Sunday, December 22, 2024
Patna

एनीमिया मुक्त भारत जागरूकता अभियान के तहत छात्राओं ने निकाली साइकिल रैली

मोतिहारी, 04 सितंबर। स्वास्थ्य विभाग एवं आइसीडीएस के सहयोग से जिले के विभिन्न क्षेत्रों मे एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के तहत छात्राओं द्वारा जागरूकता रैली निकाली गई। पिपराकोठी, रामगढ़वा, फेनहरा, सहित अन्य प्रखंड में पोषण माह अभियान के अन्तर्गत संपोषित भारत, स्वच्छ भारत, सशक्त भारत अभियान के तहत आंगनबाड़ी केंद्र पर उपस्थित महिलाओं को सीडीपीओ ने जागरूक करते हुए शपथ भी दिलवायी। जिले के सिविल सर्जन डॉ अंजनी कुमार ने बताया कि हम सबको मिलकर जिले को एनीमिया मुक्त करने का संकल्प लेना चाहिए। उन्होंने बताया कि शरीर मे हीमोग्लोबिन की कमी होना ही एनीमिया है। यह किसी को भी हो सकता है। थकान, कमजोरी, चक्कर आना आदि एनीमिया का मुख्य लक्षण है। बच्चों एवं महिलाओं में आयरन की कमी देखी जाती है। इससे बचने के लिए संतुलित आहार, दूध, मांस, हरी सब्जियों का प्रयोग करना चाहिए।

 

 

आंगनबाड़ी केंद्रों पर उपलब्ध है आयरन की दवाएं-

आइसीडीएस की डीपीओ कविता कुमारी ने बताया कि 1 सितंबर से 30 सितंबर तक राष्ट्रीय पोषण माह का आयोजन किया जा रहा है। जगह जगह जागरूकता रथ भी निकाला जा रहा है। उन्होंने बताया की एनीमिया की रोकथाम के लिए आयरन फॉलिक एसिड गोली- सिरप का सलाहानुसार सेवन, 06-59 माह के बच्चों को आयरन सिरप, सप्ताह में दो बार आंगनबाड़ी केन्द्र के माध्यम से दी जाती है। किसी को भी एनीमिया के लक्षण दिखाई देते हैं, तो उसका उपचार कराना चाहिए। उन्होंने बताया कि खून में हीमोग्लोबिन की मात्रा पुरुषों में 12 से 16 और महिलाओं में 11 से 14 होनी चाहिए। गर्भवती महिलाओं को एनीमिया बीमारी होने का खतरा अधिक रहता है । उन्हें गर्भावस्था के दौरान समय-समय पर जांच अवश्य करानी चाहिए। पेट के कीड़ों और परजीवियों के कारण यह बीमारी अधिक होती है। बच्चों को समय-समय पर अभियान के तहत अल्बेंडाजोल की गोली भी खिलाई जाती है।

 

 

संतुलित आहार के सेवन के साथ स्वच्छता जरूरी-

डीसी अमृता श्रीवास्तव ने बताया कि संतुलित आहार के सेवन के साथ स्वच्छता भी जरूरी है। उन्होंने बताया कि किशोरी, बालिका, गर्भवती, धात्री माताओं एवं 06 साल से कम उम्र के बच्चों में खान-पान में मोटे अनाज को शामिल करने हेतु भी प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। साथ ही एनीमिया से बचाव हेतु आंगनबाड़ी केंद्रों पर साफ सफाई हेतु हाथ धोने की गतिविधि, 6 माह तक केवल स्तनपान उसके बाद ऊपरी आहार एवं 2 वर्ष तक के बच्चों को ऊपरी आहार के साथ-साथ स्तनपान का अभ्यास एवं परामर्श /समुदाय आधारित गतिविधि गोदभराई/ सुपोषण दिवस का आयोजन/ वृद्धि निगरानी व स्वस्थ बालक -बालिका प्रति स्पर्धा का आयोजन कराया जा रहा है।
इस अवसर पर सीडीपीओ, आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका, महिलाए व अन्य लोग उपस्थित थे।

Kunal Gupta
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