मीटर ठीक करने के लिए मांगा OTP और उड़ा लिया 9 लाख 54 हजार रुपए,रिटायर्ड कमांडर के साथ साइबर ठगी
पटना।बिहार में आए दिन साइबर ठगी का मामला देखने को मिल रहा है। अब सरकारी विभाग के डेटा का इस्तेमाल कर साइबर ठगी की जा रही है। इस बार साइबर ठगी का मामला पटना के राजेंद्र नगर का हैं, जहां बिजली विभाग का डेटा का इस्तेमाल कर एयरफोर्स से 80 वर्षीय रिटायर्ड विंग कमांडर के साथ साइबर ठगी हुई है।
भास्कर से बातचीत में एयरफोर्स से रिटायर्ड विंग कमांडर बी रवि कुमार ने बताया कि 5 अक्टूबर को दोपहर 12.15 में मेरे पास कॉल आया। कॉल पर उसने बताया की वह बिजली विभाग से बात कर रहा है और उसने मेरा नाम और एड्रेस बिलकुल सही सही बताया। उसने बताया की आपके बिजली के प्रीपेड अकाउंट में 3600 रुपए हैं, लेकिन वह चल नहीं रहा है। क्योंकि आपके मीटर का मोटर नहीं चल रहा। मीटर चलाने के लिए आपको 10 रुपया पे करना होगा। मैंने बोला कि अगर 10 रुपए ही करना है तो बोलो मैं जाकर दे देता हूं। उसने बोला कि 10 रुपए आपको ऑनलाइन पे करना होगा। उसके लिए एक ओटीपी जाएगा जो आप बता दीजिए।
सभी जानकारी सटीक रखते हैं साइबर फ्रॉड
वह इस तरीके से बात कर रहे थे कि मुझे उन पर शक नहीं आया, लेकिन उनके पास मेरी सभी जानकारी थी और उन्होंने मुझे अपने विश्वास में ले लिया। तो मैं शायद ओटीपी दे दिया और शायद इसलिए बोल रहा हूं क्योंकि उस वक्त मुझे पता ही नहीं चला कि क्या हो रहा है मेरे साथ। पहले उसने एक ओटीपी ली फिर एक-एक करके तीन ओटीपी लिए। सामने वाला बार-बार कह रहा था कि हो जाएगा सर बस यह नंबर आप दे दीजिए जो आपके फोन पर गया हैं। बार-बार ऐसा हो रहा था तो मुझे लगा कि कुछ गड़बड़ है। फिर मैं अपनी पत्नी को बताया कि कुछ गलत हो रहा है इसलिए मैं बैंक जा रहा हूं और तुम भी आ जाओ।
बैंक पहुंचकर बंद करवाया अपना खाता
वहीं जब मैं बैंक गया और वहां बताया कि मेरे अकाउंट में शायद कुछ हो रहा है तो आप इसको तुरंत बंद कर दीजिए। फिर बैंक वालों ने मेरे अकाउंट को बंद किया। तब तक अकाउंट से 9 लाख 54 हजार रुपए उड़ा लिए थे। फिर बैंक वालों ने बताया कि आप कदमकुआ थाना जाकर कंप्लेंन दर्ज करिए। फिर आपको साइबर क्राइम सेल में कंप्लेन डालना होगा। मैने घर आकर अपने दामाद को फोन किया। अगले दिन मेरे दामाद अहमदाबाद से पटना पहुंचे और आवेदन देने की प्रक्रिया में जुट गए हैं।
शिकायत दर्ज करने के लिए लगाने पड़े चक्कर
बी रवि कुमार ने बताया कि जब मैं थाने गया, तो वहां उन्होंने बताया कि मैं तब तक कंप्लेंन नहीं लूंगा जब तक आप साइबर क्राइम सेल में कंप्लेंन नहीं दर्ज करते। फिर हम लोग वहां से साइबर क्राईम सेल गए। वहां पर उन्होंने हमसे लिखित लिया और कहा कि इसे कदमकुआं थाने में जाकर दे दें। फिर उनलोगों ने अपनी कार्रवाई शुरू की। वह बोल रहे हैं कि मिल जाएगा, लेकिन अभी देखना है कि कितना मिलेगा और यह लोग कितना मीनिंगफुल सर्च करेंगे।
ओटीपी मिलते ही बंद कर दिया बात करना
मुझे यह नहीं समझ आ रहा कि उनके पास कैसे इतना सटीक डेटा रहता है। उसने मेरे बारे में सब कुछ सही-सही बताया। जैसे ही उसको ओटीपी मिला और वह मुझसे बात करना बंद कर दिया। जब ओटीपी चाहिए थी तो बहुत ही प्यार से बात कर रहा था। कंप्लेंन दर्ज करने पर भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। अब तक किसी ने मुझे इस बारे में पूछा भी नहीं कि क्या हुआ और कैसे हुआ? जो ऑफिसर इस केस को देख रहे हैं वह ऑफिसर भी मिलने नहीं आए। हमने सभी प्रक्रिया पूरी की है, लेकिन अब तक किसी ने भी कार्रवाई नहीं की।