Tuesday, November 26, 2024
Patna

बच्चो ने नेत्रहीन दिव्यांगों के लिए बनाया स्मार्ट जूता और चश्मा:सेंसर की मदद से रुकेगा हादसा

पटना के कार्मेल हाई स्कूल में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इस प्रदर्शनी में क्लास 6 से लेकर 12वीं तक के बच्चों ने भाग लिया। प्रदर्शनी में बच्चों की ओर से फायर डिटेक्टर अलार्म, सिक्योरिटी सिस्टम अलार्म, एलेक्सा रोबोट, रोबोटिक आर्म के मॉडल्स दिखाए गए। वहीं, डूडल आर्ट के माध्यम से कक्षा छठी और सातवीं की छात्राओं ने 15 वर्षों के बाद कार्मेल स्कूल तकनीकी रूप से कितना एडवांस होगा ये दर्शाया।

 

ब्लाइंड लोगों की मदद के लिए बनाया स्मार्ट जूता और चश्मा

 

इस प्रदर्शनी का मुख्य आकर्षण ब्लाइंड-एड डिवाइस रहा। यह डिवाइस वैसे लोगों के लिए मददगार साबित होगी, जिनकी आंखों की रोशनी चली गई है। इसका वर्किंग मॉडल नौवीं कक्षा की छात्रा अनुराधा सिंह ने तैयार किया है। उन्होंने बताया कि यह डिवाइस एक स्मार्ट जूता और स्मार्ट चश्मा है, जिसमें सेंसर लगा है। कोई भी चीज अगर इनके सामने आती है तो सेंसर बजने लगता है, जिससे लोग अलर्ट हो जाएंगे और कोई हादसा नहीं होगा।

 

इसे बनाने में अल्ट्रासॉनिक सेंसर, ब्रेडबोर्ड, एड्रिनों, आदि चीजों का इस्तेमाल किया गया है। अनुराधा ने बताया कि इसे और एडवांस बनाने के लिए जीपीएस भी लगाया जा सकता है, ताकि इनके परिवार वालों को इनके लोकेशन का पता चल सके।

 

 

 

मिट्टी को पानी पहुंचाएगा ‘ऑटोमेटिक इरिगेशन सिस्टम’

 

12वीं क्लास की श्रुति ने ‘ऑटोमेटेड इरिगेशन सिस्टम’ पर वर्किंग मॉडल बनाया है। यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर बेस्ड है। इस डिवाइस की मदद से आदमी की गैरमौजूदगी में भी पौधे को पानी मिलती रहेगी। उन्होंने इस मॉडल में मिट्टी में सेंसर डाला है, जो मिट्टी की जांच करता है।

 

अगर मिट्टी में नमी रहती है तो मोटर ऑफ रहता है, लेकिन अगर मिट्टी में नमी कम होगी और उसे पानी चाहिए तो मोटर ऑटोमेटिक ऑन हो जाएगा। पानी पौधे में जाता रहेगा जब तक की सचुरेशन प्वॉइंट पूरा न हो जाए। इसके बाद मोटर ऑटोमेटिक ऑफ हो जाता है।

 

कचरा डालने के लिए ऑटोमेटिक खुलेगा स्मार्ट डस्टबिन

 

नौवीं क्लास की इशिता श्रीमई ने एक रोबोटिक आर्म बनाया है, जिसका कोडिंग C++ से किया है। वहीं, आठवीं क्लास की फज़ीन, अनुष्का, शगुन और आकृति ने मिलकर बूढ़े और विकलांग लोगों की मदद करने के लिए सेंसर रोबोट बनाया है। सातवीं क्लास की काव्या शर्मा ने सेंसर से चलने वाला स्मार्ट डस्टबिन बनाया है। इसमें कचरा डालने के लिए जैसे ही कोई हाथ आगे बढ़ाएगा, यह डस्टबिन ऑटोमेटिक खुल जाएगा।

 

आने वाला भविष्य रोबोटिक्स का है

 

कंप्यूटर क्लब की मेंबर मधुमिता ने कहा कि आने वाला भविष्य रोबोटिक्स का है। इस बारे में बच्चों को जानकारी देने के लिए प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। वहीं, टीचर शीतल वर्मा ने बताया कि बच्चों ने अपने प्रोजेक्ट बनाने में काफी एफर्ट लगाए, जहां भी वे फंसे वहां टीचरों ने काफी मदद की। इस प्रदर्शनी का मकसद ये था कि बच्चे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का डेली लाइफ में इस्तेमाल को जानें।

 

बच्चों को किया गया पुरस्कृत

 

इस मौके पर बच्चों को पुरस्कृति भी किया गया। सीनियर कैटेगरी में पहला स्थान ब्लाइंड-एड डिवाइस, अग्रोनॉमिस्ट बॉटनी को मिली। वहीं, दूसरा स्थान रोबोटिक आर्म और तीसरा स्थान फायर डिटेक्शन अलार्म और रोबोट मल्टीफंक्शनल को मिला।

 

जूनियर केटेगरी में पहला स्थान स्मार्ट डस्टबिन और सेंसर कार, दूसरा स्थान एक्सीडेंट प्रिवेंशन मॉडल और तीसरा स्थान सीसीटीवी डोमेस्टिक रोबोट, रोबो को मिला। इसके अलावा डूडल आर्ट में कक्षा छह की आराध्या मिश्रा विनर रही और गेम कैटेगरी में स्पाइक्स गेम और टिक टैक टो गेम ने खिताब जीता।

Kunal Gupta
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