सिपाही भर्ती पेपर लीक में जीजा,भाभी,भाई,दो दोस्तों को भेजा था प्रश्न पत्र और उत्तर; 25 जिलों में 74 केस दर्ज
पटना।सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक कांड में पटना पुलिस को कई अहम जानकारियां मिली हैं। जांच में यह बात आई कि इसमें नालंदा पुलिस के क्यूआरटी के तीन और बोधगया पुलिस का एक जवान भी शामिल है। आरा का ओमप्रकाश, नवादा का संटू और पटना का नीतीश क्यूआरटी का जवान है।
वहीं गया का मुकेश बोधगया में सिपाही है। इनके पास एक अक्टूबर को हुई सिपाही भर्ती परीक्षा से पहले ही प्रश्नपत्र और उत्तर आ गया था। इन चारों के अलावा इसमें गया के बेला का मंटू कुमार और चाकंद का नवलेश भी शामिल है। कंकड़बाग पुलिस ने छह नए आरोपियों की जानकारी वरीय अधिकारियों को दे दी है। जल्द आरोपित चारों सिपाहियों और दो अन्य की गिरफ्तारी होगी।
इस मामले में 25 जिलों में 74 केस दर्ज हैं। ईओयू ने इन मामलों को टेकओवर कर लिया है। कंकड़बाग थाने में दर्ज एफआईआर मंगलवार को ईओयू को हैंडओवर कर दी जाएगी। कंकड़बाग पुलिस एक सिपाही सहित सात लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है और 1000 से अधिक पन्नों का साक्ष्य जमा किया है। राज्यभर में इस मामले में अब तक 150 लोगों से अधिक की गिरफ्तारी हो चुकी है। वहीं सिपाही कमलेश के मोबाइल से बरामद नकल करते हुए वीडियो की भी जांच शुरू कर दी गई है।
ओमप्रकाश और नवलेश ने कमलेश को भेजा पेपर आंसर, 50 हजार में डील
ओमप्रकाश और नवलेश कई हफ्ते पहले से ही धांधली की साजिश रच रहे थे। ओमप्रकाश ने ही अपने अन्य सहयोगी सिपाहियों को इस फर्जीवाड़ा में शामिल किया। उसने कहा था कि प्रश्न पत्र और उत्तर पहले आ जाएंगे जिससे वो मोटी रकम कमा सकता है। पुलिस ने नालंदा क्यूआरटी के जवान और गया के परैया के रहने वाले कमलेश के मोबाइल को खंगाला तो यह बात सामने आई कि कमलेश के मोबाइल पर परीक्षा से पहले ओमप्रकाश और नवलेश ने प्रश्नपत्र और उत्तर भेजा था। 50 हजार रुपए में डील हुई थी।
सिपाही ने अपने जीजा, भाभी, भाई और दो दोस्तों को भेजा था प्रश्न पत्र और उत्तर
कमलेश की जान पहचान के कई लोग परीक्षा में शामिल हुए थे और होने वाले थे। एक अक्टूबर की परीक्षा से पहले कमलेश ने अपने बहनोई दुल्हिन बाजार के रहने वाले मनु कुमार, गया के परैया की रहने वाली भाभी इंदु कुमारी, नालंदा के गिरियक के रहने वाले अपने मौसेरे भाई रंजीत, गया के दो दोस्त दयानंद और अमित को प्रश्नपत्र और उत्तर भेजा था। पुलिस अब इन लोगों को भी तलाश रही है। इसके अलावा कमलेश के मोबाइल से पुलिस को रंजय, नीरज, इंदु, दयानंद का एडमिट कार्ड भी मिला है। इसकी भी छानबीन की जा रही है।
दरभंगा का एक सरकारी पदाधिकारी भी शामिल
एक अक्टूबर को रामकृष्ण द्वारिका कालेज से कंकड़बाग थाने की पुलिस ने नकल करते हुए और चीट के साथ सकसोहरा के रवि रंजन, दुल्हिन बाजार के विमल, बख्तियारपुर के रजनीश, मनेर के अरविंद, मसौढ़ी के रौशन और दुल्हिन बाजार के मनु को गिरफ्तार की थी। रजनीश के मोबाइल पर परीक्षा से पहले प्रश्नपत्र और उत्तर आया था।
हालांकि चालाकी करते हुए चिट बनाकर रजनीश ने उसे डिलीट कर दिया था। लेकिन पुलिस डिलीट चैट को रिकवर कर ली है। जांच में यह बात आई कि दरभंगा के सरकारी पदाधिकारी ने रजनीश के मोबाइल पर प्रश्नपत्र और उत्तर भेजा था। पुलिस आरोपित सरकारी पदाधिकारी के बारे में सत्यापन कर रही है।एक अक्टूबर को मनेर का अरविंद भी नकल करते हुए गिरफ्तार हुआ था। अरविंद के साथियों और सहयोगियों के बारे में पुलिस पता लगा रही है। जांच में यह बात आई है कि अरविंद के मोबाइल पर आंसर-की पटना का अभिषेक और राहुल आर्केस्ट्रा ने भेजा था।
अररिया के 22 साल के रणधीर के माता-पिता नहीं हैं। सूदखोरों से 10 हजार रुपए कर्ज लेकर अपने सपनों की उड़ान भरने पटना आया। उसने तीन महीने सिपाही भर्ती परीक्षा की तैयारी गुरु रहमान की कोचिंग में की। एक टाइम चूड़ा गुड़ खाकर पढ़ाई की। एग्जाम भी ठीक हुआ, लेकिन पेपर लीक और परीक्षा रद्द।
पूर्णिया का सूरज कुमार तो खान सर के यहां 2 साल से पुलिस भर्ती की तैयारी कर रहा था। पेपर लीक होने से ऐसा सदमा लगा कि उसने जहर खा लिया। यह दर्द सिर्फ रणधीर और सूरज का नहीं है, बल्कि बिहार के 18 लाख युवाओं का है, जिनके सपने चूर-चूर हो गए।