Wednesday, November 27, 2024
Patna

नार्थ-ईस्ट एक्सप्रेस डिरेल:पटरी खराब होने से डिरेल हुई थी ट्रेन,दिल्ली-हावड़ा रेल रूट ठप,31 ट्रेनें कैंसिल; 95 के रूट बदले

पटना।बिहार के बक्सर-आरा के बीच दिल्ली से कामाख्या जा रही नार्थ-ईस्ट एक्सप्रेस डिरेल हो गई। यह हादसा बुधवार की रात 9:53 बजे रघुनाथपुर स्टेशन के पास हुआ। इस भीषण ट्रेन हादसे में सौ मीटर तक रेलवे ट्रैक टूट गया। स्थिति यह है कि दुर्घटना के एक दिन बाद भी रेलवे लाइन को रिस्टोर नहीं किया जा सका है। पिछले 32 घंटे से पटना-पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेल लाइन पर ट्रेनों का परिचालन ठप है। 95 ट्रेनों का रूट बदला गया है और 31 ट्रेनों को रद्द की गई है।

 

हादसे के बाद से पूर्व मध्य रेल के जीएम, दानापुर रेलमंडल के डीआरएम समेत कई वरीय अधिकारियों के साथ साथ रेलवे के आईजी और डीआईजी मौके पर कैंप कर रहे हैं। रेलवे के 300 से अधिक कर्मचारी बेपटरी हुई बोगियों को क्रेन की मदद से हटाने में जुटे हैं। इसके साथ ही ट्रैक को रिस्टोर किया जा रहा है, ताकि शीघ्र ट्रेनों का परिचालन शुरू हो सके। वहीं, रेलवे के इंजीनियर घटना की मुख्य वजह जानने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, शुरुआती जांच मं पटरियों में खामी बताई जा रही है।

 

 

इस भीषण ट्रेन हादसे में चार लोगों की मौत हो गई है और 100 से अधिक यात्री घायल हैं। घटना के दूसरे दिन गुरुवार को डिरेल बोगियों को हटा दिया गया है। बता दें कि पटरी पूरी तरह क्षतिग्रस्त होने की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में देरी हुई।

 

 

 

हादसे के बाद मदद के लिए पहुंचे ग्रामीणों ने बताया कि मैंने कभी ऐसा हादसा नहीं देखा था। लोग चीख रहे थे और मदद मांग रहे थे। राकेश ने बताया कि हादसा होने के बाद घटनास्थल पर बिजली नहीं थी। काफी अंधेरा था। इससे रेस्क्यू में काफी दिक्कत हुई। हम लोगों ने मोबाइल की फ्लैश लाइट जलाकर रेस्क्यू शुरू किया।

 

राकेश ने बताया ट्रेन के अंदर कई लोग फंसे थे, जिन्हें ग्रामीणों की मदद से बाहर निकाले। वहीं हादसे के करीब एक से डेढ़ घंटे बाद बचाव दल और पुलिस टीम पहुंची और फिर राहत कार्य ठीक से शुरू हुआ। उसके बाद घायल यात्रियों को एंबुलेंस की मदद से अस्पताल भेजे जाने लगे।

 

 

हादसे की सूचना मिलते ही सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण रघुनाथपुर स्टेशन पहुंच गए और राहत बचाव में जुट गए। राकेश कश्यप ने बताया कि रात करीब पौने 10 बजे मेरे करीबियों का कॉल आया। उन्होंने बताया कि नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस दुर्घटना हो गई है। हादसा बड़ा है। सूचना मिलते ही बिना देरी किए रघुनाथपुर स्टेशन पहुंचे और राहत बचाव में जुट गए।

 

जिनेश कुमार ने लगभग 150 लोगों को ट्रेन से बाहर निकाला

 

रघुनाथपुर के रहने वाले जिनेश कुमार ने ग्रामीणों के साथ मिलकर करीब 150 लोगों को ट्रेन की बोगियों से बाहर निकाला। जिनेश कुमार बताते हैं कि ट्रेन डिरेल होने की सूचना मिलने के बाद दौड़ता हुआ मौके पर पहुंचे। घटनास्थल का दृश्य भयावह था। चीख पुकार के बीच ग्रामीणों के साथ मिलकर लोगों की मदद में जुट गए और फंसे लोगों को ट्रेन से बाहर निकलने लगे। इसके बाद पुलिस की टीम घटनास्थल पर पहुंची। बावजूद हम लोग लोगों को बचाने में जुटे रहे।

 

 

कांच तोड़कर यात्रियों को निकाला गया बाहर

 

रघुनाथपुर पीएचसी में घायलों को पहुंचाने वाले एक ग्रामीण ने बताया कि मैं सोने की तैयारी कर रहे थे। इसी दौरान मेरे घर एक लड़का दौड़ कर पहुंचा और हादसे की जानकारी दी। फिर हम अपनी बाइक निकाले और मौके पर पहुंचे। सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण पहुंचकर यात्रियों की मदद कर रहे थे। बोगी से यात्रियों को निकाला जा चुका था। एक बोगी का कांच तोड़ दिया गया। फिर उसमें फंसे यात्रियों को बाहर निकाले।

 

खाना खाने के बाद सो रहे थे यात्री अचानक सीटों पर से गिर पड़े

 

पैसेंजर्स मालती देवी ने बताया कि हादसा इतना जबरदस्त था कि काफी देर तक बोगी में ही गिरते रहे। यात्रियों की आंखों के सामने मौत का मंजर साफ दिख रहा था। उन्होंने बताया कि वो आनंद विहार से खगड़िया आ रही थी। बक्सर से ट्रेन खुलने के बाद सोने चली गई। इस बीच ट्रेन बेपटरी हो गई। मेरे साथ दो छोटे बच्चे थे, जिसमें एक को हल्की चोट लगी है।

 

वहीं, शारदा स्लीपर बोगी में बैठी थी। शारदा ने बताया कि घटना के समय अचानक बहुत जोर से आवाज आई। हमें लगा ट्रेन कोई पुल पार कर रहा है। लेकिन अचानक सीट से कई यात्री गिरने लगे। जब संभले तो अपनी-अपनी जान बचाकर ट्रेन से बाहर भागने लगे। वहीं, 14 साल की करीब आयशा अपने परिवार के साथ बेगूसराय जा रही थी। उसने बताया कि घटना के बाद ट्रेन की बोगियों में धुंआ भर गया था। पता नहीं चल रहा था दरवाजा किधर है। किसी तरह हमलोग बाहर निकले। हमारे साथ दस लोग थे।

 

नींद से सो रहे थे दो भाई… एक भाई की चली गई जान

 

वहीं, इस घटना में किशनगंज निवासी मोहम्मद नासिर के ममेरे भाई अब्बू जैद की बोगी से दबकर जान चली गई। घटना को लेकर उसके भाई मोहम्मद नासिर ने बताया कि हम दोनों खाना-खाने के बाद सो रहे थे। अचानक बोगी पलट गई और कुछ पता नहीं चला। इस हादसे में भाई की मौत हो गई और मुझे हाथ में चोट लगी है।

Kunal Gupta
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