Sunday, November 24, 2024
DarbhangaPatna

पद्मश्री पुरस्कार से राम कुमार मल्लिक होंगे सम्मानित, दरभंगा में बोले- यह कला का सम्मान है,ध्रुपद संगीत…

पटना।दरभंगा.ध्रुपद संगीत के लिए देश व विदेशों में प्रसिद्ध दरभंगा घराने के पंडित राम कुमार मल्लिक पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। इस ऐलान के बाद उनके घर में खुशी का माहौल है। बधाई का सिलसिला लगातार जारी है। 71 वर्षीय पंडित राम कुमार मल्लिक ने कहा कि यह कला का सम्मान है।इससे पहले उनके चचेरे दादा पंडित रामचतुर मल्लिक भी इस सम्मान नवाजा गया था। उन्होंने बताया कि 13वीं पीढ़ी से उनके वंशज इस संगीत का प्रतिनिधित्व करते आ रहे हैं। उन्हें यह विरासत अपने पिता और गुरु विश्व प्रसिद्ध ध्रुपद लीजेंड पं. विदुर मल्लिक से मिली। उन्हें अपने दादा सुखदेव पंडित से भी सीखने का अवसर मिला।

 

भूपत खां से सीखी थी कला

 

दरभंगा का अमता घराना शास्त्रीय संगीत के लिए विश्वख्याति प्राप्त कर चुका है। ध्रुपद गायन की विशिष्ट शैली यहां की खासियत है। इस घराने की 12वीं व 13वीं पीढ़ी के कलाकार देश-दुनिया में परचम लहरा रहे हैं। पं. रामकुमार मल्लिक ने अपने पिता पं. विदुर मल्लिक के नाम से ध्रुपद संगीत गुरुकुल की स्थापना कर निशुल्क प्रशिक्षण देकर इस परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। इसके संस्थापक पं. राधाकृष्ण और पं. कर्ताराम मल्लिक ने भूपत खां से ध्रुपद गायन सीखा था। भूपत खां लखनऊ के नवाब सिराजुद्दौला के दरबारी गायक थे। उन्हें तानसेन के उत्तराधिकारियों में से माना जाता है। अठारहवीं शताब्दी के अंतिम दशक में एक बार भूपत के अनुरोध पर मल्लिक बंधुओं ने लखनऊ के दरबार में ध्रुपद गायन किया।

 

 

घर में रखे पुरस्कार

बताया जाता है कि संयोगवश उस वक्त दरबार में दरभंगा महाराजा माधव सिंह (1785-1805) भी उपस्थित थे। उन्होंने मल्लिक बंधुओं के गायन से प्रभावित होकर दरभंगा आने का आमंत्रण दिया। यहां आकर मल्लिक बंधुओं ने अपने गायन की प्रस्तुति की। इससे प्रसन्न होकर तत्काल दरभंगा महाराज ने मल्लिक बंधुओं को दरबारी गायक नियुक्त करते हुए जमींदारी प्रदान की। यह घराना वर्तमान बहेड़ी प्रखंड कीनारायण दोहट पंचायत स्थित अमता गांव में स्थापित हुआ। वर्ष 2017 में इस घराने की 12वीं पीढ़ी के पं. रामकुमार मल्लिक ने बेटे डॉ. समित मल्लिक के साथ विदेशों में ध्रुपद गायन प्रस्तुत कर वाहवाही बटोरी। अपनी समृद्ध और शक्तिशाली आवाज के लिए चर्चित पंडित राम कुमार मल्लिक इससे पहले कई पुरस्कारों से सम्मानित हो चुके हैं।

 

1957 में हुआ था जन्म

1957 में दरभंगा के अमता गांव में जन्मे पंडित राम कुमार मल्लिक दरभंगा घराने (परंपरा) के प्रतिष्ठित संगीत परिवार से हैं। इस संगीत वंश की 12वीं पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करते हैं। पं. राम कुमार मलिक को ध्रुपद संगीत अपने पिता और गुरु विश्व प्रसिद्ध ध्रुपद लीजेंड पं. विदुर मलिक से विरासत में मिला। उन्हें अपने दादा लेफ्टिनेंट पंडित से भी सीखने का अवसर मिला।

Kunal Gupta
error: Content is protected !!