रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के दिन महावीर मंदिर में मनेगा उत्सव:1100 दिए जलाए जाएंगे
Patna:आयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के अवसर पर महावीर मंदिर में उत्सव मनाया जाएगा। इस दिन मंदिर के दक्षिणी कोने पर स्थित सीता-राम की प्रतिमा के सामने सुबह 9 बजे से अखंड कीर्तन का आयोजन होगा। रात 9 बजे तक रामचरितमानस से रामजन्म प्रसंग और अन्य रामधुन कीर्तन होगा। महावीर मंदिर न्यास सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि अयोध्या में राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर में रामलला की स्थापना का जो संकल्प वर्षों पहले लिया गया था, उसके पूरा होने पर उत्सव का आयोजन होगा।
महावीर मंदिर प्रांगण में 1100 दीए जलाए जाएंगे
मंदिर को फूलों से सजाया जाएगा। 22 जनवरी को दोपहर 2 बजे से शुद्ध देशी घी में तैयार हलवा प्रसाद का वितरण भक्तों के बीच किया जाएगा। इसके साथ ही अयोध्या में होनेवाले प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का लाइव प्रसारण मंदिर परिसर में लगे एलइडी स्क्रीन पर किया जाएगा। संध्या 6 बजे मंदिर प्रांगण में 1100 दीए जलाए जाएंगे।
10 हजार किलो नैवेद्यम होगा तैयार
आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि लंका विजय के बाद जब मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अयोध्या लौटे थे, तब अयोध्यावासियों ने पूरे नगर में दीप जलाकर उत्सव मनाया था। 22 जनवरी को रामजन्मभूमि पर नए मंदिर में रामलला प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा वैसी ही खुशी का अवसर है। भक्तों की संभावित भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के आवश्यक प्रबंध किए जा रहे हैं। इस अवसर पर 10 हजार किलो नैवेद्यम तैयार किया जा रहा है।
महावीर मंदिर
रामलला से महावीर मंदिर का खास संबंध
रामभक्त हनुमान के दो विग्रहों वाले प्रसिद्ध महावीर मंदिर का अयोध्या के राम जन्म भूमि से गहरा नाता रहा है। अयोध्या राम जन्मभूमि के लिए वर्षों चली कानूनी लड़ाई में आचार्य किशोर कुणाल ने ऐतिहासिक साक्ष्य प्रस्तुत किए। इलाहाबाद हाई कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक कानूनी लड़ाई में महती भूमिका निभाई। आचार्य किशोर कुणाल ने अयोध्या के इतिहास पर कुल 1600 पृष्ठों की ‘अयोध्या रिविजिटेड’ एवं ‘अयोध्या बियोंड एड्यूस्ड एविडेंस’ नाम से दो ऐतिहासिक पुस्तकों की रचना की। ये पुस्तकें दस्तावेज के रूप में इलाहाबाद हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में साक्ष्य के तौर पर प्रस्तुत की गई थी।
आचार्य किशोर कुणाल ने पेश किया था नक्शा
सर्वोच्च न्यायालय में निर्णायक बहस के दौरान आचार्य किशोर कुणाल ने नक्शा बनाकर उपलब्ध कराया, जिससे यह साबित हो सका कि विवादित ढांचे के बीचो-बीच रामलला का जन्म स्थान है। यह नक्शा राम जन्मभूमि के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के लिए निर्णायक कड़ी साबित हुआ। 9 नवंबर 2019 को राम जन्मभूमि के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तुरंत बाद आचार्य किशोर कुणाल ने दो महत्वपूर्ण घोषणाएं की। पहली घोषणा यह कि राम मंदिर निर्माण में महावीर मंदिर की ओर से 10 करोड़ रुपए की सहयोग राशि दी जाएगी। दूसरी घोषणा यह हुई कि रामलला के दर्शनार्थियों के लिए निःशुल्क राम-रसोई का संचालन किया जाएगा।
20 जनवरी से शाम में भी संचालित होगी राम रसोई
1 दिसंबर 2019 को विवाह पंचमी के दिन से राम जन्मभूमि से सटे अमावा राम मंदिर परिसर में महावीर मंदिर की ओर से राम रसोई शुरू हो गई है। यहां अभी औसतन 4 हजार राम भक्त 9 प्रकार के शाकाहारी शुद्ध व्यंजन करते हैं। 20 जनवरी से यह राम-रसोई शाम में भी संचालित होगी।
तब यहां देश-विदेश के औसतन 10 हजार भक्तों के प्रतिदिन निःशुल्क भोजन करने का अनुमान है। राम जन्मभूमि पर राम मंदिर निर्माण के लिए 5 मार्च 2020 को राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का खाता खुलने के दिन ही 2 करोड़ रुपए की पहली किश्त महावीर मंदिर द्वारा दे दी गई है। आगे प्रतिवर्ष 2 करोड़ दिए जाएंगे। 19 जनवरी को 2 करोड़ रुपये की अंतिम किश्त दी जाएगी।