“पटना में जन्माष्टमी पर 300 प्री-प्लान डिलीवरी: अस्पताल में बज रहे भजन,राधा-कृष्ण की तरह सजाया
पटना में जन्माष्टमी पर महिलाओं में डिलीवरी का क्रेज दिख रहा है। महिलाएं कान्हा जैसा बेटा और राधा जैसी बेटी चाह रही हैं। पटना में ऐसी ही 300 महिलाएं हैं, जिन्होंने जन्माष्टमी पर डिलीवरी का प्लान बनाया था।
डिलीवरी की डेट जन्माष्टमी के आसपास होने से डॉक्टरों से प्री-प्लान बुकिंग कराई थी। किसी महिला ने समय से पहले तो किसी ने डेट पूरी होने के बाद सर्जरी से डिलीवरी कराई।
अस्पताल में भी कृष्ण भजन बज रहे हैं। आज के दिन जन्म लेने वाले नवजातों को राधा और कृष्ण के रूप में अस्पताल की ओर से सजाया जा रहा है। दैनिक भास्कर की खास रिपोर्ट में पढ़िए कान्हा की दीवानी महिलाओं की कहानी..
9 महीने पहले बना था जन्माष्टमी पर डिलीवरी का प्लान
मेरा नाम तृष्णा है। श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर डिलीवरी को लेकर इतनी इमोशनल थी कि सुबह 6 बजे ही अस्पताल आ गई। हमारा प्लान तो गर्भ के साथ ही तय हो गया था। जन्माष्टमी पर डिलीवरी कराने की खुशी पूरे परिवार को है। जैसे-जैसे जन्माष्टमी नजदीक आ रही थी, मैं भी काफी उत्साहित हो रही थी।
तृष्णा ने 9 महीने पहले ही जन्माष्टमी पर डिलीवरी का प्लान बना लिया था।
बस ऊपर वाले से यही प्रार्थना कर रही थी, बीच में कोई मेडिकल समस्या ना हो। पूरा परिवार इस शुभ घड़ी का इंतजार कर रहा था। श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर डिलीवरी का प्लान हॉस्पिटल में भीड़ के कारण गड़बड़ ना हो, इसलिए पहले से टाइम ले लिया था। सुबह से आकर हॉस्पिटल में नंबर लगाकर बैठ भी गई, ताकि कान्हा के जन्म के बाद डिलीवरी हो जाए।
भाग्यशाली हूं कि जन्माष्टमी पर डिलीवरी की डेट मिली
मैं पूजा गुप्ता हूं। मेरा यह सौभाग्य है कि मुझे आज श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर डिलीवरी की डेट मिली। अब राधा रानी आए या फिर कृष्ण आए, सब मंजूर हैं। बस हेल्दी और स्वस्थ रहे। मैंने तो कृष्ण का नाम भी सोच लिया है।
पूजा गुप्ता ने तो अपने बच्चे का नाम भी सोच लिया है।
पहले से आद्विक नाम सोचा है, लेकिन अब भगवान के हाथ में है, वह जो भी दे दें, सब मंजूर है। ऐसा संयोग कम लोगों के साथ बनता है, कृष्ण की कृपा होगी तभी मेरे किस्मत में ऐसा दिन आया है। मैं इसके लिए भगवान की बहुत-बहुत आभारी हूं।
जन्माष्टमी पर डिलीवरी, बेटी का नाम रखा राधिका
मेरा नाम गीता सिंह है। मेरे पति चाह रहे थे कि टीचर्स डे पर डिलीवरी हो, क्योंकि मेरे ससुर प्रोफेसर थे, लेकिन यह मेरा सौभाग्य है कि मैंने जन्माष्टमी पर ही बच्ची को जन्म दिया। हमने बच्ची का नाम भी राधिका रखा है। यह हमारे लिए राधा रानी का दिया प्रसाद ही है। राधिका के रूप में प्यारी बिटिया के आने से पूरा घर खुश है। घर में जन्माष्टमी पर लक्ष्मी का आगमन हुआ है।
डॉक्टर ने लंबी डेट बताई, मैंने जन्माष्टमी की जिद कर ली
मेरा नाम लक्ष्मी है। मेरे घर कान्हा आए हैं, मैंने इनका नाम राघव रखा है। यह मेरे लिए कृष्ण और राम दोनों हैं। जन्माष्टमी पर बेटा मिला है, ये मेरे लिए सौभाग्य की बात है। डॉक्टर ने डेट लेट बताई थी, लेकिन मैंने जिद ली कि मेरी डिलीवरी जन्माष्टमी पर ही कराएं। काफी दबाव के बाद मेरी डिलीवरी जन्माष्टमी पर कराई गई। मैं बहुत खुश हूं, मेरा सपना पूरा हो गया। मेरे घर जन्माष्टमी के दिन राघव आए हैं।
राजधानी में 300 से ज्यादा प्री-प्लान डिलीवरी
