“घर की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए 4 दोस्त गये थे मुंबई, हादसा में समस्तीपुर के मृतकों का आज आएगा शव
मुंबई के ठाणे के बालकुम इलाके में समस्तीपुर के विभूतिपुर प्रखंड के चार मजदूरों की मौत हो गई। इस हादसे से चार परिवारों का सपना चकनाचूर हो गया। 4 सितंबर को बरेठा टभका गांव के चार मित्र घर की आर्थिक स्थिति सुधारने का सपना लिए मुंबई महानगरी पहुंचे थे। लेकिन उन्हें कहा पता था कि एक सप्ताह बाद मुंबई में उनका सपना टूटने वाला है।
गांव में मंगलवार को भी चहुंओर चीख पुकार मची है। मृतक मंजेश की गर्भवती पत्नी सुमित्रा देवी का रो-रोकर बुरा हाल है। वहीं, उसका तीन वर्षीय बेटा आयुष लोगों को निहार रहा था कि आखिर सब लोग रो क्यों रहे हैं? दर्जनों महिलाएं उसे संभालने में जुटी हुई थीं। गांव में रात चूल्हा भी नहीं जला।
घटना के बाद रोते बिलखते मृतक सुनील के पिता
जनप्रतिनिधि से लेकर राजनीतिक कार्यकर्ताओं का आना जारी है। यहां बतादें कि इस किशनपुर टभका के बरैठा टोला वार्ड संख्या 9 निवासी होरिल दास के 25 वर्षीय पुत्र रुपेश कुमार, 35 वर्षीय पुत्र योगेंद्र दास के पुत्र कारी दास, वार्ड संख्या दस निवासी उमेश दास के 22 वर्षीय पुत्र सुनील कुमार दास और धनपत दास के 35 वर्षीय पुत्र मंजेश चौपाल की इस घटना में मौत रविवार रात निर्माणाधीन बहुमंजिला इमारत का लिफ्ट गिरने से हो गई थी।
मृतक सुनील की पत्नी गर्भवती है
इस घटना के शिकार सुनील की पत्नी रजनी कुमारी गर्भवती है। वह बार-बार रोते हुए बेहोश हो जा ती है। जबकि दो वर्षीय बेटा आयुष कुमार दूसरे की गोद में चुपचाप खामोश बैठा है। वहीं, कारी दास की पत्नी रुपम देवी बार-बार अपने पति को लाने की मांग करते हुए रो रही थी। जबकि बेटी अंशु, राधा, अंजलि, बेटा अंकुश एक टक सभी को निहार रहा थे कि मानो अचानक यह क्या हो गया।
रूपेश की शादी चार माह पूर्व ही अंजलि के साथ हुई थी। अंजलि को विदा करने के बाद रुपेश मुबई निकाला था। मौत की सूचना पर अंजली को वारिसनगर थाना क्षेत्र से बुलाया गया था। अंजली के हाथ की मेंहदी अभी छूटी भी नहीं थी। अंजली बताती है कि रूपेश ने छळ पर्व पर आने का वायदा किया था। मुबई पहुंचने पर बातचीत हुई थी। जीवन के बहुत सारे सपने सोजोए थे। अंजली को घर के लोग किसी तरह संभाल रहे थे।
कारी और मंजेश लंबे समय से बाहर रहता था
ग्रामीणों का कहना था कि कारी दास और मंजेश बाहर ही रहकर मजदूरी करते थे। वह अक्सर गांव आते-जाते थे। जबकि घर की हालात ठीक नहीं होने की वजह से सुनील और रुपेश पहली बार बाहर कमाने गए थे। कुछ दिन पूर्व ही कारी और मंजेश गांव आए थे। 4 सितंबर को कमाने के लिए गए महाराष्ट्र चारों एक साथ ही लौटे थे।