“बच्चे का ‘पुनर्जन्म’ हुआ…इसलिए मां-पिता कर रहे छठ:बड़े बेटे की मौत के 2 साल बाद दूसरे का हुआ जन्म
पटना।छठ मइया की महिमा अपरंपार है। जिस दंपती को इलाज के दौरान डॉक्टर ने भी जवाब दे दिया था, उसी दंपती को घटना के दो साल बाद माता की कृपा से बेटे का जन्म हुआ। बेटा भी हू ब हू उसी बेटे की तरह है, जिसकी दुर्घटना में 7 साल पहले मौत हो गई थी। परिवार इसे छठ मइया की कृपा मानकर पूरी श्रद्धा के साथ बीते 4 वर्षों से छठ करता आ रहा है।
परिवार के सदस्यों का मानना है कि बेटे का छठ मां की कृपा से पुनर्जन्म हुआ है। दोनों का चेहरा एक जैसा है। जन्म की तारीख भी एक ही है। दोनों में कोई फर्क नहीं है।
नालंदा का रहने वाला है परिवार
नालंदा के रहने वाले शिवपूजन कुमार ने बताया कि हमलोग पूरे परिवार के साथ मुजफ्फरपुर से आ रहे थे। उसी दौरान कार एक्सीडेंट में मेरे बेटे शिवम की मौत हो गई। मेरा बेटा उस समय साढ़े सात वर्ष का था। जब हमलोग ठीक होकर घर आए तो सभी लोगों ने बोला अब आपको दोबारा से बाबू नहीं होगा। यहां तक कि डॉक्टर ने भी जवाब दे दिया। बावजूद इसके छठ मइया की कृपा से एक जैसे शक्ल में और एक ही तारीख को मेरे दूसरे बेटे का जन्म हुआ।
16 तारीख को बड़े वाले का जन्म हुआ था। उसके मौत के लगभग दो साल बाद 16 तारीख को ही छोटे वाले बच्चे का जन्म हुआ। शिवम के पिता का मानना है कि छठ मां की कृपा से बेटे का पुनर्जन्म हुआ है। उन्होंने ये भी दावा किया कि छोटे वाले बेटे को बहुत सारी वो बातें पता है, जो बड़े बेटे को पता थी।
गंगा में पत्थर से बांधकर प्रवाहित कर दिया था
छठ करने पटना कॉलेज घाट पहुंचीं शिवम की मां जूली कुमारी ने बताया कि बेटे की मौत के बाद उसे जलाया नहीं गया था। गंगा में पत्थर से बांधकर प्रवाहित कर दिया था। घटना के बाद उन्होंने ये प्रतिज्ञा ली थी कि जब तक गंगा मइया और छठ मइया बेटे को पुनः नहीं लौटाएंगी, तब तक पटना में कदम नहीं रखेंगी। मइया ने मेरी सुन ली और मेरे बेटे को उसी शक्ल और सेम तारीख को लौटा दी, जिस तारीख को मेरे पहले बेटे का जन्म हुआ था। मेरी खुशी दोगुनी है। सब कुछ मइया की कृपा से संभव हो पाया है। पूरे परिवार के साथ छठ करने आई हूं, छठ करने के बाद लौट जाऊंगी।