Tuesday, December 24, 2024
Patna

पटना की जिला परिषद की कुर्सी गई, समर्थन में किसी पार्षद ने नहीं किया मतदान, जाएंगी कोर्ट

पटना। राजधानी के विकास भवन का शनिवार को राजनीतिक तापमान चरम पर था। जिला परिषद अध्यक्ष कुमारी स्तुति अपनी कुर्सी नहीं बचा सकीं। इसके बाद शाम तक गहमागहमी बनी रही। दावे पर दावे किए जाते रहे। परिणाम को लेकर जिप अध्यक्ष ने सवाल उठाए हैं।उन्होंने कहा है कि वे परिणाम के विरोध में कोर्ट की शरण लेंगी। उनका कहना है कि कुल सदस्यों की संख्या के अनुसार जबतक अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 23 वोट नहीं पड़ेगा, उन्हें अध्यक्ष पद से नहीं हटाया जा सकता।

 

 

 

 

इधर अविश्वास प्रस्ताव लाने वाली पूर्व अध्यक्ष अंजू देवी का कहना है कि इस मामले में पटना हाइकोर्ट का निर्देश है कि जितने सदस्य उपस्थित रहेंगे, उनकी संख्या के आधार पर ही परिणाम तय होगा। इस तरह से कुमारी स्तुति अध्यक्ष पद से हट गई है।

 

44 में से 22 सदस्य ही आए बैठक में

 

पक्ष-विपक्ष की खेमेबंदी के बीच जिला परिषद के 44 में अध्यक्ष समेत 22 सदस्य ही विशेष बैठक में उपस्थित हुए। इंतजार के बाद भी पार्षद नहीं पहुंचे तो उपस्थित पार्षदों के बीच ही मतदान का निर्णय लिया गया। मतदान के दौरान दोपहर 1.30 बजे अध्यक्ष बैठक का बहिष्कार करके मतदान कक्ष से बाहर निकल गईं।इस बीच उपाध्यक्ष आशा देवी की अध्यक्षता एवं एडीएम खगेश चंद्र झा की देखरेख में मतदान कराया गया। इसमें 21 सदस्यों ने भाग लिया। उनमें से 19 मत अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में पड़े। दो सदस्यों ने सादा पेपर डालकर किसी के पक्ष में मतदान नहीं किया।

 

मैं न्यायालय में जाऊंगी, विरोधी 23 रहते तब जाती मेरी कुर्सी

अविश्वास प्रस्ताव पारित हो जाने के बाद कुमारी स्तुति ने आरोप लगाया कि नियमों की अनदेखी कर उनके खिलाफ फैसला सुनाया गया है। वर्तमान में 44 सदस्य हैं। ऐसे में विरोध में 23 सदस्यों के रहने पर ही मेरी कुर्सी जाती। लेकिन, जबरन मुझे कुर्सी से हटाया गया है।

 

मैं न्यायालय की शरण लूंगी। 19 सदस्यों ने ही अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया है। उनका दावा है कि अनुपस्थित सारे सदस्य उनके पक्ष में हैं। उपस्थित दो सदस्यों ने किसी के पक्ष में मतदान न करके मेरे पक्ष में फैसला सुनाया है। न्यायालय के फैसले पर अविश्वास प्रस्ताव पर हुआ मतदान

अंजु देवी पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष अंजू देवी ने कहा कि कुमारी स्तुति की कुर्सी चलीं गई। उनके पक्ष में एक सदस्य भी मतदान करने के लिए नहीं आए। सभी 21 सदस्य अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में थे। वे सदस्यों का विश्वास खो चुकी हैं।

 

न्यायालय ने स्प्ष्ट निर्देश दिया था कि अविश्वास प्रस्ताव के दौरान मौजूद सदस्य मतदान करेंगे। अविश्वास प्रस्ताव पर 26 सदस्यों ने हस्ताक्षर किया था। अंजू देवी ने बताया कि अध्यक्ष पद के लिए वे चुनाव लड़ेंगी। उनका पांच वर्षों का कार्यकाल सदस्य देख चुके हैं।

 

अविश्वास प्रस्ताव में हमेशा बचती रही है कुर्सी

वर्ष 2001 से अब तक पटना में पांच जिला परिषद अध्यक्ष चुने गए। उनमें से पांचवीं को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी। जिला परिषद अध्यक्ष का चुनाव 27 वर्षो के बाद 2001 में हुआ था। संजय कुमार यादव अध्यक्ष बने। दूसरी बार में शकुंतला देवी 2009 से 2011 तक रहीं। तीसरी अध्यक्ष के रूप में नूतन पासवान 2011 से 2016 तक रहीं।

 

चौथी अध्यक्ष अंजू देवी बनीं, जो 2016 से 2021 तक इस पद पर रहीं। 2021 में अंजू देवी और कुमारी स्तुति के बीच अध्यक्ष पद के लिए मुकाबला हुआ था, तब कुमारी स्तुति अध्यक्ष बनने में सफल हो गईं थी। लेकिन जैसे ही दो वर्षों का उनका कार्यकाल पूरा हुआ, अविश्वास प्रस्ताव आयापी और उनकी कुर्सी चली गई।

Kunal Gupta
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