मांझी की के.के पाठक से मांग;मंत्री-विधायक के बच्चे भी सरकारी स्कूलों में पढ़ें,ऐतिहासिक सुधार हो जाएगा
Patna:बिहार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के.के पाठक कई वजहों से चर्चा में हैं। शिक्षा सुधार से लेकर स्कूलों की टाइमिंग बढ़ाने, छुट्टी में कटौती के साथ-साथ वेतन रोकने को लेकर वे सुर्खियों में हैं। अब पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने उनसे बड़ी मांग रख दी है।
विधायक-मंत्री का बच्चा सरकारी स्कूल में पढ़े
जीतन राम मांझी ने कहा है, ‘वैसे तो के.के. पाठक साहब शिक्षा की दिशा में अद्वितीय काम कर रहे हैं पर यदि वे एक काम और कर दें तो शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक सुधार हो जाएगा। मुख्य सचिव का बच्चा हो या चपरासी का, विधायक का बच्चा हो या मंत्री का, सरकार से वेतन उठाने वालों के बच्चे सरकारी स्कूल में ही पढ़ेंगे।’
मुचकुंद दुबे की सिफारिश लागू करे सरकार- कुणाल, माले का राज्य सचिव
वहीं, भाकपा माले के राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि हमारी मांग रही है कि मुचकुंद दुबे की सिफारिश लागू की जाए। ये के.के. पाठक से नहीं होगा। ये सरकार कर सकती है। स्कूल को ऐसा बनाना चाहिए कि सभी बच्चे उसमें पढ़ें। समान स्कूल प्रणाली सरकार लागू करें।
सरकारी स्कूलों की बदहाल हालत दुरूस्त करें। सरकारी स्कूलों को निजी स्कूलों से बेहतर बनाएं। जैसे की परमानेंट शिक्षक की बहाली का बड़ा फैसला बिहार सरकार ने लिया है। किसी तानाशाही तरीके से या पॉपुलिस्ट तरीके से यह काम नहीं किया जा सकता। के.के. पाठक फरमान जारी कर दें और सरकार बजट नहीं बढ़ाए तो यह नहीं हो पाएगा। मांझी जी की भावना ठीक है पर सरकार के स्तर पर शिक्षा सुधार संभव है।