Saturday, December 28, 2024
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Dalsinghsarai News;प्रेमचंद ने अपने साहित्य के माध्यम से हर वर्ग को जगाने की कोशिश की:नागेंद्र नाथ चौधरी

Dalsinghsarai News;रामाश्रय बालेश्वर महाविद्यालय दलसिंहसराय में  प्रधानाचार्य प्रो.संजय झा की अध्यक्षता एवं हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. सुनील कुमार सिंह के नेतृत्व में हिंदी विभाग एवं जनवादी सांस्कृतिक मोर्चा के संयुक्त तत्वावधान में कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद की 143 वीं जयंती के अवसर पर एक सेमिनार का आयोजन  ‘प्रेमचंद का साहित्य और आज का समाज’ विषय पर किया गया.कार्यक्रम की विधिवत शुरूआत दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई.इस दौरान महाविद्यालय के प्रधानाचार्य,मुख्य अतिथि,विशिष्ट अतिथि एवं छात्रों ने प्रेमचंद के तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें याद किया.हिंदी विभाग की छात्रा प्रगति, खुशी सिंह, शबनम प्रिया,गोलू कुमारी आदि ने आए हुए अतिथियों के लिए स्वागत गीत प्रस्तुत किया.मंच संचालन करते हुए डॉ.सुनील ने अतिथियों के प्रति स्वागत संबोधन प्रस्तुत किया एवं आज के कार्यक्रम का विषय प्रवेश कराया.
उद्घाटनकर्ता सह वक्ता प्रो. टी. पी. चौबे ने अपने संबोधन में कहा कि प्रेमचंद का व्यक्तित्व एवं कृतित्व आज भी हमारे लिए प्रेरणा के स्रोत हैं.उनका साहित्य वर्तमान समय में हमें समस्याओं पर नये सिरे से विचार करने को प्रेरित करता है.मुख्य अतिथि सह वक्ता डॉ. अशोक कुमार मिश्र ने कहा कि हमारा समाज आज भी प्रेमचंद साहित्य से बहुत कुछ सीख सकता है, उसके माध्यम से समस्याओं का समाधान कर सकता है.उनका साहित्य हर वर्ग के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं.विशिष्ट वक्ता डॉ नागेन्द्र नाथ चौधरी ने कहा कि प्रेमचंद ने अपने साहित्य के माध्यम से हर वर्ग को जगाने की कोशिश की.आज भी वे हमारे लिए अनुकरणीय हैं.कवि उमेश, राम नरेश दास, राम सेवक राय,महेश कुमार,नीलम देवी,रामविलास आदि वक्ताओं ने आज के दिवस पर प्रासंगिक अभिव्यक्ति प्रस्तुत की!
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रोफेसर झा ने कहा कि प्रेमचंद अमर कथाकार हैं.उन्होंने समाज की समस्याओं का चित्रण कर उसका सकारात्मक निदान प्रस्तुत करते हुए समाज को एक नई ऊंचाई प्रदान करने की सफल कोशिश की.आज के युवाओं को प्रेमचंद साहित्य से प्रेरणा ग्रहण करते हुए एक स्वस्थ, स्वच्छ एवं विकास शील समाज के निर्माण में भूमिका निभाने हेतु आगे आने की जरूरत है.मौके पर महाविद्यालय के कई शिक्षक व छात्रछात्रा मौजूद थे!

Kunal Gupta
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