Manoj Bajpayee पहुंचे चंपारण के बेलवा गांव,ताजा की बचपन की यादें; लुत्फ भी उठाया
पटना।Manoj Bajpayee In Bihar फिल्म अभिनेता मनोज बाजपेयी सोमवार की शाम अपने पैतृक गांव बेलवा सपरिवार पहुंचे। गांव पहुंचते ही वे भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि मुझे दुनिया के किसी कोने में वह सुकून नहीं मिलता, जो बेलवा गांव की मिट्टी मुझे देती है। घर में प्रवेश करते ही उनकी आंखें भर आई। मां स्व. गीता देवी और पिता स्व. राधाकांत बाजपेयी को याद कर भावुक हुए।
उन्होंने कहा कि मां थी तो सबसे पहले आती थी और कहती थी मनोज आ गइल… और गले लगाती थी। अभी वह कमी खल रही है। मेरी पहचान बेलवा की मिट्टी से है। सुबह उन्होंने गांव और खेत का भ्रमण किया। लोगों का हाल-चाल लिया। साथ में उनकी धर्मपत्नी नेहा और बेटी नायला भी है।
दरवाजे पर जुटी भीड़, सेल्फी लेने की होड़
सुबह उनके दरवाजे पर लोगों की भीड़ जुट गई और सेल्फी लेने की होड़ लगी रही। सेल्फी सिर्फ युवाओं ने हीं नहीं ली। बल्कि बुजुर्ग और उनके बचपन के साथियों ने भी सेल्फी ली। अभिनेता के दरवाजे पर पहुंचे छात्र अभिषेक कुमार ने बताया कि अभिनेता मनोज बाजपेयी देश के गौरव हैं। चंपारण को पहले चंपारण सत्याग्रह से जाना जाता था। अब बाहर जाने पर लोग पूछते हैं कि मनोज बाजपेयी के गांव से हैं तो काफी गर्व महसूस होता है।
हड़बोड़ा नदी पर पुल देख हुए प्रसन्न
शाम के समय में उन्होंने होड़बोड़ा नदी पर बन रहे पुल को देखकर खुशी जाहिर किया किया। उन्होंने कहा कि पुल बनने से लोगों को बाढ़ के दिनों में आवागमन में दिक्कत नहीं होगी। गांव में भी लोगों से हालचाल लिया। खेतों में घूम कर मनोज बाजपेयी ने फसलों का जायजा लिया। उसके बाद घर पर चंपारण मटन का आनंद लिया। उन्होंने बताया कि चंपारण के मटन से हमेशा लगाव रहा है।”