एकादशी;23 दिसंबर को साल की अंतिम एकादशी:मोक्षदा एकादशी पर बरसेगी श्रीहरि विष्णु की कृपा,किया जाता है यह व्रत
पटना।23 दिसंबर को साल की अंतिम एकादशी है। मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को मोक्षदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। आचार्य राकेश झा ने बताया कि इस साल मोक्षदा एकादशी भरणी नक्षत्र और शिव योग में मनाई जाएगी। इस वर्ष की 26वीं एकादशी होगी। पंचांग के मुताबिक सामान्य वर्ष में 24 एकादशी होती है। एक एकादशी कृष्ण पक्ष और दूसरी शुक्ल पक्ष में पड़ती है, लेकिन इस साल अधिकमास होने के कारण 26 एकादशी पड़ी।
मोक्ष पाने के लिए किया जाता मोक्षदा एकादशी का व्रत
मोक्षदा एकादशी पर भगवान विष्णु की कृपा और मोक्ष पाने के लिए व्रत किया जाता है। एकादशी तिथि श्रीहरि विष्णु को समर्पित है। इसलिए एकादशी का व्रत करने वाले श्रद्धालु पर उनकी विशेष कृपा होती है। मोक्षदा एकादशी तिथि की शुरुआत 22 दिसंबर को सुबह 8 बजकर 16 मिनट पर होगी और तिथि का समापन 23 दिसंबर को सुबह 7 बजकर 11 मिनट पर होगा। जबकि पारण दोपहर 1 बजकर 22 मिनट से लेकर दोपहर 3 बजकर 26 मिनट तक होगा।
मोक्षदा एकादशी सर्वकामना पूर्ण करने वाली है एकादशी
उदयातिथि मान और द्वादशी तिथि का क्षय होने से साधु-संत, वैष्णव जन और गृहस्थ लोग एक साथ उसी दिन मोक्षदा एकादशी का व्रत मनाएंगे। एकादशी के दिन उपवास और श्रीहरि की विधिवत पूजा करने से जन्म-मृत्यु के चक्र से जातक को मुक्ति मिल जाती है। साथ ही पूर्वजों को भी मोक्ष की प्राप्ति होती है। शास्त्रों में मोक्षदा एकादशी की तुलना मणि-माणिक्य चिंतामणि से की गई है। इस एकादशी को सर्वकामना पूर्ण करने वाली एकादशी बताया गया है।