“अस्पतालों में सबके लिए मास्क जरूरी; पढ़िए कोविड के लिए सरकार की पूरी एडवाइजरी,एयरपोर्ट पर होगी कोरोना की रैंडम सैंपलिंग
पटना।देश के अन्य शहरों में कोरोना के बढ़ते केस के मद्देनजर बिहार में भी सतर्कता बरती जा रही है। इसकी रोकथाम के लिए शुक्रवार को एडवाइजरी जारी की गई। पटना, गया और दरभंगा एयरपोर्ट पर उतरने वाले यात्रियों की रैंडम सैंपलिंग होगी। शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने यह निर्देश दिया।
राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के प्राचार्य और अधीक्षक, जिला अस्पताल समेत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारी, सभी सिविल सर्जन के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में अपर मुख्य सचिव ने कहा कि कोरोना की आरटी-पीसीआर जांच की संख्या बढ़ाई जाए।
अस्पताल में आने वाले सभी लोगों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य हो। कोरोना के लक्षण लेकर अस्पताल आने वाले सभी मरीजों की जांच की जाए। अस्पताल के चिकित्सक, नर्स, पारा मेडिकल स्टाफ और कर्मचारियों के लिए पहले ही मास्क अनिवार्य किया जा चुका है।
इस बीच, राहत की बात यह है कि शुक्रवार को यहां कोरोना का एक भी मरीज नहीं मिला है। सरकारी के अलावा प्राइवेट अस्पताल, नर्सिंग होम, प्राइवेट लैब यदि कोरोना की जांच कर रहे हों तो उसकी रिपोर्ट नियमित पोर्टल पर अपलोड करने को कहा गया है।
कोरोना के अबतक मिले वैरिएंट से यह कम खतरनाक
कोरोना के जितने भी वैरिएंट हैं, उनकी अपेक्षा नया वैरिएंट जेएन.1 कम खतरनाक है। हालांकि क्रोनिक बीमारियों जैसे कैंसर, किडनी, लिवर, हार्ट, बीपी, शुगर के मरीजों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। क्योंकि, जिनकी मौत हुई है, वे पहले से किसी अन्य बीमारी से ग्रस्त थे।
इनमें से एक 65 साल की महिला मरीज शुगर और बीपी के अलावा अन्य बीमारियों से पीड़ित थी। नए वैरिएंट की मोर्टिलिटी रेट भी काफी कम है। लेकिन इसकी इन्फेक्शन रेट अधिक है। वैसे अभी तक बिहार में नए वैरिएंट की पुष्टि नहीं हुई है। हालांकि, कोरोना के जो मरीज मिले हैं, उनके सैंपल की जिनोम सिक्वेसिंग कराई जाएगी। जिनोम सिक्वेंसिंग के बाद ही पता चल पाएगा कि कोरोना का कौन-सा वैरिएंट यहां के लोगों को संक्रमित कर रहा है।
डरें नहीं… क्योंकि सिर्फ सर्दी-खांसी की शिकायत
राहत की बात यह है कि यह वैरिएंट बाकी से कम परेशान करने वाला है। संक्रमित होने पर सिर्फ सर्दी-खांसी की शिकायत हो रही है। बुखार नहीं आ रहा है। बुखार हो रहा है तो इसका मतलब है कि चेस्ट में इन्फेक्शन या निमोनिया है। इसका इलाज सिम्टोमेटिक ही चलता है। वैरिएंट कोई भी हो बचाव सभी से और सभी को करना है।
सावधानी जरूरी…क्योंकि संक्रमण दर अधिक
जेएम.1 वैरिएंट से संक्रमित मरीज ही देश-विदेश के शहरों में मिल रहे हैं। नए वैरिएंट की इन्फेक्शन रेट अधिक है। क्रोनिक बीमारियों से पीड़ितों को सावधान रहने की जरूरत हैं, क्योंकि इनकी इम्युनिटी कम होती है। गर्भवती महिला और बच्चों को भी अधिक सावधान रहना है।
कुछ बातें… जो हमलोग भूल गए हैं
कोरोना प्रोटोकॉल का पालन जरूर करें। घर से बाहर निकलें तो मास्क जरूर पहनें। कुछ देर के अंतराल पर साबुन से 20 सेकंड तक हाथ धोना या नियमित सेनेटाइज करते रहना चाहिए। सर्दी-खांसी जैसे लक्षण मिले तो जांच जरूर करा लें।