“पटना के महावीर मंदिर में सावन में हुए 2600 रुद्राभिषेक:59 दिन में सवा 8 करोड़ नैवेद्यम की बिक्री
पटना के महावीर मंदिर में सावन को लेकर खास तैयारी की जाती है। इस साल मलमास के कारण सावन का महीना 59 दिनों का रहा। इसमें महावीर मंदिर में 2600 रुद्राभिषेक करवाए गए। जो की पिछले साल के मुकाबले काफी ज्यादा है। वहीं, इस साल सावन महीने में 51 भक्तों ने 22 लाख महामृत्युंजय जप करवाए। मिली जानकारी के मुताबिक 59 दिनों में सवा 8 करोड़ के नैवेद्यम की बिक्री हुई है।
59 दिनों में हुए 2600 रुद्राभिषेक
पटना में महावीर मंदिर में सावन महीने में रुद्राभिषेक करने के लिए दो-तीन महीने पहले से ही टोकन कटना शुरू हो जाता है। इस साल महावीर मंदिर में 2600 लोगों ने शिवलिंग पर रुद्राभिषेक करवाया। सावन की पहली सोमवारी पर 44 लोगों ने रुद्राभिषेक करवाया था। पिछले साल तक महावीर मंदिर में अलग-अलग शिवलिंगों पर रुद्राभिषेक के लिए अलग-अलग टोकन कटते थे।
जिसका टोकन राशि भी अलग रहता था। लेकिन इस साल मंदिर के अंदर तीनों शिवलिंगों पर रुद्राभिषेक के लिए एक ही टोकन राशि निर्धारित की गई थी। जिसके मुताबिक सोमवार को रुद्राभिषेक के लिए भक्तों को ₹2500 की टोकन राशि देनी पड़ी। वही सावन के अन्य दिनों में ₹2100 की टोकन राशि भक्तों को देनी पड़ी।
बीके ढाई लाख नैवेद्यम
सावन को देखते हुए महावीर मंदिर परिसर में भक्तों की सुविधा के लिए हर मुमकिन कोशिश की गई। रुद्राभिषेक हो महामृत्युंजय जाप को या फिर कोई अन्य अनुष्ठान भक्तों द्वारा करना हो। उन सबके लिए मंदिर के द्वारा भक्तों को हर सुविधा मुहैया करवाई गई। सावन महीने में नवीनतम की बिक्री भी बढ़ जाती है। जिस कारण सावन महीने में इस बार ढाई लाख किलो नैवेद्यम लड्डू की बिक्री दर्ज की गई है। ऐसे हर महीने नैवेद्यम लड्डू की बिक्री एक लाख से 1,15000 किलो तक जाती है।
51 भक्तों ने 22 लाख महामृत्युंजय जप करवाया है
महावीर मंदिर में इस बार 51 भक्तों ने 22 लाख महामृत्युंजय जप करवाया है। महावीर मन्दिर में योग्य साधक और पण्डितों द्वारा यह जप कराने की व्यवस्था की जाती है। इसमें शुल्क जमा करने पर संकल्प लेने का दिन निर्धारित किया जाता है। निर्धारित दिन पर यजमान (जो जप करवा रहे हैं) को स्वयं या अन्य किसी निकटतम व्यक्ति आकर संकल्प करते हैं। उसी दिन से जप शुरू हो जाता है। प्रत्येक 10,000 जप सम्पन्न होने पर उसका दशांश, 1000 मन्त्र से हवन होता है। इस हवन में यजमान या किसी प्रतिनिधि की उपस्थिति अनिवार्य है