Monday, November 25, 2024
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Success Story:दूसरे शहर भेजने के खिलाफ थे पिता, बेटी ने घर में रकर की तैयारी और बन गईं IAS

Success Story: आज लड़कियों आत्मनिर्भर बन रही हैं। हालांकि, अभी भी कई बार ऐसे मौके सामने आते हैं, जब लड़की होने की वजह से उन्हें दूसरे शहर में पढ़ने या नौकरी के करने के लिए संघर्ष करना पड़ता है। परिवार वाले राजी नहीं होते है। सक्सेस स्टोरी काॅलम में आज की कहानी एक ऐसे ही महिला आईएएस अफसर की है, जिनको पढ़ाने के लिए उनके पिता दूसरे शहर भेजने को तैयार नहीं थे। वहीं, उनकी फैमिली नहीं चाहती थी कि वे ज्यादा पढ़े-लिखें। इन परिस्थितियों में भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। वे अपने लक्ष्य पर टिकी रहीं। कड़ी मेहनत के दम पर यूपीएसससी सिविल सेवा की परीक्षा में सफल हुईं। इस अफसर का नाम है वंदना सिंह चौहान। आइए डालते हैं उनके सफर पर एक नजर।

 

वंदना सिंह चौहान का जन्म हरियाणा केनसरुल्लागढ़ में हुआ था। वे एक ज्वाइंट फैमिली में पली-बढ़ी थीं, जहां लड़कियों को ज्यादा पढ़ाया-लिखाया नहीं जाता था। इसलिए उन्होंने जैसे-तैसे अपनी शुरुआती तो पढ़ाई पूरी की। इसके बाद, उन्होंने आगे की पढ़ाई करने के लिए दूसरे शहर जाने की जिद की थी। इसके लिए उनके पिता राजी नहीं हुए थे। इस बारे में एक इंटरव्यू के दौरान उनके पिता ने कहा था कि गांव में अच्छा स्कूल नहीं होने के चलते उन्होंने वंदना के भाई को बाहर पढ़ने के लिए भेज दिया था। इसके बाद वह हर रोज कहती थी कि उसे भी आगे की पढ़ाई के लिए दूसरे शहर भेजा जाए। लेकिन वंदना के पिता ने यह बात सुनकर भी अनसुनी कर दी। हालांकि बहुत जिद करने के बाद आखिरकार पिता ने वंदना का दाखिला गुरुकुल में करवा दिया था। पिता के इस फैसले पर उनके परिवार के लोगों ने काफी नाराजगी जताई थी।

 

लॉ के साथ शुरू की यूपीएससी की परीक्षा

 

वंदना ने बारहवीं की पढ़ाई पूरी करने परिवार वालों के नाराजगी को सहते हुए लॉ की पढ़ाई करने के लिए पहले एलएलबी में दाखिला लिया। इसके साथ ही उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी।

 

8वीं रैंक की हासिल

 

यूपीएसससी सिविल सेवा परीक्षा क्रैक करने का सपना वंदना ने बचपन से देखा था। इसे पूरा करने के लिए वह जीतोड़ मेहनत करती रहीं। इस दौरान परिवार से सहयोग तो नहीं मिला लेकिन हां मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उनके भाई ने इस दौरान उनका भरपूर साथ दिया। इसका नतीजा यह हुआ है कि उन्होंने घर पर रहकर देश की सबसे मुश्किल परीक्षा न केवल पास की बल्कि आठवीं रैंक हासिल की।

Kunal Gupta
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