अश्लील फोटो और मैसेज सोशल मीडिया पर किए जा रहे पोस्ट,नही हो रही कारवाई
Patna।भागलपुर।फर्जी अकाउंट बनाकर सोशल मीडिया पर अश्लील फोटो, वीडियो और मैसेज के जरिए शरारती तत्व लोगों को बदनाम कर रहे हैं। इससे लोगों की जिंदगी तबाह हो रही है। पीड़ित साइबर थाना में शिकायत भी कर रहे हैं। लेकिन कार्रवाई के नाम पर पुलिस केवल उस अकाउंट को बंद करवा रही है। गिरफ्तार बहुत कम मामलों में ही हुई है। अब तक करीब 30 ऐसे अकाउंट को साइबर पुलिस बंद करवा चुकी है, लेकिन गिरफ्तारी मुश्किल से दस मामलों में भी नहीं हो सकी है।
कारण यह है कि शरारती तत्व दूसरे राज्यों के होते हैं और पुलिस वहां जाने से बचना चाहती है। ऐसी में उन शरारती तत्वों का मनोबल बढ़ने लगता है। वे दूसरा फर्जी अकाउंट बनाकर लोगों को तंग करना शुरू कर देते हैं। अश्लील वीडियो और फोटो बनाकर ब्लैकमेल करने से तंग आकर महिलाएं आत्महत्या तक करने का प्रयास करती हैं। पांच माह पहले भागलपुर में साइबर थाना खुला है। पुलिसकर्मियों को ट्रेनिंग भी दी गई है। लेकिन वे इसका उपयोग नहीं कर रहे हैं। केस-1 महिला ने किया था आत्महत्या का प्रयास 21 अक्टूबर को बबरगंज इलाके की एक महिला का वीडियो वायरल करने का मामला सामने आया।
यूपी के एक युवक से महिला का संपर्क हुआ। शादी के बाद महिला को लगातार ब्लैकमेल कर रहा था और अश्लील फोटो सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी दे रहा था। इससे परेशान होकर महिला ने आत्महत्या का प्रयास किया था। हालांकि परिजनों की सतर्कता से उसकी जान बच गई। इसमें बबरगंज थाने में केस दर्ज किया गया। इस मामले की पुलिस जांच ही कर रही है।
आईपीडीआर से पता चलता है कि किस डिवाइस पर बना है अकाउंट साइबर एक्सपर्ट दीपक गुप्ता बताते हैं कि फर्जी अकाउंट बनाने और उसका गलत इस्तेमाल करनेवालों की डिटेल रिपोर्ट संबंधित साइट्स से मांगने का लीगल प्रावधान है। पुलिस को यह अधिकार है। ऑनलाइन रिपोर्ट पर फर्जी अकाउंट को तुरंत बंद किया जाता है। इंटरनेट प्रोटोकॉल डिटेल रिपोर्ट (आईपीडीआर)से पता चल जाएगा कि किस मोबाइल नंबर से अकाउंट बनाया गया है और किस डिवाइस पर उसका इस्तेमाल किया जा रहा है। इससे आईपी एड्रेस पता चल जाता है।
फर्जी एकाउंट चलानेवालों को पकड़ने का हो रहा प्रयास ^फर्जी अकाउंट चलाने वालों की पहचान कर उसे पकड़ने का प्रयास किया जा रहा है। कुछ मामलों में आरोपी की गिरफ्तार भी की गई है। नाथनगर के आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। – रोशन गुप्ता, साइबर डीएसपी