एक फोन कॉल से होगा जमीन विवाद का निपटारा:राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग शुरू करेगा कॉल सेंटर
पटना। लोगों की शिकायतों को सुनने और उन शिकायतों का निपटारे के लिए जल्द ही विभाग में एक केंद्रीकृत कॉल सेंटर काम करने लगेगा। अगले 60 दिनों में यह कॉल सेंटर काम करेगा। कॉल सेंटर का नंबर जल्द ही विभाग आम लोगों को उपलब्ध कराएगा। राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक मेहता ने बताया है इस नंबर पर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की सेवाएं जैसे म्युटेशन, जमाबंदी में सुधार, अतिक्रमण आदि की शिकायतें को दूर किया जाएगा। साथ ही सुझाव भी दिया जाएगा। उन्होंने कहा है कि कॉल सेंटर में विभाग की एक अन्य अहम योजना भूमि सर्वे से संबंधित किसी भी मामले के बारे में अपनी शिकायतें या सुझाव भी दिया जा सकेगा।
कॉल सेंटर को लेकर दिए जरूरी दिशा-निर्देश
मंत्री राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग आलोक कुमार मेहता ने इस संबंध में सभी जरूरी निर्देश अधिकारियों को दिया, ताकि कॉल सेंटर जल्दी से कार्यकारी हो सके। मंत्री आलोक मेहता ने बताया कि जल्द ही 10101 विशेष सर्वेक्षण कर्मियों की बहाली हो जाएगी। इनकी बहाली होने के साथ ही बिहार के सभी जिलों में भूमि सर्वेक्षण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। फिलहाल प्रथम चरण के 20 जिलों के 89 अंचलों में भूमि सर्वेक्षण का कार्य चल रहा है। इस वित्तीय वर्ष के आखिर में करीब 5000 गांवों में भूमि सर्वेक्षण का काम पूरा हो जाएगा।
वास के लिए भूमि का आवंटन किया जाएगा
मंत्री आलोक मेहता ने बताया है कि इस वित्तीय वर्ष के अंत तक लगभग 24 हजार वास रहित भूमिहीनों को आवास हेतू भूमि बसेरा-1 के तहत आवंटित कर दिया जाएगा। उसके बाद बसेरा-2 के सर्वे से प्राप्त भूमिहीनों को आवास हेतु भूमि आवंटित किया जाएगा। फिलहाल हल्का कर्मचारियों द्वारा मोबाईल एप के जरिये भूमिहीन परिवारों का बसेरा-2 के तहत सर्वेक्षण किया जा रहा है। बसेरा-2 से प्राप्त भूमिहीनों के बीच अगले वित्तीय वर्ष में वास के लिए भूमि का आवंटन किया जाएगा।
मंत्री ने बताया कि यह विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता में है, इसलिए सरकारी जमीन उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में सरकार निजी जमीन भी खरीदकर उसे भूमिहीनों के बीच वितरित करेगी। बैठक में दाखिल-खारिज से संबंधित कार्यों की समीक्षा की और म्यूटेशन की गति को तेज करने का निर्देश दिया। समीक्षा में यह पता चला कि कुछ जिलों में म्यूटेशन का कार्य तय समय सीमा के भीतर नहीं किया जा रहा है। सबसे अधिक लंबित मामले पटना, मुजफ्फरपुर, गया, अररिया आदि जिलों में पाए गए। मंत्री आलोक मेहता ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इन जिलों में जाकर मामले की गंभीरता से जांच करें एवं दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करें।