समस्तीपुर में सिने पर कलश रख करते हैं मां की आराधना, अन्न-जल त्याग करते है पूजा
समस्तीपुर में पिछले 15 सालों से समाज के कल्याण व उन्नति के लिए चमथा के बड़खूंड निवासी रामबचन सिंह शारदीय नवरात्र में सिने पर कलश स्थापित करते हैं। वो हर साल स्थान और मंदिर बदलते हैं। इस बार वह जिले के मोहिउदीन नगर के बोचहा गांव स्थित नव युवक दुर्गा पूजा समिति द्वारा आयोजित दुर्गा पूजा पंडाल में सिने पर कलश रखकर मां की आराधना कर रहे हैं। अब माता के विसर्जन तक वह सिने पर कलश रखेंगे। इस दौरान वह पानी का सेवन नहीं करेंगे।
सिने पर कलश रख मां की आराधना करते भक्त रामबचन।
50 वर्षीय रामबचन बताते हैं कि माता के प्रति आस्था शुरू से इनके मन में रही है। उनके मन में कोई इच्छा व मन्नत नहीं है। वह सिर्फ और सिर्फ समाज कल्याण व उन्नति के लिए समाधि लगाते हैं। हर वर्ष व समाधि के लिए शारदीय नवरात्र शुरू होने से एक सप्ताह पूर्व पूजा पंडाल को चिन्हित करते हैं, कि इस बार वह किस स्थान पर समाधि लगाएंगे। स्थान चिन्हित होने के बाद पूजा समिति से बात कर एक सप्ताह पूर्व ही वहां पहुंच जाते हैं। गत वर्ष उनकी समाधि बेगूसराय में लगी थी।
एक सप्ताह पूर्व से त्याग देते हैं अन्न-जल
रामबचन बातते हैं कि पूजा के दौरान दस दिनों तक उन्हें भूख प्यास नहीं लगती। इसके लिए पूजा शुरू होने से एक सप्ताह पूर्व से ही अन्न -जल त्याग देते हैं। उन्होंने कहा कि माता की कृपा है कि पिछले 14 सालों में आजतक पूजा के दौरान मल मूत्र नहीं लगा। पूजा समाप्ति के बाद ही उन्हें भूख का एहसास होता है।
पुजारी राधारमण मिश्र बताते हैं कि रामबचन 15 सालों से सिने पर कलश रख कर मामा की पूजा करते आ रहे हैं।