Friday, November 29, 2024
Samastipur

समस्तीपुर मे बरगद के पेड़ के नीचे मिला शिवलिंग, देखने को उमड़ी भीड़,पूजापाठ शुरू

समस्तीपुर के खानपुर प्रखंड स्थित रेबड़ा पंचायत के रामनगर गांव में बरगद के पेड़ के नीचे शिवलिंग मिला है. पेड़ के नीचे शिवलिंग मिलने की सूचना से आसपास के गांव में सनसनी फैल गयी है. कौतूहलवश काफी संख्या में लोग उक्त शिवलिंग को देखने को आ रहे हैं.

ग्रामीणों ने उक्त स्थल पर मंदिर बनाने का निर्णय लेते हुए महादेव के शिवलिंग का पूजापाठ भी शुरू कर दिया है. हालांकि इसको लेकर आसपास के इलाके में अलग-अलग तरह की चर्चाएं भी हो रही हैं. कोई इसे भगवान महादेव का चमत्कार, कोई उक्त जगह पर पूर्व में सलेस स्थान होने तो कोई उक्त स्थल पर मंदिर निर्माण के लिए शिवलिंग को रख दिये जाने की बात कहता है.

हालांकि सच्चाई जो भी हो लेकिन क्षेत्र में यह घटना कौतूहल का विषय बना हुआ है. बताया जाता हैं की उक्त स्थल पर यह बरगद का पेड़ करीब सौ वर्ष है. पेड़ के नीचे लोग वहां पूजा पाठ करते थे. इधर, एक सफ्ताह पहले तेज बारिश और आंधी में यह पेड़ वहां लगी बिजली के ट्रांसफार्मर पर गिड़ गया था. जिस वजह से बिजली आपूर्ति भी बाधित हो गयी थी.

बिजली व्यवस्था को सुचारू करने के लिए उक्त पेड़ को काटना जरूरी था. पेड़ को काटकर बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए लोगों ने बिजली विभाग से अपील भी की. लेकिन बिजली विभाग के कर्मियों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया. इसके बाद कुछ ग्रामीणों ने गांव में चंदा करके पेड़ कटवाने का निर्णय लिया, लेकिन चंदा देने से लोगों ने मना कर दिया.

इधर, विद्युत आपूर्ति बाधित रहने के कारण ग्रामीणों का हाल बेहाल था. इसलिए अंततः लोगों ने पेड़ काटने वालों के हाथों ही उक्त बरगद के पेड़ को बेच दिया. गुरुवार की सुबह जब पेड़ के हिस्से को मजदूर काटकर अलग कर रहे थे तो टहनी के छिटककर लगने के कारण एक मजदूर गम्भीर रूप से जख्मी हो गया. उसे लोगों ने अस्पताल में भर्ती कराया है.

इसी बीच जब लोग उक्त पेड़ के नीचे जमे पानी को मोटर लगा कर निकलवा रहे थे तो किसी की नजर कीचड़ के अंदर एक शिवलिंग पर पड़ी. इसके बाद पूरे गांव में महादेव के शिवलिंग के प्रकट होने की खबर फैल गयी.

जिसको सुनते ही शिवलिंग के दर्शन के लिए हजारों लोगों की भीड़ जुटने लगी. गुरुवार को शिवलिंग के दर्शन के लिए पुरे दिन लोगों को आना जाना लगा रहा. पूरे दिन हर हर महादेव एवं बोल बम के जयकारे गुंजायमान होते रहे.

Kunal Gupta
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