुन दास का शारीरिक शिक्षा प्रशिक्षण प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया है। जिसके बाद इन सभी शिक्षकों पर कल्याणपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।

 

वारिसनगर थाने पर एक शिक्षक पर प्राथमिकी

 

वारिसनगर प्रखंड के प्रखंड नियोजन इकाई अंतर्गत उत्क्रमित मध्य विद्यालय मोहिउद्दीनपुर के शिक्षक अमित कुमार का शारीरिक शिक्षक प्रशिक्षण प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया है। जिसके बाद निगरानी द्वारा वासिनगर थाने पर प्राथमिकी बुधवार शाम दर्ज कराई है। उधर, प्राथमिकी दर्ज किए जाने के साथ ही जिला पुलिस ने इस मामले में अपनी जांच शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि उक्त शिक्षकों की नौकरी जाने के साथ ही उन्हें जेल भी भेजा जा सकता है।

Kunal Gupta
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