बिहार के प्रसिद्ध जर्दालू आम को वैश्विक पहचान दिलाने दुबई पहुंचे किसान,मार्केटिंग को लेकर किया यह काम
पटना।भागलपुर। भागलपुर के प्रसिद्ध जर्दालू आम को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने की कवायद शुरू हो गई है। इसे लेकर राज्य के तीन किसान दुबई गए हैं।टीम में भागलपुर के आम उत्पादक किसान विभु दुबे भी हैं, जो जर्दालू आम के बारे में अपनी राय रखेंगे। इस कार्य में कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) किसानों को सहयोग कर रहा है।
एपीडा के सौजन्य से बिहार, उत्तराखंड व उत्तरप्रदेश के एफपीओ व प्रगतिशील किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल यूएई के प्रशिक्षण भ्रमण कार्यशाला के लिए वाराणसी व लखनऊ एयरपोर्ट से तीन ग्रुपों में गए हैं।
तीन किसानों को कराई जा रही विजिट
इन्हें कृषि आपूर्ति शृंखला व मार्केट लिंकेज का अनुभव प्रदान कराने के लिए भेजा गया है। 3 किसानों काे दुबई का एक्सपोजर विजिट कराया जा रहा है।भागलपुर के आम उत्पादक संगठन मैंगो लिटिका फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी के निदेशक विभू दुबे दुबई में जर्दालू आम के एक्सपोर्ट को लेकर वहां के व्यवसायियों से वार्ता कर रहे हैं। वे अगले दो दिनों तक वहीं रहेंगे। दुबई में जर्दालू आम के शैकीन हैं। इसलिए वहां इस आम की मांग अधिक है।
पर भागलपुर के किसान पर्याप्त मात्रा में आम की आपूर्ति वहां नहीं कर पा रहे हैं। पिछले साल सुल्तानगंज के किसान मनीष कुमार सिंह ने चार टन आम दुबई भेजा गया था। विभू ने बताया कि इस बार भारी मात्रा में आम दुबई के व्यवसायियों को एक्सपोर्ट किया जाएगा।
लगातार बढ़ रही मांग
विशिष्ट सुगंध और स्वाद के लिए जर्दालू आम को 2018 में जीआइ टैग (विशिष्ट भौगोलिक पहचान) मिल चुका है। जीआइ टैग उन उत्पादों के लिए दिया जाता है, जो एक खास भौगोलिक क्षेत्र में तैयार किए जाते हैं। भागलपुर के प्रसिद्ध जर्दालू आम को जीआइ टैग मिलने से विदेश में इसकी मांग बढ़ने लगी है।जर्दालू की दीवानगी ऐसी है कि आम तैयार होने से पहले ही कई देशों से आपूर्ति का अनुरोध आ रहा है। इस वर्ष जर्दालू आम दुबई के साथ श्रीलंका, ब्रिटेन और बांग्लादेश में भी इसे भेजा जाएगा। इसे लेकर जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी ने कृषि विभाग के साथ-साथ उद्यान विभाग को कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश दिया है।
आम के निर्यात को लेकर अभी से तैयारी शुरू करने को कहा गया है। विभाग की ओर से किसानों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। विज्ञानियों को बगीचा लेजाकर किसानों को सलाह दिलाई जा रही है।जर्दालू आम का स्वाद, मिठास और रंग अनूठा है। इस कारण इसकी मांग सर्वाधिक है। वाणिज्य मंत्रालय की एजेंसी एपीडा अपने पंजीकृत पैकहाउस केंद्रों द्वारा निर्यात में मदद कर रहा है। इस साल विदेश में आम के निर्यात को लेकर कार्ययोजना बनाई जा रही है। – अभय कुमार मंडल, जिला उद्यान पदाधि”