Tuesday, December 24, 2024
Patna

पांच जजों की बेंच ने 370 पर दिया फैसला,आर्टिकल 370 अब नहीं लौटेगा,30 सितंबर तक होगा चुनाव 

patna;अनुच्छेद 370 को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ रहा है. सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि आर्टिकल 370 का प्रावधान उस समय युद्ध के बाद उपजे हालात को लेकर किया गया था. यह अस्थायी है और इसे बदला जा सकता था. इसे निरस्त करने के लिए केंद्र सरकार ने सही प्रक्रिया के तहत निर्णय लिया. जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. यह भारत के संविधान के अनुच्छेद 1 और 370 से स्पष्ट है. सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से जल्द चुनाव कराने और जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने का निर्देश दिया है.

 

चीफ जस्टिस ने कहा कि चुनाव को ज्यादा देर तक होल्ड पर नहीं रखा जा सकता. सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को 30 सितंबर 2024 तक जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने केंद्र सरकार से कहा कि जम्मू कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा दिया जाए. चीफ जस्टिस ने इसमें देरी नहीं करने कहा है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने 370 हटाने के केंद्र सरकार के फैसले पर मुहर लगा दी है.

 

370 एक अंतरिम व्यवस्था थी, एससी ने माना

 

चीफ जस्टिस ने माना कि भारत में विलय के बाद जम्मू-कश्मीर संप्रभु राज्य नहीं रहा. जम्मू कश्मीर में अब उसकी संविधान सभा नहीं है. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने माना कि राज्य में युद्ध के कारण अनुच्छेद 370 एक अंतरिम व्यवस्था के तौर पर लागू की गई थी. सीजेआई ने माना कि यह एक अस्थायी प्रावधान था. अनुच्छेद 1 और 370 के तहत सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने माना कि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है.

370 हटाने का फैसला एकीकरण के लिए

 

कोर्ट ने कहा कि संविधान सभा के भंग किए जाने के बाद भी राष्ट्रपति का अधिकार कायम है और मामले में राष्ट्रपति का आदेश जारी करने बिल्कुल सही है. मसलन, कोर्ट ने माना कि संविधान सभा की सिफारिश राष्ट्रपति के लिए बाध्यकारी नहीं थी. सीजेआई ने कहा कि 370 को हटाने का फैसला जम्मू-कश्मीर के एकीकरण के लिए है. सीजेआई ने माना कि धारा 370 को हटाने के लिए वैध प्रक्रिया अपनाई गई है.

पांच जजों की बेंच ने 370 पर दिया फैसला

 

जम्मू कश्मीर में इससे पहले सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी. मामले पर पांच जजों की बेंच ने एक लंबी सुनवाई के बाद 5 सितंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. बेंच की अगुवाई चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ कर रहे थे और जस्टिस एसके कौल, संजीव खन्ना, बीआर गवई और सूर्यकांत शामिल थे. पांच सदस्यीय बेंच के सामने 23 याचिकाएं थीं, जिनपर कोर्ट ने अपना फैसला दिया है.

Kunal Gupta
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