स्टैच्यू ऑफ यूनिटी से 61 मीटर ऊंचा होगा राष्ट्रपति डॉ.राजेंद्र प्रसाद का स्टैच्यू,पटना मे बनेगा दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा
पटना।गुजरात में देश के पहले उपप्रधानमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है, जिसकी ऊंचाई 182 मीटर है। अब पटना में गंगा के तट पर उससे भी ऊंची प्रतिमा बनाने का प्रस्ताव है।यह प्रतिमा देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की हाेगी। इसकी ऊंचाई 243 मीटर हाेगी। यानी, राजेंद्र बाबू की प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी से 61 मीटर ऊंची हाेगी।यह प्रस्ताव सोमवार काे पटना नगर निगम की सशक्त स्थायी समिति ने पारित किया। अब यह प्रस्ताव नगर विकास विभाग को भेजा जाएगा।
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी : 182 मीटर की, राजेंद्र बाबू की बनेगी : 243 मीटर की
प्रतिमा स्थापित करने पर करीब 4 हजार करोड़ खर्च हाेंगे। स्थायी समिति के सदस्य डाॅ. आशीष कुमार सिन्हा ने कहा कि राजेंद्र बाबू की प्रतिमा स्थापित हाेने पर यहां राज्य ही नहीं, देश-विदेश से लाखों पर्यटक आएंगे। इससे हजारों लाेगाें काे रोजगार और सरकार को राजस्व की प्राप्ति होगी।इसके अलावा बैठक में 57 में से 55 एजेंडों काे स्वीकृति मिली। इस मौके पर मेयर सीता साहू, डिप्टी मेयर रेशमी चंद्रवंशी, नगर आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर, स्टेंडिग कमेटी के मेंबर इंद्रदीप चंद्रवंशी आदि मौजूद थे।
शहर के लोगों को मिलेगी फ्री वाई-फाई की सुविधा
बैठक में शहर के लोगों को फ्री वाई-फाई सुविधा देने पर भी चर्चा हुई। शहर के चौक-चौराहे पर वाई-फाई लगेगा। डीजल वाहनों को सीएनजी में कन्वर्ट करने भी चर्चा की गई। कहा गया कि वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए नगर निगम धीरे-धीरे डीजल वाहनों को कम करेगा। इनकी जगह सीएनजी वाहनों का इस्तेमाल हाेगा। इस प्रस्ताव को भी पास कर दिया गया। वार्डों में फॉगिंग मशीन की कमी है। हैंडहोल्डेड फॉगिंग मशीन खरीदने के प्रस्ताव काे भी सर्वसम्मति से पास कर दिया गया।
इन एजेंडों पर भी लगी मुहर
एक करोड़ योजना के तहत पार्षदों द्वारा योजनाओं की स्वीकृति।
जलापूर्ति शाखा में कार्यरत 26 संविदा पंप चालकों काे सेवा विस्तार।
प्रत्येक वार्ड में 20-20 अतिरिक्त मजदूर रखना।
आवारा कुत्तों को पकड़कर नसबंदी कराना।
सार्वजनिक शौचालय के रखरखाव के लिए निविदा हाेगी।
वार्ड संख्या-1, 2, 3, 11, 13, 21, 28 और 32 में नए सेक्टर बनेंगे।
आकस्मिक कार्य के लिए प्रत्येक अंचल काे 5-5 लाख मिलेंगे।
बुडको द्वारा स्थापित हाई यील्ड बोरिंग को निगम को हस्तांतरित किया जाएगा।
ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन में लगे वाहनों में जीपीएस ट्रैकिंग फ्यूल मॉनिटरिंग सिस्टम लगेगा।