इंजीनियर बनने की चाह थी…बने किसान, कमा रहे 22 लाख:मिश्रित खेती कर बनाई मिसाल
पटना।गोपालगंज के सदर प्रखंड के बरई पट्टी निवासी किसान पिछले 20 सालों से मिश्रित खेती कर किसानों के लिए प्रेरणा स्रोत बने हैं। कभी इस किसान का सपना था कि इंजीनियर बनकर पैसे कमाएंगे, लेकिन आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण इंजीनियर तो नहीं, बना लेकिन सफल किसानों के श्रेणी में गिनती जरूर होने लगी है। ये किसान अपनी सच्ची लगन मेहनत के बदौलत आज 22 लाख की सालाना कमाई करते है।
गांव निवासी मिथलेश कुमार राय के बेटे कुणाल कुमार राय ने मिश्रित खेती की तरफ रुख करते हुए गन्ना, सब्जी, मक्का, अरहर दलहन, गेहूं समेत विभिन्न प्रकार की फसलों की खेती की। धीरे-धीरे उन्होंने अंडा उत्पादन का काम भी शुरू कर दिया। आलम यह है कि कुणाल आज सालाना 22 लाख रुपए की कमाई करते हैं। वे न केवल आत्मनिर्भर बने हैं, बल्कि अन्य किसानों को भी मिश्रित खेती अपनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
उनकी सफलता के पीछे मुख्य रूप से उनकी लगन, मेहनत और धैर्य है। साथ ही पिता का सहयोग भी उन्हें मिलता रहा है। कुणाल उन सभी किसानों के लिए प्रेरणा हैं, जो अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारना चाहते हैं।
कुणाल नवीनतम कृषि तकनीकों को अपनाते हैं और अपनी फसलों की बेहतर देखभाल करते हैं। कुणाल ने बताया कि इंटर तक की पढ़ाई करने के बाद आईआईटी में सिलेक्शन हुआ, लेकिन पैसे के अभाव में नामांकन नहीं कराया। हार नहीं मानते हुए खेती को अपना पेशा बनाया और मिश्रित खेती की तकनीक अपनाकर सफलता की नई ऊंचाइयों को छुआ।
उन्होंने बताया कि जब इंजीनियर नहीं बने तो बेहतर किसान जरूर बनूंगा। इसके बाद अपने पिता के हाथ को मजबूत करने में लग गए। धीरे-धीरे खेती करने लगे। उन्होंने बताया कि 25 एकड़ की जमीन पर जैविक खेती की विधियों का उपयोग करते हैं और रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का उपयोग नहीं करते हैं। उनका मानना है कि जैविक खेती न केवल पर्यावरण के लिए बेहतर है, बल्कि यह स्वस्थ और अधिक पौष्टिक भोजन भी प्रदान करती है। कुणाल के सफलता के पीछे कई पहलू हैं। सबसे महत्वपूर्ण पहलू उनकी लगन और मेहनत है। वे कृषि के क्षेत्र में नवीनतम तकनीकों को अपनाने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं।