Thursday, January 9, 2025
Patna

रेडियो दिवस ;मोबाइल ने बढ़ाया रेडियो का दायरा,लोग सुन रहे आकाशवाणी से अंगिका के गीत

पटना।स्मार्ट फोन के दौर में इंटरनेट और ऐप ने रेडियो का दायरा भी बढ़ा दिया है। पहले आकाशवाणी भागलपुर का अंग और संथाल परगना क्षेत्र तक ही प्रसारण होता था। लेकिन डिजिटल युग में भी रेडियो का दायरा बढ़ा है। भारत सहित दूसरे राज्य व देशों के श्रोता भी अंगिका भाषा को सुन रहे हैं। लेकिन इंटरनेट और ऐप के माध्यम से देश के विभिन्न राज्यों के अलावा विदेशों में रह रहे हिन्दी और अंगिका भाषी के लोग भी इसे सुन रहे हैं। वहां से फोन, ईमेल व पोस्टकार्ड के माध्यम से श्रोता गीतों की फरमाइश करते हैं।

 

वर्ष 1967 में अलीगंज स्थित भागलपुर आकाशवाणी केंद्र की स्थापना हुई थी। इस 57 साल के सफर में भागलपुर केंद्र ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। पहले इस केंद्र से सिर्फ दिल्ली पटना और रांची के कार्यक्रमों को ही प्रसारित किया जाता था। आकाशवाणी भागलपुर ने 1970 में स्वनिर्मित कार्यक्रमों की शुरुआत की। सबसे पहले भक्ति-संगीत के कार्यक्रम वंदना की शुरुआत हुई। इसके बाद यहां से खेती किसानी, ग्राम जगत, युववाणी, खेती-गृहस्थी सहित अन्य कार्यक्रमों का प्रसारण होने लगा। 1988 में आदमपुर स्थित प्रसार भारती का वर्तमान कार्यालय और स्टूडियो अस्तित्व में आया।

 

अपनी संस्कृति व लोक गीतों से जोड़ रहा रेडियो भागलपुर आकाशवाणी केंद्र के निदेशक अतुल कुमार प्रियदर्शन ने बताया कि इंटरनेट और एप ने रेडियो का दायरा बढ़ाया है। जिसके कारण भागलपुर आकशवाणी केंद्र से प्रसारित कार्यक्रम को भारत के अलावा फिनलैंड, दुबई, कतर, नेपाल, बांग्लादेश सहित अन्य देशों से श्रोता सुनते हैं। कार्यक्रमों की लोकप्रियता को देखते हुए फिनलैंड के रेडियो स्टेशन से यहां के कार्यक्रमों का क्लिप भी मांगा गया था। भागलपुर आकाशवाणी केंद्र के प्रसारण निष्पादक सौरव कुमार ने बताया कि एक समय था जब कभी घर और चौबारों में रेडिया की आवाज खूब गूंजती थी। भागलपुर आकाशवाणी केंद्र से प्रसारित कार्यक्रम को लोग खूब सुनते थे।

 

रेडियो अच्छा और सस्ता साधन

भागलपुर आकाशवाणी केंद्र के निदेशक ने बताया कि रेडिया सर्वाधिक पहुंच व सस्ता साधन होने के कारण हर आयु वर्ग के लोगों के बीच लोकप्रिय है। इसे किसान, मजदूर, युवा, महिला हर वर्ग के लोग सुनते हैं। जिन्हें ध्यान में रखकर कार्यक्रमों का प्रसारण किया जाता है। रेडियो की लोकप्रियता बनाए रखने के लिए प्रसार भारती जल्द ही ओटीटी प्लेटफॉर्म व इंटरनेट एफएम की लॉन्चिंग करने जा रहा है। इससे रेडियो की पहुंच और बढ़ेगी।

Kunal Gupta
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