Monday, November 25, 2024
Patna

लड़की से बात करते देखा तो पेड़ से बांधकर पीटा,3 दिन बाद ससुराल में मिली 14 साल की बालिका वधू

पटना।मैं अभी 14 साल की हूं। मेरी तो शादी की उम्र भी नहीं हुई है। पंचायत ने जबरन मुझे दुल्हन बना दिया। मैं 3 दिनों तक ससुराल में बहू बनकर रही। पुलिस ने पकड़कर मां के घर पहुंचा दिया। हम दोनों अच्छे दोस्त हैं, बस बातें ही तो होती थी। नहीं पता था, हमारी पंचायत में बात करना भी गुनाह है। इस गुनाह के लिए पंचायत ने मुझे मार पीटकर पेड़ में बांधने की कोशिश की, फिर मेरे सामने दोस्त के कपड़े उतरवाकर पेड़ से बांधकर पीटा। हम दोनों को पूरी रात कमरे में बंद करके रखा गया। फिर सुबह जो हुआ, वह मैं कभी नहीं भूल पाउंगी। अब तो समझ में नहीं आता, मैं कुंवारी हूं या शादीशुदा..। पढ़िए बिहार में बाल विवाह के कड़े कानून के बाद भी पंचायत के फरमान पर नाबालिग को बालिका वधू बनाने की कहानी..।

 

 

 

सच की पड़ताल में ग्राउंड जीरो पर भास्कर

 

बिहार में बाल विवाह को लेकर काफी कड़ा कानून है। सरकार ने बाल विवाह में मुखिया और दूसरे जन प्रतिनिधियों की भूमिका तय की है। वर्ष 2022 में सरकार ने निर्णय लिया था, बाल विवाह पर मुखिया को हटाया जाएगा।

 

बाल विवाह की पड़ताल के लिए भास्कर की टीम पटना से लगभग डेढ़ सौ किलोमीटर दूर सीतामढ़ी जिले के परिहार थाना में लड़की के गांव पहुंची। घटना से गांव का माहौल बदला बदला सा दिखा। कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं था। गांव वाले संदिग्ध निगाहों से देख रहे थे। काफी पूछताछ करने पर लड़की का घर बताया गया। गांव के दक्षिण अंतिम घर पीड़िता का मिला। यहां हमें पीड़िता और उसकी मां मिलीं। दोनों ने पंचायत की जो कहानी सुनाई, वह आपको हैरान कर देगी।

 

 

लड़की ने बालिग होने का मांगा था समय..

 

नाबालिग ने बताया, एक साल पहले लड़का मेरे गांव की एक शादी में आया था। यहीं हम दोनो की दोस्ती हुई। फिर आपस में बातचीत होने लगी। मैं गांव में कम रही। पिता के साथ अहमदाबाद में रहती थी। इसलिए दोस्ती को कभी गलत नहीं समझा। यह बात हमारे घर वालों को भी पता था।

 

2 सितंबर की देर शाम लड़का मुझसे मिलने मेरे घर आया था। हम घर के बाहर बात कर रहे थे। मेरी मां भी वहीं थी। लेकिन पंचायत समिति के सदस्य मोहम्मद शाहिद ने हमें बात करते देख लिए। मेरी इज्जत की परवाह किए बगैर वह गांव के और लोगों को बुला लाए। पहले मुझे खूब मारा और कहा गांव की इज्जत लुटवा रही है। हम दोनों को खूब मारा पीटा, फिर लड़के को पेड़ से बांध दिया। इसके बाद हम दोनों को रात भर कमरे में बंद किया।

 

शादी का दबाव बनाया तो मैं गिड़गिड़ा रही थी, चाचा बस बालिग हो जाने दीजिए। मैं हाथ जोड़ती रही, बस बड़ी हो जाने दीजिए। वह नहीं माने और जबरन शादी कराकर लड़के के घर भेज दिया। हमारा वीडियो बनाकर वायरल भी कर दिया।

 

शादी के बाद पंचायत करने वाले फरार

 

दैनिक भास्कर की टीम पंचायत में नाबालिग की शादी कराने वालों की तलाश की। पता चला कि वह पुलिस की डर से फरार हैं। गांव वाले भी इतने डरे सहमे दिखे, वह भी कोई बात करने को तैयार नहीं हुए। लड़की के गांव से 10 किलो मीटर दूर हम बेला थाना इलाके में लड़के के गांव पहुंचे।

 

यहां भी कुछ वैसा ही खौफ दिखा। भास्कर की टीम से पहले गांव में पुलिस आई थी। पुलिस की गाड़ी देख लड़के के घर वाले और उनके करीब गांव से भाग गए थे। काफी इंतजार के बाद घर में हमारी उनसे मुलाकात हुई। चेहरे पर झलक रहे खौफ के साथ उन्होंने पंचायत की कहानी सुनाई..।

 

 

शादी नहीं टूटेगी..5 साल बाद लाऊंगा

 

