Monday, October 21, 2024
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Success Story;BPSC मे गृहणी ज्योति ने अफसर बन कर दिखाया कमाल,इन लोगो ने भी मारी बाजी

Success Story;शेखपुरा। BPSC 67th Final Result 2023 बीपीएसी ने शनि‍वार को 67वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया है। बीपीएससी की 67वीं परीक्षा में इस बार लड़कियों ने बाजी मारी है। टॉप-10 में 6 लड़कियों ने बाजी मारी है। बीपीएससी टॉपर शेखपुरा की ज्योति कुमारी की सफलता की कहानी (BPSC Success Story) खास है।

12वीं पास करते ही 2013 में शादी कर ज्योति कुमारी ससुराल आ गई थीं। आगे पढ़ाई की ललक थी, तो ससुराल ने भी ज्योति का साथ दिया। ज्योति ने चार साल बाद नालंदा कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई की। इसके बाद वह एकल परिवार की घर-गृहस्थी में जुट गई। एक पुत्री की मां बनीं।

बेटी के स्कूल शिक्षिका बनने से शुरू हुआ सफर
बीपीएससी परीक्षा पास करने जैसा ज्योति का कोई इरादा नहीं था। हालांकि, किताब व पत्रिकाएं पढ़ने की रुचि थी, तो ज्ञानवर्द्धक किताबें पढ़ना जारी रखा। बेटी बड़ी हो गई, तो पास के निजी विद्यालय में नामांकन करा दिया।

पति रूपेश कुमार आईटीआई कॉलेज में प्राचार्य पद की जवाबदेही निभाने निकल जाते और बेटी स्कूल चली जाती, तो घर काटने को दौड़ता, ऐसे में वह उसी निजी विद्यालय में शिक्षिका बन गई, जहां बेटी पढ़ती थी।

कोरोना काल में बीपीएससी क्लीयर करने की ठानी
2020 में कोरोना संक्रमण के कारण पूरे देश में लॉकडाउन लग गया। सपरिवार घर में कैद होना मजबूरी बन गया। इस बीच उनके पास काफी समय बचता था, तो उन्होंने सेल्फ स्टडी के बूते बीपीएससी की परीक्षा देने की ठानी।

बीपीएससी परीक्षा में ऐसे पाई सफलता
बेटी पीहू को संभालते हुए ज्योति बीपीएससी की तैयारी में जुट गई। इसके लिए उन्होंने इंटरनेट का सहारा लिया। इंटरनेट पर मौजूद बीपीएससी सिलेबस से संबधित कंटेट से उन्होंने तैयारी शुरू की।फिर क्या था, करीब तीन साल की मेहनत से ज्योति ने कमाल कर दिखाया। ज्योति ने बीपीएससी 67वीं में 465वीं रैंक हासिल की। अब वह किसी नगर पंचायत की कार्यपालक पदाधिकारी बनेंगी।

ईमानदार प्रयास की जरूरत
ज्योति बीते एक दशक से शेखपुरा जिले के बरबीघा के सकलदेव नगर मोहल्ला में पति व बेटी के साथ किराए के मकान में रह रही हैं।ससुराल मुंगेर के शेरपुर मोहल्ला में है। किसान ससुर अशोक यादव सपरिवार वहीं रहते हैं। मायका बक्सर जिले के नीमच के चौबेचक है।

ज्योति कहती हैं कि इस तरह की प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कभी भी कर सकते हैं। लगन सच्ची होगी, तो सफलता निश्चित प्राप्त होगी। शर्त यह है कि ईमानदारी से प्रयास होना चाहिए। 10वीं व 12वीं में मनोयोग से पढ़ना चाहिए। आधार उसी समय बनता है।

किसान की बेटी प्राची ने बीपीएससी में हासिल की 35वीं रैंक
जागरण संवाददाता, शेखपुरा। शेखपुरा के सदर प्रखंड के पैन गांव निवासी किसान प्रमोद महतो की बेटी प्राची कुमारी ने भी बीपीएससी की परीक्षा में सफलता प्राप्त की है। प्राची की इस सफलता पर लोग बधाई दे रहे हैं। प्राची ने 35वां रैंक प्राप्त कर एसडीएम के पद को प्राप्त किया है।

प्राची बताती हैं कि उनकी पढ़ाई दिल्ली से सरकारी संस्थानों से हुई है। स्नातक करने के बाद एक साल से वह एलएलबी की कर रही थी। वहीं, 2019 से गांव में रहकर ही ऑनलाइन क्लास के माध्यम से तैयारी किया और इस सफलता को हासिल की है।

खांडपर के सुजीत ने बीपीएससी में मारी बाजी
जागरण संवाददाता, शेखपुरा। शेखपुरा के खांडपर निवासी सुजीत कुमार ने बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा में सफलता पाई है। साधारण परिवार के इस युवक ने घर पर स्वाध्याय के बूते यह सफलता हासिल की है।जवाहर नवोदय विद्यालय से पढ़ाई किए सुजीत कुमार को ग्रामीण विकास पदाधिकारी के रूप में चयन किया गया है। वे अपनी इस सफलता के लिए मां और पिता के साथ अपने फूफा और फुआ को प्रेरणा का पुंज बताया है।

सुजीत की माता शेखपुरा जवाहर नवोदय विद्यालय में स्टाफ नर्स हैं। पिता सुरेश प्रसाद होम्योपैथिक चिकित्सक हैं। इनके फूफा अमरेंद्र कुमार उर्फ ईश्वर जी शहर के पुराने सामाजिक कार्यकर्ता हैं। परीक्षा में सफलता की सूचना पाकर लोग बधाई देने उनके घर पहुंच रहे हैं।”

Kunal Gupta
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