Monday, October 21, 2024
Patna

सीएम का नेहरू प्रेम:बाल दिवस के मौके पर पंचायत स्तर पर कार्यक्रम,किया जाएगा जागरूक,जाने बाल सभा का एजेंडा

patna news:सीएम नीतीश कुमार का कांग्रेस प्रेम दिख रहा है। सत्ता में आने के 17 साल बाद अब जवाहर लाल नेहरू की जयंती पर गांव में बाल सभा आयोजित करेंगे। बाल सभा के सहारे नशाबंदी, दहेज प्रथा और बाल विवाह को लेकर जागरूकता फैलाएंगे।

 

 

लोकसभा चुनाव के पहले इस तरह के फैसले को एक अलग नजरिया से देखा जा रहा है। चाचा नेहरू की जयंती पर स्कूलों में ही नहीं बल्कि हर पंचायत में बाल दिवस को बड़े जोश के साथ मनाने की तैयारी है। 14 नवंबर को हर पंचायत में बाल सभा का आयोजन किया जाएगा।

 

IAS के.के. पाठक ने बाल सभा मनाने को लेकर सभी डीएम को चिट्ठी लिखी है। पंचायती राज के अपर मुख्य सचिव मिहिर सिंह और के.के. पाठक ने संयुक्त रूप से यह चिट्ठी लिखी है। जिसमें लिखा गया है कि राज्य के प्रत्येक ग्राम पंचायत के एक स्कूल में बाल सभा आयोजित कराने का निर्णय लिया गया है। कार्यक्रम के लिए स्कूल चयन करने में इस बात का ध्यान रखा जाए कि चयनित स्कूल में आयोजन से संबंधित सुविधाएं जैसे कि बैठने के लिए पर्याप्त जगह, रोशनी, आने-जाने का रास्ता आदि उपलब्ध हो।

 

 

सरकार की ओर से नोटिफिकेशन जारी

IAS के.के. पाठक ने आगे लिखा है कि डीएम अपने-अपने स्तर से प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी एवं ग्राम पंचायतों को दिशा निर्देश जारी करें।

 

कितने वर्ष के बच्चों को शामिल होना है

 

सरकार ने बताया है कि इस बाल सभा में ग्राम पंचायत के 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे-बच्चियां शामिल होंगे। साथ ही सभा में ग्राम पंचायत एवं ग्राम कचहरी स्तर पर निर्वाचित सभी जनप्रतिनिधि, विद्यालय प्रबंधन समिति के सभी सदस्य एवं बच्चों के माता-पिता या अभिभावक भी भाग लेंगें।

 

बाल सभा की फोटोग्राफी

 

डीएम को लिखे गए चिट्ठी में कहा गया है कि बाल सभा का फोटोग्राफी एवं विडियोग्राफी अनिवार्य रूप से कराया जाए। सभी ग्राम पंचायत बाल सभा में लिए गए निर्णय को ग्राम पंचायत विकास योजना के निर्माण के लिए विशेष ग्राम सभा में शामिल कर पारित कराना है।

 

बाल सभा का एजेंडा क्या होगा

 

1.बच्चों का स्वास्थ्य एवं पोषण

 

2.बच्चों के लिए सुरक्षित, सकुशल और स्वच्छ वातावरण सुनिश्चित करना ।

 

3.आई. सी. डी. एस. अंतर्गत गतिविधियों का बेहतर क्रियान्वयन

 

4. पांच साल से कम के बच्चों को पोशाक आहार

 

5. महिलाओं और बच्चों का पोषण, गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली महिलाओं और किशोरियों की पोषण संबंधी आवश्यकताएं।

 

6.बच्चों के लिए शिक्षा और स्कूलों में शत-प्रतिशत नामांकन।

 

7.दिव्यांग बच्चों के लिए शिक्षा तक समान पहुंच सुनिश्चित करना ।

 

8.अभिभावक शिक्षक संघ और स्कूल प्रबंधन समिति के माध्यम से शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करना।

 

9.स्कूल में पोशाक, पाठ्य पुस्तकें, छात्रवृत्ति अनुदान आदि जैसे संसाधनों का बच्चों तक समय पर पहुंचे।

 

10.प्रारंभिक बचपन का विकास एवं देखभाल और पूर्व प्राथमिक शिक्षा, प्राथमिक से उच्च शिक्षा, व्यावसायिक एवं तकनीकी शिक्षा, शिक्षा में लैंगिक भेदभाव, बच्चों के विरुद्ध हिंसा रोकना।

 

11.शत प्रतिशत बाल श्रम मुक्त पंचायत।

 

12.शराब और ड्रग्स के हानिकारक उपयोग को समाप्त करने के प्रति जागरूकता ।

 

13.बाल विवाह संबंधी मामलों में कमी।

 

14.अवैध व्यापार का कोई मामला नहीं।

 

15.बच्चों के प्रति सभी प्रकार की हिंसा से सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करना।

 

16.सुरक्षा संबंधी, यौन शोषण, लैंगिक भेदभाव, स्थानीय शासन में बच्चों की भागीदारी सुनिश्चित करना।

 

17.बच्चों के कानूनी प्रावधान के बारे में जागरूकता।

Kunal Gupta
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