Monday, November 25, 2024
Samastipur

समस्तीपुर:डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में चल रहे तीन दिवसीय किसान मेले का हुआ समापन,इतने लोग मेले में पहुँचे

समस्तीपुर जिले के पूसा स्थित डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में 24 फरवरी से 26 फरवरी तक आयोजित तीन दिवसीय किसान मेले का आज समापन हो गया। मेले के समापन समारोह में बिहार विश्वविद्यालय मुजफ्फरपुर के कुलपति प्रोफेसर डीसी राय मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। सर्वप्रथम अतिथियों ने मेले में लगे स्टालों का निरीक्षण किया उसके बाद दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। मौके पर डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. पीएस पांडेय भी मौजूद रहे।

 

 

इस तीन दिवसीय किसान मेले में बिहार सहित नौ राज्यों के किसानों ने हिस्सा लिया। मेले में विश्वविद्यालय के अलावा कृषि क्षेत्र से जुड़े 180 स्टॉल भी लगाए गए थे, जिसका किसानों ने भरपूर लाभ लिया। मेले में आने वाले किसान इस मेले से काफी संतुष्ट दिखे। उनका कहना था कि इस मेले में आकर उन्हें खेती के नए तकनीक और बीजों के नए प्रवेश की जानकारी मिली है।

 

मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत करने पहुंचे बिहार विश्वविद्यालय मुजफ्फरपुर के कुलपति प्रोफेसर डीसी राय ने कहा कि इस मेले में आकर लगा कि हमारे किसान अब वैज्ञानिकों के साथ कंधे से कंधे मिलाकर बेहतर कार्य कर रहे हैं। किसान आपस में मिलकर अब फार्मर्स कंपनियां बना रहे हैं। जब समूह होती है तब शक्ति बनती है। इस मेले में उनके उत्पादों को देखकर लगता है कि वह अब प्रगति कर रहे हैं। वहीं डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. पीएस पांडे ने कहा कि इस किसान मेले में हमें बेहतर प्रमाण और परिणाम मिला है। मेले में नौ राज्यों के किसानों ने शिरकत किया है।

 

 

 

इस मेले में 28 वैसे किसानों जो कृषि से लखपति बने हैं उन्हें सम्मानित भी किया गया है। इस मौके पर उनकी कहानी उनकी जुबानी सुनी। इससे लगता है कि अभी किसानों की आय दुगनी करने की जो बात कही जा रही है। वह अब कई गुना बढ़ गई है। यह एक अच्छा संकेत है। साथ ही उन्होंने कहा कि शिक्षा शोध और प्रसार का जो विश्वविद्यालय का मेडेड है। उसे कड़ी में बड़ी संख्या में छात्र कृषि के क्षेत्र में आगे आ रहे हैं। इस मेले में हर तरह की नई तकनीक का लाइव डेमोस्ट्रेशन दिखाया गया है। जिसे किसान देखकर काफी प्रभावित हुए हैं। इस मेले के माध्यम से हमें किसानों के साथ और जुड़ने का मौका मिला है।

Kunal Gupta
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