देवघर में बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर मे पहुँचे लालू यादव ने किया पूजा,BJP कह रही दोहरा चरित्र,जानिए क्या है इसके मायने
देवघर में बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर ।पटना: आरजेडी, डीएमके (DMK) समेत ‘इंडिया’ गठबंधन (India Alliance) में शामिल अन्य दलों में धार्मिक आस्था पर बयानबाजी करने की होड़ मची हुई है. इन दिनों धर्म, भगवान और संस्कृति पर लगातार बयानबाजी हो रही है. इससे जमकर विवाद हो रहा है. वहीं, दूसरी तरफ आरजेडी (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) एक मंदिर से दूसरे मंदिर जाकर पूजा अर्चना कर रहे हैं. राजनीतिक कार्यक्रमों से अधिक मंदिरों में जा रहे हैं. इसको बीजेपी (BJP) लालू यादव का दोहरा चरित्र बता रही है. वहीं, राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह सब एक राजनीतिक रणनीति है. बता दें कि लालू प्रसाद यादव चारा घोटाले मामले में सजायाफ्ता हैं. फिलहाल जमानत पर हैं.
लालू यादव लगातार जा रहे हैं मंदिर
हाल में ही लालू यादव जब अपने गृह जिले गोपालगंज गए थे तब वह थावे मंदिर पहुंचे थे. वहां पूजा अर्चना की थी. सोनपुर के प्रसिद्ध हरिहर मंदिर भी गए थे. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर पटना में बड़े बेटे तेजप्रताप यादव द्वारा स्थापित मंदिर राधा कृष्ण मंदिर में भी लालू यादव गए. ‘इंडिया’ गठबंधन की बैठक में जब मुंबई गए थे, तो वहां सिद्दिविनायक मंदिर गए थे. आज लालू यादव देवघर में बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर भी गए थे.
लालू यादव का नया रूप देखने को मिल रहा है
गौर करने वाली बात है कि लालू यादव अलग अलग मंदिरों में जाकर पूजा पाठ तो कर रहे हैं, लेकिन अपने पार्टी नेताओं पर लगाम नहीं लगा रहे हैं और न ‘इंडिया’ गठबंधन के नेताओं के विवादित बयानों पर टिप्पणी कर रहे हैं. आरजेडी समेत ‘इंडिया’ गठबंधन के अन्य दलों के नेता बयानबाजी कर सनातन धर्म पर लगातार हमले कर रहे हैं, जबकि लालू यादव पूजा पाठ पर विशेष जोर दे रहे हैं. लालू यादव का नया रूप जो देखने को मिल रहा है. इसको समझने की कोशिश एबीपी न्यूज ने की.
लालू यादव बिहार में हिन्दुओं को रहने नहीं देंगे- बीजेपी
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गुरु प्रकाश पासवान ने कहा कि लालू यादव चुनाव में तुष्टिकरण के बादशाह हैं. लोकसभा चुनाव आ रहा है. हिन्दुओं का वोट मिल जाए इसलिए मंदिरों में जाकर पूजा पाठ कर रहे हैं. हिन्दुओं को संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं. यह वही लालू यादव हैं जो मंदिर जाते पहले कभी नहीं दिखे. अपने शासनकाल में लालू यादव कहते थे ‘भूरा बाल साफ करो’. सवर्ण जातियों को साफ करने की बात करते थे. बिहार में जब आरजेडी का सीएम होगा तो लालू यादव बिहार में हिन्दुओं को रहने नहीं देंगे.
लालू यादव पर बीजेपी का हमला
आगे बीजेपी नेता ने कहा कि बिहार आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि टीका लगाने वालों के कारण देश गुलाम बना. आरजेडी कोटे से शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर हैं. उन्होंने रामचरितमानस को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताया. पैगम्बर मोहम्मद की मर्यादा पुरुषोत्तम राम से तुलना की. लालू यादव अपने इन नेताओं पर लगाम क्यों नहीं लगा रहे? लालू इन नेताओं को क्यों नहीं बोलते है कि यह ऐसा बयान मत दीजिए? डीएमके नेता उदयनिधि ने सनातन धर्म की तुलना डेंगू,मलेरिया से की. ए राजा ने सनातन धर्म की तुलना एचआईवी से की. लालू यादव तब भी चुप रहे. इन लोगों के बयान पर टिप्पणी नहीं की. यह लालू यादव का दोहरा चरित्र है.
‘लालू यह हथकंडा अपना कर पॉलिटिकल बैलेंस बना रहे हैं’
वहीं, वरिष्ठ पत्रकार अरुण पांडे ने कहा कि एक तरफ लालू का मंदिरों में जाना और दूसरी तरफ उनके नेताओं का हिन्दू आस्था को लेकर विवादित बयान देना. यह एक रणनीति का हिस्सा है. आरजेडी के जगदानंद सिंह, चंद्रशेखर जैसे नेता बयानबाजी कर विशेष समुदाय को खुश करने में लगे हैं जबकि लालू मंदिरों में जाकर एक मैसेज हिन्दुओं को देने की कोशिश कर रहे हैं. लालू अपने बड़बोले नेताओं को चुप रहने नहीं बोल रहे हैं और खुद एक मंदिर से दूसरे मंदिर जा रहे हैं. लालू यह हथकंडा अपना कर पॉलिटिकल बैलेंस बना रहे हैं.
इसको राजनीतिक चश्मे से देखने की जरूरत नहीं है- आरजेडी
इस पर आरजेडी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने बीजेपी पर पलटवार करते हुए कहा कि लालू यादव मंदिरों में जा रहे हैं तो बीजेपी क्यों घबरा गई? आरजेडी सभी धर्मों का सम्मान करती है. लालू यादव मंदिर जाते हैं तो मस्जिद में भी जाते हैं. गुरुद्वारा भी जाते हैं. बीजेपी तो भारत जलाओ पार्टी है. उन्माद फैलाकर सियासत करती है. लालू यादव इन दिनों अलग अलग मंदिरों में जा रहे हैं. पूजा पाठ कर रहे हैं. इसको राजनीतिक चश्मे से देखने की जरूरत नहीं है और न इस पर सियासत होनी चाहिए. लालू यादव का सख्त निर्देश है कि काई नेता अनाप-शनाप बयानबाजी न करे.