जन्माष्टमी पर डिलीवरी को लेकर महिलाओं में ऐसा उत्साह है कि वह इसके लिए काफी दिनों से प्री प्लान थीं। पटना की डॉक्टर सारिका राय, डॉक्टर अनुपमा शर्मा, डॉक्टर हिमांशु सहित अन्य बड़े अस्पतालों के डॉक्टरों से बातचीत में यह पता चला कि जन्माष्टमी को लेकर विशेष तैयारी है।
पटना में अनुमान है कि 300 से अधिक बच्चों की डिलीवरी का प्लान काफी पहले से तैयार है। अगर पटना जिले के अन्य अस्पतालों की बात करें जो राजधानी से दूर हैं, तो यह संख्या काफी अधिक होगी।
अक्सर ऐसा होता है कि जिनकी डिलीवरी किसी खास अवसर के आस-पास होती है, वह अपने हिसाब से ही प्लान कर लेते हैं। इस बार जन्माष्टमी पर भी ऐसा ही हुआ है। गर्भवती महिलाएं आस पास डेट होने से जन्माष्टमी के लिए ही प्लान कर लीं। जन्माष्टमी भगवान श्री कृष्ण का पर्व है, महिलाएं चाहती हैं कि उनका बेटा भी कृष्ण जैसा नटखट और सुंदर हो।
इस कारण से इस बार जन्माष्टमी पर दो दिनों के लिए डिलीवरी का काफी अधिक प्लान है। कई हॉस्पिटल में तो डॉक्टरों को दो दिनों तक पेशेंट देखने तक की फुरसत नहीं, वह डिलीवरी में ही व्यस्त हैं। अस्पतालों में एक के बाद एक सर्जरी हो रही है। डॉक्टर भी इसे लेकर काफी उत्साहित हैं।
जन्माष्टमी पर दो दिनों तक होने वाली डिलीवरी पर अस्पतालों की तरफ से विशेष व्यवस्था की गई है। हॉस्पिटल में भक्ति का माहौल है। पटना के कंकड़बाग स्थित डॉक्टर सारिका राय के हॉस्पिटल में तो भक्ति गीत भी बज रहे हैं। ऑपरेशन थिएटर से लेकर बाहर तक श्री कृष्ण के भजन बज रहे हैं।
इसके लिए विशेष सजावट भी की गई है। डिलीवरी के बाद लड़कों को जहां कान्हा का पूरा ड्रेस और बांसुरी दी जा रही है। वहीं लड़कियों को राधा रानी वाला ड्रेस अस्पताल की तरफ से दिया जा रहा है। गर्भवती महिलाओं को भी डिलीवरी के बाद पूरा सजाया जा रहा है।
श्रृंगार के साथ उनकी गोद में बच्चा दिया जा रहा है। डॉक्टर खुद इस पल को यादगार बनाने में लगी हैं। इसके लिए हॉस्पिटल और घर वाले भी इस यादगर पल को कैमरे में कैद कर रहे हैं।
हॉस्पिटल का कहना है कि इसके लिए कोई अलग से पैसा नहीं लिया जा रहा है। महिलाओं और बच्चों का पूरा कान्हा और राधा का ड्रेस दिया जा रहा है। मिठाई और प्रसाद भी हॉस्पिटल की तरफ से दिया जा रहा है।
बच्चों का जन्म यादगार बनाने के लिए हम तैयार रहते हैं
डॉक्टर सारिका राय बताती हैं कि हमारे यहां 40 डिलीवरी होनी है। जन्माष्टमी दो दिनों की है, कुछ लोग 6 तो कुछ 7 सितंबर को मना रहे हैं। इसलिए हम दोनों दिनों के लिए प्री प्लान डिलीवरी की बात कर रहे हैं। जिनका बच्चा 6 और 7 सितंबर को हो रहा है, उनके लिए हम हॉस्पिटल में प्रोग्राम रख रहे हैं।
इन दो दिनों में होने वाले बच्चों को कृष्ण या राधा रानी के कपड़े पहनाते हैं। छोटी-छोटी बांसुरी भी पकड़ाते हैं। बच्चों को मुकुट भी पहनाते हैं, पूरा डेकोरेट करते हैं। पूरा हॉस्पिटल वृंदावन जैसा हो जाता है। माहौल पूरी तरह से मंदिर जैसा लगता है।
इन दो दिनों में हॉस्पिटल जैसा कुछ दिखता ही नहीं है। मां को भी डेकोरेट कर देवकी जैसे बनाते हैं। इसके बाद फोटो शूट कराते हैं।
पिछले साल भी ऐसे ही तैयारी की गई थी। ट्रेंड क्रिएट हो गया है, जिससे महिलाएं जन्माष्टमी पर डिलीवरी की जिद करती हैं। हम लोग 20 साल से ऐसा कर रहे हैं। विशेष दिन में लोग बच्चे का जन्म करा रहे हैं।
बच्चों का जन्म काफी यादगार पल होता है, अगर हमारे थोड़े से प्रयास से मां-बाप को ऐसी खुशी मिल जाए तो हमारे लिए ये बड़ी बात होगी। हम हमेशा मां बाप की इच्छाओं का सम्मान करते हैं। हर मां-बाप को यादगार बनाकर खुशी देते हैं। लोगों के घरों में खुशियां लाने का पूरा प्रयास करते हैं।