gaming app के लिए रची खुद के अपहरण की साजिश, फोनकर कहा-1 लाख दो,बेटे को ले जाओ;फिर ऐसे पकड़ाया
gaming app ।patna news।नालंदा में एक युवक (21) ने गेमिंग ऐप के लिए खुद के अपहरण की साजिश रची। फिरौती के लिए घर वालों को फोन करने लगा। उसने घरवालों को फोन कर कहा- तुम्हारे बेटे को हमने किडनैप कर लिया है। बेटा चाहिए तो एक लाख रुपए तैयार रखना।
परिवार ने पुलिस में शिकायत की। जिसके बाद पुलिस ने 24 घंटे में ही मामले को सुलझा लिया। पुलिस जिस युवक को किडनैपर समझकर पकड़ रही थी, वो वहीं लड़का था, जिसकी किडनैपिंग की शिकायत की गई थी।
पुलिस की पूछताछ में पता चला कि युवक एक गेमिंग ऐप बनाना चाह रहा था। इसके लिए करीब 70 हजार रुपए का खर्च था। इस गेमिंग ऐप के जरिए वो आगे लाखों रुपए कमाना चाहता था। इसी 70हजार के लिए ही उसने अपने अपहरण की प्लानिंग की थी।
क्या है मामला
नरेंद्र कुमार चौधरी ने लहेरी थाने में 3 नवंबर को एक लिखित आवेदन दिया, जिसमें उन्होंने बताया कि उनके बेटे सिक्कू कुमार (21) का अज्ञात अपराधियों ने अपहरण कर लिया है। 2 नवंबर को उनका बेटा घर से निकला था, जो घर नहीं लौटा।
3 नवंबर की सुबह करीब 11:30 बजे अज्ञात अपराधियों ने फोनकर बताया कि उनके बेटे का उन लोगों ने अपहरण कर लिया है। फिरौती के रूप में उनसे 1 लाख रुपए की मांग की गई। पैसा कब और कहां पहुंचना है। इसके लिए अपहरणकर्ताओं ने 4 नवंबर को फोन कर जानकारी देने की बात कही, तब तक पैसे की व्यवस्था कर लेने की सलाह दी है।
एक दिन बाद पैसे लेकर आने को कहा
सीडीआर/टावर लोकेशन के आधार पर पुलिस ने मामले की जांच शुरू की। 4 नवंबर को सुबह 6:30 बजे नरेंद्र कुमार चौधरी को अपराधियों ने फोनकर फिरौती की राशि नवादा जिले के रजौली घाटी में पहुंचने को कहा। अपराधियों ने पैसा लेकर अकेले बस से आने और बस नंबर को व्हाट्सएप करने को कहा।
सादे लिवास में थे पुलिसकर्मी
नरेंद्र कुमार चौधरी ने फोन पर मिले सूचना की जानकारी लहेरी थाने को दी। इसके बाद वरीय पदाधिकारी के द्वारा टीम का गठन किया गया। युवक की बरामदगी और घटना में संलिप्त अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए प्लानिंग बनाई गई। इसके बाद नरेंद्र कुमार चौधरी को 65 हजार रुपए दिए गए और उनके साथ बस पर सादे लिवास में पुलिस टीम को भी भेजा गया।
फोन पर दे रहा था इंस्ट्रक्शन
बस जब पावापुरी चौराहा पार कर रही थी, तो अपहरणकर्ताओं ने नरेंद्र कुमार चौधरी को दोबारा फोन किया और बस से उतर जाने को कहा। इसके बाद उन्हें फिर से फोन किया गया और कहा कि पैसे को पावापुरी चौराहा के पास रखे ब्लू रंग की डस्टबीन में रख देना है और बस पकड़ कर वह घर चले जाएं। उनका बच्चा रामचंद्रपुर बस स्टैंड में मिल जाएगा। प्लानिंग के अनुसार नरेंद्र कुमार चौधरी बस से बिहार शरीफ लौट गए।
किडनैपर को पकड़ा तो पुलिस भी रह गई हैरान
इसके बाद पुलिस टीम दूर से डस्टबीन के पास नजर बनाए रखी, करीब एक घंटा बाद वहां एक युवक आया और डस्टबीन में पैसा ढूंढने लगा। जिसे देख पुलिस टीम के सदस्य वहां पहुंचे और युवक को हिरासत में ले लिया। पूछताछ में उसने अपना नाम सिक्कू कुमार बताया जो इस कांड का तथाकथित अपहृत निकला। गहन पूछताछ के बाद उसने बताया कि उसे मोबाइल वीडियो गेम का ऐप बनाना था। जिसमें करीब 70 हजार रुपए का खर्च था। इसलिए उसने अपने ही अपहरण की प्लानिंग की।
अपहरण की इस गुत्थी को सुलझाने में लहेरी थाना अध्यक्ष दीपक कुमार, दरोगा मिथिलेश कुमार पंडित, विकास कुमार, धर्मेंद्र कुमार समेत लहेरी थाना और DIU टीम और पुलिसकर्मी शामिल रहे।