अपराधियों को पकड़ने के लिए ड्रोन का होगा इस्तेमाल,नए साल में बिहार पुलिस का मास्टर प्लान:नंबर भी जारी
पटना।बिहार पुलिस 2024 में 10 नए प्रयोग करेगी। आपराधिक घटनाओं को रोकने के लिए मिशन सुरक्षा-2024 लागू किया जा रहा है। अपराधियों पर नकेल कसने के लिए ड्रोन पुलिस यूनिट का गठन किया गया है। इसका इस्तेमाल अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई के वक्त रेकी और सर्विलांस के लिए किया जाएगा। इसके लिए टेक्निकल इक्विपमेंट के साथ ड्रोन पुलिस यूनिट काम करेगी।
ड्रोन पुलिस यूनिट ना सिर्फ बदमाशों की रेकी करेगी, बल्कि दियारा इलाकों में होने वाले अवैध कारोबार जैसे शराब निर्माण, हथियार निर्माण, अफीम की खेती, इन सब पर नजर रखेगी। बिहार पुलिस ने फैसला लिया है कि जरूरत के हिसाब से ड्रोन खरीदा जाएगा। इसको चलाने के लिए विशेष ट्रेनिंग भी दी जाएगी। ट्रेनिंग के बाद ड्रोन पायलट लाइसेंस भी दिया जाएगा।
ड्रोन और उसकी विशेषता
ड्रोन को यूएवी(अनमैन्ड एरियल वकील) कहा जाता है। इसका मतलब मानव रहित विमान है। एक प्रकार का ऐसा रोबोट जो बिना किसी पायलट या मानव के रिमोट प्रणाली से उड़ाया जाता है।
ड्रोन का प्रकार और वजन
नैनो ड्रोन- 250 ग्राम
माइक्रो ड्रोन- 250 ग्राम अधिक से 2 किलोग्राम से कम
स्मॉल ड्रोन- 2 किलोग्राम से अधिक 25 से कम
मीडिया ड्रोन- 25 किलोग्राम से 150 तक
लार्ज ड्रोन- 150 किलोग्राम से अधिक
जन सहयोग से अपराधियों पर कार्रवाई करने के लिए घोषित पुरस्कार नीति में भी बदलाव किया है। पुरस्कार की राशि को 50 हजार से बढ़ाकर 3 लाख रुपए कर दिया गया है।
हेल्प लाइन नंबर किया गया जारी
साथ ही अपराधियों की सूचना देने के लिए हेल्प लाइन नंबर-14432 जारी किया गया है। गुमशुदा लोगों की बरामदगी के लिए भी पुरस्कार की राशि की घोषणा की जाएगी। अवैध हथियारों के निर्माण, तस्करी और कारतूसों की तस्करी पर विशेष ध्यान रखा जाएगा। इसके लिए विशेष दल का गठन किया गया है।
अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी
नशीले पदार्थ और शराब की तस्करी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएग। नेटवर्क और सप्लाई चेन को चिन्हित कर ध्वस्त किया जाएगा। बेहतर तकनीक का उपयोग किया जाएगा। थाना स्तर तक आधुनिक सॉफ्टवेयर और उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे। एसटीएफ प्रशिक्षण संस्थान बोध गया को ट्रेनिंग का नोडल बनाया गया है। जिसके माध्यम से विशिष्ट प्रशिक्षण दिया जाएगा।