लड़का बालिग है। वह लड़की की इज्जत को भी समझता है। लड़के ने साफ कहा, शादी की उम्र नहीं थी। मोहमद शाहिद और पंचायत में शामिल गांव के लोगों ने इज्जत का ख्याल नहीं किया। गांव की बेटी की इज्जत नीलाम कर दी। लेकिन भले ही जबरन शादी कराई गई है, मैं शादी नहीं तोडूंगा। बस नियम और कानून का पालन कर बालिग होने पर लड़की को घर लाऊंगा। मैं 5 साल इंतजार करूंगा।

 

लड़के के बड़े भाई और मां ने बताया, हम लोगों की इच्छा थी घर में कोई भी शादी होगी। धूमधाम से किया जाएगा। लेकिन पंचायत ने लुंगी की व्यवस्था की और कहीं से कुर्ता लाए। एक लाख 7 हजार 786 रुपए के मेहर में निकाह कुबूल करा दिए। मै गिड़गिड़ाता रहा, हाथ जोड़ता रहा, लड़की को बालिग होने तक इंतजार करने की बात कहता रहा, लेकिन मेरी एक बात नहीं सुनी गई। लग रहा था पंचायत में शामिल लोग कोई दुश्मनी निकाल रहे हैं।

 

2 को पिटाई 3 को शादी और 6 को रेस्क्यू

 

बचपन बचाओ आंदोलन के सीतामढ़ी जिला के प्रतिनिधि मुकुंद कुमार बताते हैं, हमे जबरन बाल विवाह कराने की सूचना मिली तो इसकी सूचना एसडीओ को दी। बीडीओ के निर्देश के बाद बेला थाने की पुलिस टीम के साथ रेस्क्यू किया। रेस्क्यू के बाद लड़की ने बताया 2 अक्टूबर को उनके साथ मारपीट की गई थी। 3 अक्टूबर की सुबह शादी करा दी गई। उसी दिन दोपहर 12 बजे तक लड़की को ससुराल भेज दिया गया। फिर 6 अक्टूबर की शाम 6 बजे रेस्क्यू के बाद लड़की को सीडब्लूसी के सामने पेश कर उसकी मां के सुपुर्द कर दिया गया। हालांकि अभी तक पुलिस ने पंचायत में शामिल लोगों पर कोई केस नहीं किया है।

 

3 माह में बाल विवाह का 3 मामला

 

बचपन बचाओ आंदोलन के मुकुंद बताते हैं, कड़े कानून के बाद भी सीतामढ़ी में बाल विवाह हो रहा है। पिछले 3 माह में ऐसे 3 मामलों में रेस्क्यू कर नाबालिग बच्चियों को सुरक्षित उनके परिवार वालों को सौंपा है।

 

पंचायत समिति का सदस्य सरकार के पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति का सदस्य होता है। लेकिन वही बाल विवाह करा रहे हैं। हर नाबालिग की शादी में उनकी भूमिका सवालों में रहती है। पंचायती राज विभाग का एक नोटिफिकेशन भी है, जिसमें साफ है कि इस कृत्य में शामिल सदस्यों की सदस्यता भी खत्म की जाएगी।

 

 

सवाल पर मुखिया जी की फूलने लगी सांस

 

मामला पंचायत का था, इसलिए सबसे पहले हम मुखिया के पास पहुंचे। लड़के का गांव इनके कार्य क्षेत्र में आता है। जब भास्कर ने सवाल किया तो मुखिया जी ने बुखार की बात कहकर बोलने में सांस फूलने की समस्या बता दी। बगल में बैठे अपने बेटे की तरफ इशारा करके बोले यही सब डील करते हैं।

 

मुखिया के बेटे ने तो मामले को ऐसा घुमाया जैसे वह कुछ जानता ही नहीं। उन्होंने कहा मामला आया था, आधार कार्ड मैं ठीक से देख नहीं पाया। अगर जबरदस्ती शादी कराई गई है तो पंचायत ने गलत किया है। हालांकि वह भी बहुत कुछ बोलने के बजाए कहा मैं सरकारी टीचर हूं। बस पिता जी का सहयोग कर देता हूं।

 

दो थानों की पुलिस ने उलझाया मामला

 

पुलिस ने जब रेस्क्यू कराया और मामला एसडीओ की जानकारी में था। इसके बाद भी पुलिस ने केस क्यों नहीं किया? इस सवाल का जवाब ढूंढने हम लड़की के गांव वाले थाना परिहार पहुंचे।

 

यहां पुलिस का कोई भी पदाधिकारी हमसे बात करने को राजी नहीं हुए। कैमरा से काफी दूरी बनाते हुए अधिकारियों से बात करने की सलाह दी। हम लड़के के गांव से संबंधित थाना बेला पहुंचे, यहां भी पुलिस का वही हाल था। थाना प्रभारी ने घटनास्थल का क्षेत्र परिहार बताते हुए कुछ भी बोलने से साफ इनकार कर दिया।

 

एसपी ने कहा, जांच के बाद करवाई

 

थानों से जवाब नहीं मिलने पर हम सीतामढ़ी के एसपी मनोज कुमार त्रिपाठी से मिले। जबरन बाल विवाह के सवाल पर उन्होंने कहा, यह समाज का जघन्य कृत्य है। इसमें शामिल कोई भी आरोपित बचने नहीं पाएगा। जांच कराकर इस मामले में करवाई की जाएगी।

Kunal Gupta
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