“समस्तीपुर की सिपाही अर्चना पर 20 लाख का था लोन:हर महीने 45 हजार की इएमआई देते थे सिपाही दंपत्ति
समस्तीपुर में सिपाही अर्चना कुमारी सुसाइड मामले में एक नया मोड़ सामने आया है। सिपाही अर्चना और सुमन ने 20 लाख का होम लोन ले रखा था। दोनों ने पटना में एक फ्लैट लिया था। जिसकी इएमआई 45 हजार कट रहा था। इसी दौरान सुमन के निलंबित हो जाने के कारण परेशानी बढ़ गई। सुमन के दो बच्चे जिला के एक बड़े स्कूल में पढ़ रहे थे। जिससे भी परेशानी गई थी। वहीं, अर्चना की एक पड़ोसी ने बताया कि दोनों दंपत्ति के काफी व्यवहार कुशल थे। उन्हें नहीं पता था कि वे आर्थिक परेशानी से जूझ रहे थे।
एसपी ने बनाई जांच कमेटी
वहीं, घटना के दूसरे दिन एसपी विनय तिवारी ने मामले की जांच के लिए सदर डीएसपी के नेतृत्व में जांच कमेटी का गठन किया है। जो एक सप्ताह के अंदर अपनी रिपोर्ट देगी। रिपोर्ट के आधार पर इस मामले में आगे की कार्रवाई होगी। घटना का आज तीसरा दिन है लेकिन कोई भी अधिकारी इस मामले में अधिकारी तौर पर बोलने से परहेज कर रहा है।
एसपी विनय तिवारी ने कहा कि जल्द ही इस मामले पर पीसी कर पूरी जानकारी दी जाएगी। जांच के लिए कमेटी बनाई गई है। उधर, इस घटना को लेकर भास्कर की टीम ने घटना स्थल से लेकर पुलिस लाइन ग्राउंड जीरो पर जा कर पड़ताल की।
पुलिस ने लाइन में शिफ्ट होने के बाद एफ ब्लॉक में रहने के लिए दंपत्ति आये थे। उनके पड़ोसी निधि कुमारी बताती है कि दोनों दंपत्ति के काफी व्यवहार कुशल थे। अर्चना के सुसाइड की जानकारी मिली तो उन्हें काफी दुख हुआ। उनके तीनों बच्चे उस रात उन्हीं के पास थे दोनों आथिर्क रूप से परेशान थे। इस बारे में उन लोगों को जानकारी नहीं दी थी। दोनों ने अपनी परेशानी शेयर नहीं किया था। दोनों काफी खुश थे। हालांकि निधि ने कहा कि अर्चना को यह कदम नहीं उठाना चाहिए था, कम से कम बच्चों के बारे में सोचना चाहिए था। पड़ोसी संगीता देवी का भी कहना है कि जी ब्लाक में एक सप्ताह पूर्व ही दोनों रहने के लिए आये थे। दोनों काफी खुश रहते थे। क्वाटर को लेकर थोड़ी परेशानी थी। लेकिन कोई इतना बड़ा कदम कैसे उठा सकता है। उसे अपने बच्चों के बारे में सोचना चाहिए था। अब तो बच्चे और परिवार दोनों की परेशानी बढ़ गई।
सिपाही की मां ने मेजर नयन कुमार और एसपी के खिलाफ दिया आवेदन
112 नंबर के कंट्रोल रूम में सुसाइड करने वाली सिपाही अर्चना कुमारी की मां बच्ची देवी ने गुरुवार को नगर थाने में आवेदन दिया है। गया जिले के पहिपुर थाने के वधीरगंज की रहने वाली सुखदेव शर्मा की पत्नी बच्ची देवी दो पन्ने का आवेदन दिया है। जिसमें उन्होंने बताया है कि उनकी पुत्री और सुमन की शादी करीब आठ साल पूर्व हुई थी। शादी के करीब तीन सालों के बाद दोनों को एक साथ पुलिस में सिपाही की नौकरी मिली।
उनकी पुत्री पहले गोपालगंज जिले में तैनात थी। जबकि उनके दामाद समस्तीपुर में थे। विभागीय प्रावधानों के तहत आवेदन के आधार पर अर्चना का स्थानांतरण समस्तीपुर हो गया। दोनों प्राइवेट डेरा में रहने लगे। कुछ दिन पूर्व उनकी पुत्री अर्चना ने सरकारी आवास के लिए आवेदन दिया। गत जून महीने में आवास की स्वीकृति मिली। आवेदन में आरोप है कि स्वीकृत आवास के आधार पर अर्चना व उनके पति सुमन चाबी के लिए मेजर के पास पहुंचे तो सार्जेंट विपुल कुमार व लाइन मुंशी ने कहा कि क्वार्टर खुला हुआ है शिफ्ट हो जाईए। जिसपर दोनों उक्त मकान में शिफ्ट हो गए।
जिसके बाद मेजर नयन कुमार द्वारा सुमन को बुलाकर डांट लगाई कि बिना उनके आदेश के क्वार्टर में कैसे प्रवेश किया। सुमन को डांट का भगा दिया गया। जिसके बाद मेजर ने एसपी को रिपोर्ट कर सुमन को निलंबित करा दिया। जिसमें बाद उनका दामाद और बेटी कई बार वरीय अधिकारी के यहां गए लेकिन उनकी नहीं सुनी गई। जिससे तंग आकर उनकी पुत्री ने ड्यूटी के दौरान 112 नंबर कंट्रोल रूप में खुदकुशी कर ली।
कंट्रोल रूम को तोड़ कर अर्चना के शव को निकाला गया था बाहर
जिस मकान में 112 नंबर का कंट्रोल रूम है उसी भवन में वारलेस कार्यालय भी है। अर्चना रात उस समय कमरे में अकेले थी। उसकी ड्यूटी 12 बजे तक की थी। 11 बजे के करीब एक कर्मी आये तो देखा कमरा अंदर से बंद है। लोगों ने खिड़की से झांका तो अर्चना का पंखे के सहारे लटक रही थी। कर्मियों द्वारा हल्ला किए जाने पर नगर थाने से पुलिस कर्मी जुटे तो लोगों ने किवाड़ तोड़ कर उसे बाहर निकाला। और सदर अस्पताल पहुंचाया। जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।
अर्चना के पिता ने कहा बेटी दामाद के थे बेहतर संबंध
अर्चना के पिता सुखदेव शर्मा ने बताया कि बेटी दामाद के बेहतर संबंध थे। शादी के करीब तीन साल बाद दोनों को नौकरी हुई थी। दोनों काफी खुश थे। इस दौरान दोनों केा तीन संतान भी हुए। बड़ी पुत्री अनिशा (6) अनुष्का (4) व दो साल का बेटा अभिनव है। तीनों अपने माता पिता के साथ ही रहते हैं।
सार्जेट नयक कुमार ने ऑफ कैमरा कहा कि निलंबन के बाद सिपाही सुमन का जीवन भत्ता राशि बंद नहीं किया गया था। लगाया जा रहा आरोप गलत है
पुलिस मेंस एसोसिएश्यान के अध्यक्ष ने कहा
बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष सुबोध कुमार ने कहा कि इस मामले में एसपी द्वारा जांच के लिए कमेटी बनाई गई है। उन्होंने कहा कि जांच कमेटी जल्द से जल्द पीड़ित परिवार को न्याय दें। घटना दुखद है। इस मामले में पीड़ित परिवार द्वारा नगर थाने में आवेदन दिया गया है। जिसकी रिसिविंग परिवार को मिली है।