Digital hemoglobinometer को राज्य में किया गया लॉन्च,बिहार को 10,992 डिजिटल हेमोग्लोबिनोमीटर कराये गए उपलब्ध
Digital hemoglobinometer;गुरुवार को पटना के गांधी मैदान स्थित होटल मौर्या में पूर्वाह्न् 10.30 बजे अनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के तहत Digital Haemoglobinometer का राज्यस्तरीय launch एवं उसकी उपयोगिता संबंधी उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
राज्य के 06-59 माह तक के बच्चों, 05-09 साल तक के बच्चों, 10-19 वर्ष के किशोर-किशारियों, प्रजनन उम्र की महिलाओं, गर्भवती महिलाओं एवं धात्री महिलाओं में अनीमिया एक सावर्जनिक स्वास्थ्य समस्या के रूप में व्याप्त है। अनीमिया के स्तर में सुधार लाने हेतु मार्च 2018 में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा पोषण अभियान के अंतर्गत अनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम की शुरूआत की गई। बिहार राज्य में इस कार्यक्रम की शुरुआत जुलाई 2019 में की गई।
इस कार्यक्रम अंतर्गत अनीमिया का डिजिटल तरीके से जाँच और देख-रेख के स्थान पर उपचार हेतु डिजिटल हिमोग्लोबिनोमीटर का प्रयोग किया जाना है। इस उपकरण से सामुदायिक स्तर पर अनीमिया की जाँच कर शीघ्र निदान हेतु प्रभावी एवं गुणवत्ता पूर्ण स्वास्थ्य सुविधाए प्रदान कर अनीमिया का उपचार आरंभ किया जा सकता है।
राज्य स्वास्थ्य समिति बिहार द्वारा राज्य में अनीमिया से प्रभावित बच्चों, किशोर-किशोरियों एवं महिलाओं में अनीमिया के बेहतर स्वास्थ्य परिणाम हेतु सभी 10258 स्वास्थ्य उपकेन्द्रों एवं राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम के 734 चलंत चिकित्सा दलों को स्ट्रिप बेस्ड डिजिटल हेमोग्लोबिनोमीटर की आपूर्ति की जा रही है। डिजिटल हेमोग्लोबिनोमीटर के प्रयोग से चिन्ह्ति आयु वर्ग में अनीमिया के पहचान हेतु रक्त का परीक्षण एवं हेमोग्लोबिन का आकलन कर शीघ्र निदान किया जा सकेगा।
जागरूकता एवं समुदाय में कार्यक्रम का परिलक्षित होना जरुरी:
इस अवसर पर कार्यक्रम में शामिल लोगों को संबोधित करते हुए सचिव स्वास्थ्य-सह कार्यपालक निदेशक, राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार श्री संजय कुमार सिंह ने कहा कि किसी भी कार्यक्रम की सफलता के लिए उक्त कार्यक्रम के बारे में जनमानस के बीच जागरूकता जरुरी है. उन्होंने कहा कि जनकल्याण के कार्यक्रमों को समुदाय में दिखना जरुरी है जिससे अधिक से अधिक लोग इसके बारे में जाने और इसका लाभ उठायें.
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता खुद की जांच कर करें शुरुआत:
अपने संबोधन में निदेशक, समेकित बाल विकास निदेशालय, बिहार डॉ. कौशल किशोर ने कहा कि लोगों को अनीमिया के लक्षणों को जानने की जरुरत है. अनीमिया से ग्रसित ज्यादातर लोगों को इसकी जानकारी नहीं होती है. उन्होंने कार्यक्रम में शामिल आईसीडीएस के पदाधिकारियों से कहा कि वह सबसे पहले इसका इस्तेमाल स्वयं एवं आंगनवाड़ी केंद्रों में कार्यरत सेविकाओं एवं सहायिकाओं को कराएँ. इससे उनके पोषण क्षेत्र में इसके इस्तेमाल के लाभ की जानकारी पहुंचाने में मदद मिलेगी.
कार्यक्रम में शामिल लोगों को जानकारी देते हुए राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, अनीमिया मुक्त भारत, डॉ. श्री निवास प्रसाद ने बताया कि डिजिटल हेमोग्लोबिनोमीटर के उपयोग से लक्षित उम्र समूहों में अनीमिया की जाँच और पहचान कर व्यक्ति के हेमोग्लोबिन स्तर के अनुसार उपयुक्त उपचार एवं रेफरल की व्यवस्था शीघ्र प्रारंभ कर अनीमिया के अंतरपीढ़ीगत कुचक्र को तोड़ किशोरियों महिलाओं और शिशुओं को अनीमिया के जाल से उबारा जा सकता है। उन्होंने बताया कि अभी 10992 डिजिटल हेमोग्लोबिनोमीटर उपलब्ध कराये गए हैं और आगे जरुरत के अनुसार इनका और क्रय किया जायेगा.
स्ट्रिप बेस्ड डिजिटल हिमोग्लोबिनोमीटर प्रयोग के फायदे निम्न हैः-
• सामुदायिक स्तर पर आसानी से इस्तमाल किया जा सकता है।
• इसके उपयोग हेतु किसी प्रयोगशाला या तकनीशियन की आवश्यकता नहीं है।
• परीक्षण के लिए कम मात्रा में रक्त के नमूने की आवश्यकता होती है।
• अधिक से अधिक लाभार्थियों को कवर किया जा सकता है।
• प्रशिक्षण उपरांत लाभार्थी का आसानी से फ़ॉलो-अप किया जा सकता है।
इस अवसर पर राज्य परियोजना निदेशक, बिहार एजुकेशन प्रोजेक्ट काउंसिल, श्री बी. कार्तिकेय धनजी, राज्य स्वास्थ्य समीति बिहार के प्रशासी पदाधिकारी मृत्युंजय कुमार, अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी- यक्ष्मा डॉ. बी के मिश्र, राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी- मातृ स्वास्थ्य डॉ. सरिता, राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी- आशा डॉ वाई. एन. पाठक, राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी- रक्तकोष डॉ. एन. के. गुप्ता, राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी- IDSP(Integrated Disease Surveillance Program) डॉ. रणजीत कुमार, राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी- HSS(Health System Strengthening) डॉ. अभिषेक कुमार, राज्य प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. एन. के. सिन्हा, विभिन्न जिलों से आये आईसीडीएस के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी, राज्य स्वास्थ्य समिति एवं BMSICL(Bihar Medical Services & Infrastructure Corporation Ltd.) के वरिष्ठ पदाधिकारीगण, समेकित बाल विकास निदेशालय के पदाधिकारी, शिक्षा विभाग के अधिकारी सहित अन्य लोग मौजूद रहे.