“सिपाही अर्चना सुसाइड मामले मे मृतका की मां ने मेजर पर लगाए गंभीर आरोप; जांच के लिए बनाई गई 7 सदस्यीय टीम,FIR दर्ज
समस्तीपुर के सिपाही अर्चना सुसाइड मामले में शुक्रवार देर शाम नगर पुलिस ने सिपाही की मां बच्ची देवी के बयान पर प्राथमिकी दर्ज कर ली है। पुलिस ने मामले में यूडी केस दर्ज किया है। हालांकि सिपाही की मां द्वारा थाने में दिए गए आवेदन में पुलिस लाइन के प्रभारी मेजर नयन कुमार पर लगाए गए गंभीर आरोप को देखते हुए एसपी विनय तिवारी ने मामले की जांच के लिए सात सदस्यीय जांच टीम का गठन किया है। जांच डीएम में तीन डीएसपी के अलावा दो-दो इंस्पेक्टर व दारोगा को सदस्य बनाया गया है। इस टीम में दरभंगा के सदर डीएसपी को भी शामिल किया गया है। ताकि मामले का निष्पक्ष रूप से जांच हो सके।
एसपी विनय तिवारी ने पूरे मामले पर दी सफाई
एसपी विनय तिवारी ने इस घटना के पूरे मामले पर शुक्रवार देर शाम पत्रकारों के सामने पुलिस का पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि जून महीने में आवास कमेटी ने सिपाही अर्चना को आवेदन के आधार पर 13 जून को जी- 3 आवास आवंटित किया गया था। लेकिन दो दिनों के बाद अर्चना का आवेदन आया कि उस आवास में वह नहीं जाना चाह रहे हैं। इस लिए आवंटर में स्थगित कर दिया गया। बाद में 3 जुलाई को अर्चना का पति सिपाही सुमन कुमार एफ- 3 आवास का ताला तोड़ कर प्रवेश कर गया। 5 जुलाई को जीपी प्रभारी की रिपोर्ट आयी तो सुमन कुमार को मकान खाली करने को कहा गया तो वह मकान खाली नहीं किया। जिसके बाद उसे निलंबित कर दिया गया। निलंबन के दौरान उसे सरकारी प्रवधानों के तहत जीवन यापन भत्ता मिल रहा था।
जुलाई से सितंबर तक पांच बार भेजी गई नोटिस
एसपी ने बताया कि बिना आवंटित मकान में रखने के कारण जुलाई से सितंबर महीने तक सिपाही सुमन को पांच बार नोटिस भेजी गई लेकिन उसने मकान खाली नहीं किया। इस दौरान पुलिस लाइन में बुलाकर उससे कड़ाई से हिदायत दी गई थी। बाद में 12 सितंबर को सुमन ने अधिकृत मकान खाली किया। 13 सितंबर को सुसाइड का मामला आ गया। एसपी ने सुसाइड नोट में बाथरुम को लेकर उठाए सवाल के जवाब में कहा की एक दिन पूर्व ही जब वह पुराने आवंटित मकान में आयी थी तो बार-बार बच्ची बाथरुम की परेशानी की बात कैसे कह रही है। हालांकि भास्कर टीम शुक्रवार को मौके पर पहुंची थी पुलिस लाइन में उनके पड़ोसी का कहना था कि वह करीब एक सप्ताह पूर्व इस क्वार्टर में आयी थीं। मकान को लेकर परेशान थी।
20 लाख का ले रखा था लोन
एसपी ने बताया कि सुमन व अर्चना ने मकान बनाने के लिए 20 लाख रुपए का लोन ले रखा था। दोनों सिपाही के अकाउंट की जांच की गई अगस्त महीने तक लोन की इएमआई जमा की गई है। आर्थिक परेशानी जैसे कोई स्थिति नहीं थी। अर्चना को फूल वेतन और सुमन को जीवन यापन के लिए आधा वेतन मिल रहा था। अगस्त महीने तक का वेतन उसके अकाउंट में गया हुआ है। वेतन बंद होने का आरोप गलत है।
मेजर को मिठाई देने के आरोप की होगी जांच
एसपी ने कहा कि सिपाही सुमन ने मेजर पर मिठाई व रुपए को लेकर आरोप लगाया है। सुमन के इस आरोपों की जांच की जाएगी। जांच में अगर बात सही साबित होती है तो इस मामले में दोषी पर कार्रवाई होगी। चुकी सुमन में मीडिया में भी इसको लेकर बयान दिया है। एसपी ने कहा कि सुमन में जनवरी महीने में हॉक्स टीम में शामिल करते हुए ताजपुर भेजा गया था। जहां उसके संबंध शराब कारोबारी से हो गए थे। रिपोर्ट के आधार पर उसे ताजपुर से हटाते हुए कल्याणपुर रिजर्व फोर्स में तैनात किया गया था।
सुसाइड से पूर्व अर्चना से मिलने वाला अंतिम व्यक्ति सुमन था
एसपी ने बताया कि अर्चना को कंट्रोल रूम में ड्यूटी थी। अर्चना पर आज तक कोई आरोप नहीं था। सुसाइड की शाम 3 से 6 बजे के बीच अर्चना से मिलने वाला आखिरी व्यक्ति अर्चना का पति सुमन था।
अर्चना ने सुसाइड नोट लिखने के बाद अपने देवर को जानकारी दी थी। जिसके बाद देवर ने पुलिस से संपर्क साधा था। कंट्रोल रूप में अकेले उसकी ड्यूटी थी। कमरा अंदर से बंद था। किवाउ़ के ऊपर शीशा तोड़कर देखा गया था वह मृत पड़ी थी। जिसके बाद किवाड़ को तोड़कर अचर्ना को बाहर निकाला गया था। उस समय सिपाही सुमन भी था। उस समय उसने अर्चना का मोबाइल ले लिया था। जिसे जांच के लिए पुलिस वापस लेगी।
एसपी ने बताया कि पुलिस को कुछ इनपुट मिला है। जिस पर अभी जांच की जा रही है। आखिर सिपाही अर्चना ने सुसाइड क्यो किया इसकी पूरी जांच कर दूध का दूध पानी का पानी किया जाएगा।