बिहार के इस मेले मे लिट्टी-चोखा से भगवान राम को लगता भोग,40 से 50 लाख तक बिकता है उपला
Patna:बिहार के बक्सर में लगने वाले पंचकोसी मेला का आज अंतिम पड़ाव है। जहां पांचवें दिन कई जिलों से पहुंचे हजारों लोगों ने एक साथ लिट्टी चोखा बना कर भगवान राम को भोग लगा प्रसाद के रूप में ग्रहण किया। रामायण काल से चली आ रही मान्यता के मुताबिक, लिट्टी-चोखा का भोग सबसे पहले भगवान श्री राम को लगाया जाता है।
आज सुबह से लेकर शाम तक बक्सर जिले के अलावा रोहतास,आरा कैमूर और यूपी के गाजीपुर और बलिया जिले के घरों में भी लिट्टी-चोखा बनाने की परंपरा है। इसे शुभ माना जाता है। इसके साथ है बक्सर के विधायक संजय तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी द्वारा लिट्टी चोखा का भोज बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। तो वही स्थानीय सांसद अश्विनी चौबे को भी मेले में पहुंचने की सूचना है।
बसांव मठ में भगवान का होगा विश्राम
लिट्टी चोखा को लेकर कहा गया है कि इसका स्वाद भूलता नहीं है। कहावत है कि माई बिसरी बाबू बिसरी पचकोसवा के लिट्टी चोखा नाई बिसरी…। लिट्टी चोखा खाने के बाद बसांव मठ में भगवान ने विश्राम किया था। यहां से कढ़ी और बरी खिलाकर वहां से भगवान राम और लक्ष्मण को मिथिला विदा किया गया था।
आज भी वही परम्परा चलती चली आ रही है। बुधवार को लिट्टी चोखा को लेकर बक्सर में विशेष तैयारी की गई है। यहां दूर-दूर से लोग आकर लिट्टी चोखा खाने की तैयारी में लगे हैं। बक्सर के लिट्टी-चोखा मेले में करीब 52लाख का उपला (गोइठा) बिकने की उम्मीद है। गैस पर खाना बनाने के युग में इतनी मात्रा में उपले की व्यवस्था करना काफी समस्या है।
40 से 50 लाख तक होती कमाई
लेकिन यहां के कारोबारी गांव- देहात से उपले खरीद मेले में जगह-जगह इकठ्ठा करते हैं। मेले के दिन अपने हिसाब से कीमत लगा बेचते हैं। जिससे इनको काफी ज्यादा कमाई होती है। कारोबारी धीरेंद्र यादव और दिनेश चौधरी का कहना है कि हर साल 40 से 50 लाख रुपए का उपला (गोइठा) बिक जाता है। इस साल उससे अधिक बिकने की उम्मीद है।