कर्पूरी ठाकुर को मिला भारत रत्न,जन्मशताब्दी पर सिक्का भी होगा जारी,केंद्र सरकार ने किया घोषणा
कर्पूरी ठाकुर न्यूज।।पटना. केंद्र सरकार ने महान समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की घोषणा की है. जन नायक कर्पूरी ठाकुर को यह सम्मान मरणोपरांत दिया जा रहा है. इसके अलावा उनकी जन्मशताब्दी पर 24 जनवरी को केंद्र सरकार सिक्का और नये स्वरूप का डाक टिकट जारी करेगी. बिहार के नेता कई वर्षों से जन नायक को भारत रत्न देने की मांग करते रहे हैं. कर्पूरी ठाकुर बिहार के दो बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं.
पिछड़ों को आरक्षण देने के लिए किये जाते हैं याद राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जन नायक कर्पूरी ठाकुर की तरह अति पिछड़ा समाज से आने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी गरीबों के कल्याण के लिए काम कर रहे हैं. सुशील मोदी ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर की सरकार ने ऊंची जाति के गरीबों और सभी वर्गों की महिलाओं के लिए बिहार में तीन-तीन प्रतिशत आरक्षण लागू किया था.कर्पूरी ठाकुर के पदचिह्नों पर चलते हैं ।
प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने कर्पूरी ठाकुर के पदचिह्नों पर चलते हुए ऊंची जाति के गरीबों को 10 फीसदी और सभी वर्गों की महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण पूरे देश में लागू कर दिया. उन्होंने कहा कि कर्पूरी ठाकुर की सरकार ने जब पिछड़े वर्ग के लिए 26 फीसदी आरक्षण लागू किया था, तब जनसंघ के वरिष्ठ नेता कैलाशपति मिश्र उनकी सरकार में वित्त मंत्री थे और आरक्षण नीति को उनका समर्थन था. श्री मोदी ने कहा कि भारत सरकार का संस्कृति मंत्रालय पहली बार कर्पूरी जन्मशती पर दिल्ली के विज्ञान भवन में विशेष कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है.
कौन है कर्पूरी ठाकुर।
कर्पूरी ठाकुर (24 जनवरी 1924 – 17 फरवरी 1988) भारत के स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षक, राजनीतिज्ञ तथा बिहार राज्य के दूसरे उपमुख्यमंत्री और दो बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं। लोकप्रियता के कारण उन्हें जन-नायक कहा जाता था।कर्पूरी ठाकुर का जन्म भारत में ब्रिटिश शासन काल के दौरान समस्तीपुर के एक गांव पितौंझिया, जिसे अब कर्पूरीग्राम कहा जाता है, में नाई जाति में हुआ था।जननायक जी के पिताजी का नाम श्री गोकुल ठाकुर तथा माता जी का नाम श्रीमती रामदुलारी देवी था। इनके पिता गांव के सीमांत किसान थे तथा अपने पारंपरिक पेशा नाई का काम करते थे।भारत छोड़ो आन्दोलन के समय उन्होंने २६ महीने जेल में बिताए थे। वह 22 दिसंबर 1970 से 2 जून 1971 तथा 24 जून 1977 से 21 अप्रैल 1979 के दौरान दो बार बिहार के मुख्यमंत्री पद पर रहे।
जननायक कर्पूरी ठाकुर का केवल इस्तेमाल हुआ
इधर, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रभाकर कुमार मिश्र ने कहा कि राजद प्रमुख लालू प्रसाद और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जननायक कर्पूरी ठाकुर का अपने राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं. पूरा देश जानता है कि महागठबंधन में शामिल नेताओं ने कर्पूरी ठाकुर को अपमानित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी.।