बीटेक स्टूडेंट सुसाइड केस,शिवम की मौत से टूटे स्वजन, दादा बोले, ‘ये कौन सा साफ्टवेयर प्लान कर..
पटना।मेरठ। शिवम का सिर हाथ में लेकर विकास घंटों उसे निहारता रहा। एकटक देखते बेबस पिता की आंखों से आंसू की अविरल धारा बही तो शिवम की तस्वीर धुंधला गई। पोस्टमार्टम गृह में बेटे की देह देख विकास पिता पुरुषोत्तम के सीने से लिपटकर रोया तो उसकी सिसकियां लोगों का दिल चीरती चली गई।
मोर्चरी में खड़े हर शख्स की आंखे नम हो गईं। शिवम की ओर देखते विकास बार-बार बस यही कह रहा था, बेटा मैंने तो तुझे साफ्टवेयर इंजीनियर बनने भेजा था, ये तूने मौत का कौन सा साफ्टवेयर प्लान कर लिया। रोते बिलखते विकास बस यही कहता रहा, मुझे न तो मुकद्दमा लिखवाना है, न ही इस शहर में फिर वापस आना है, पर यह तो जान लो आखिर मेरा शिवम मरा क्यों?
बिहार का रहने वाला था शिवम
मूलरूप से बिहार नवादा के गांव चौथा निवासी विकास बिल्डर है। चार बेटे-बेटियों में शिवम सबसे बड़ा था। शिवम को लेकर विकास ने अलग ही सपने सजाए थे। बेटे को साफ्टवेयर इंजीनियर बनाने का ताना-बाना बुना और उसे मेरठ भेज दिया।विकास बताते हैं, बेटे को आज पढ़ाई में कमजोर बता रहे हैं, कंपकंपाते हाथों में लिए प्रमाणपत्र दिखाते दादा पुरुषोत्तम ने कहा, देख लो यह हमेशा टापर रहा। न तो फीस का कोई झंझट था न ही घर की परेशानी, फिर आखिर वो कौन सी वजह थी जो शिवम ने खुद को खत्म कर लिया। विकास बताते हैं कि बिहार से सैकड़ों मील दूर उन्होंने शिवम को चाचा महेश सिंह के कहने पर बीटेक करने भेजा था।
चाचा गाजियाबाद में रहते हैं
गाजियाबाद में चाचा प्रोपर्टी का काम करते थे। उन्हें लगा चाचा की देखरेख में रहेगा और कोर्स पूरा कर लेगा। महेश की ओर देखकर विकास रोते हुए कह रहे थे, तुम्हारे साथ ही तो हंसते खेलते शिवम को भेजा था, बताओ अब यह इस हाल में कैसे पहुंच गया। दूर खड़ा महेश जवाब देने के बजाय हिचकियां में अपनी बेबसी छिपाता दिखाई दिया। सुबह बिहार से शिवम् के पिता व दादा छह सात स्वजन के साथ पहुंचे।शनिवार शाम को शिवम की मौत की खबर मिलते ही पूरा परिवार सन्न रह गया। कैसे जाए अब मेरठ..इस चिंता में किसी तरह ट्रेन पकड़कर वह दिल्ली और फिर रविवार दोपहर मेरठ पहुंचे।
पोस्टमार्टम के बाद शाम को जब वह शिवम का शव ले जाने लगे तो उनसे पूछा गया कि वह क्या कार्रवाई कर रहे हैं? किसी पर शक है या कोई वजह पता चली है? सवाल सुनते ही विकास की आंखों से आंसू बहने लगे। बोले..जो वजह कालेज बता रहा है, ऐसा कुछ नहीं है। विकास की मौत रहस्यमय है, इसकी जांच करानी चाहिए।विकास ने साफ कहा, वह बेटे को शव लेकर जा रहे हैं। यह यहां उनका आखरी सफर है। व न यहां आएंगे, न ही रिपोर्ट लिखाएंगे। पुलिस-कालेज को यह जरूर पता लगाना चाहिए कि आखिर उनका शिवम की मौत की वजह क्या हैं। इतना कहकर विकास बेटे शिवम का शव लेकर चला गए।
15 दिसम्बर को हुई थी बातचीत, तब तक सब सही
शिवम के पिता विकास ने बताया कि शिवम मानसिक रूप से सही था। 15 दिसम्बर को ही विकास की उनसे बातचीत हुई। वह बेहद खुश था। उन्होंने कहा कि उसकी मौत पूरी तरह रहस्यमय है। वह आत्महत्या नहीं कर सकता। पिता विकास कुमार ने बताया कि उनके तीन बेटे व एक बेटी है। शिवम सबसे बड़ा बेटा था। उससे छोटा बेटा शुभम, दूसरे बेटा सत्यम व एक बेटी श्रुति कुमारी है। सभी तीनों बच्चे पढ़ाई कर रहे है।
सोशल मीडिया पर पोस्ट को नकारा
विकास ने बताया कि शिवम ने सोशल मीडिया पर कुछ नहीं लिखा। जो पोस्ट प्रसारित की जा रही है वह फर्जी है। शिवम ने ऐसा कुछ नहीं लिखा। किसी ने फर्जी आइडी बनाकर यह पोस्ट प्रसारित की है। शिवम के कुछ दोस्त मेडिकल कालेज की माेर्चरी पर जरूर आए लेकिन बाद में वह वापस चले गए।इंस्पेक्टर परतापुर जयकरण सिंह ने बताया कि शिवम की पीएम रिपोर्ट के बाद मौत के कारण का पता चलेगा।पीएम रिपोर्ट मिलने के बाद पूरे मामले की जांच की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस पूरे मामले की पुलिस बारीकी से जांच करेगी। स्वजन जो बयान दे रहे हैं, उसके हर तथ्य को परखा जाएगा।