बिहारवासी परिंदों की तरह लेंगे हवा का मजा,पहला पैराग्लाइडिंग की इस दिन से होगी शुरुआत,जानें डिटेल
patna;पहली बार बिहार के पटना में लोग एयर एडवेंचर स्पोर्ट्स का मजा ले रहे हैं. इसके लिए पटना के मरीन ड्राइव पर पैराग्लाइडिंग की शुरुआत होने जा रही है. फिलहाल पैराग्लाइडिंग का ट्रायल चल रहा है. अभी से ही लोग इसका मजा लेने के लिए दूर-दूर से आ रहे हैं. पैराग्लाइडिंग का लुत्फ उठाने वाले लोगों का कहना है कि अब पटना में ही पैराग्लाइडिंग से आसमान और शहर को देख सकेंगे.
बिहार का पहला पैराग्लाइडिंग:
पटना का मरीन ड्राइव इन दिनों पर्यटन हब में तब्दील हो गया है. देर शाम होते ही मरीन ड्राइव में मेले जैसा नजारा देखने को मिलता है. इसी कड़ी में मरीन ड्राइव पर बिहार के पहले पैराग्लाइडिंग की सुविधा शुरू कर दी गई है. पर्यटक इसके माध्यम से आकाश और गंगा के लहरों को देख सकेंगे.
17 दिसंबर को उद्घाटन:
पैराग्लाइडिंग देखने के लिए लोगों का भीड़ उमड़ रही है. लोग इस पर चढ़कर आसमान से राजधानी का सुंदर नजारा और इमारत को देख रहे हैं. इसका उद्घाटन 17 दिसंबर को होगा लेकिन ट्रायल के रूप में अभी भी कई लोग सवार हो रहे हैं और आकाश से शहर का मजा ले रहे हैं. पैराग्लाइडिंग की शुरुआत करने वाले पटना के रवि सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बताया कि हम इस तरह का आनंद लेने के लिए दूसरे प्रदेश जाते हैं.
ट्रायल में ही उमड़ रही भीड़:
रवि ने कहा कि पैराग्लाइडिंग के लिए मसूरी ,काठमांडू, गोवा लोग जाते हैं. समय बर्बाद होता है, पैसा अधिक खर्च होता है. उन्होंने कहा कि अभी शुरुआत नहीं हुई है. हर शुरुआत के पहले टेस्ट ड्राइव होता है और टेस्ट ड्राइव के दौरान क्या कुछ कमी है लोगों को भरपूर इंजॉय आ रहा है या नहीं यह तमाम चीज को देखना होता है इसलिए टेस्ट उड़ान हो रहा है.
पैराग्लाइडिंग का समय:
सबसे बड़ी बात ये कि पैराग्लाइडिंग ट्रायल के दौरान ही बहुत सारे लोग आ रहे हैं और उड़ान भरने को लेकर उत्सुकता दिखा रहे हैं. प्रतिदिन सुबह 10:00 बजे से लेकर शाम तक लोग इसका आनंद ले सकेंगे. हालांकि मौसम को ध्यान में रखते हुए शाम होते ही बंद कर दिया जाएगा.पैराग्लाइडिंग के लिए प्रति व्यक्ति 2500 रुपया रखा गया है. 400 फीट की ऊंचाई और 2 किलोमीटर का दायरा के साथ 10 मिनट आकाश में भ्रमण तय किया गया है, जिसमें तीन राउंड होगा.
उड़ान के समय बरती जाएगी सावधानी:
उन्होंने कहा कि बहुत सारे लोग डरते हैं जो लोग डरते हैं उनके हिसाब से एक ही राउंड में लैंडिंग कर दी जाती है. गंगा के बीचो-बीच ज्यादातर नहीं उड़ाया जाता है क्योंकि किसी को डर लगे तो फिर लैंडिंग में समस्या होती है. उन्होंने कहा कि लोगों को जिस तरह से दूसरे प्रदेशों में ग्लाइडिंग का मजा मिलता है ठीक उसी प्रकार अब उनको पटना में मिलेगा.