Sunday, November 24, 2024
Patna

“उफान पर बागमती नदी,सीतामढ़ी में 11 घर बहे​​​​​​​:सुपौल के 5 ब्लॉक में बाढ़; बेतिया में 25 हजार की आबादी प्रभावित

पटना।डेस्क।नेपाल में हो रही बारिश से उत्तर बिहार की नदियों में उफान थम नहीं रहा। हालात ये है कि बीते 48 घंटे में बागमती, कमला, बूढ़ी गंडक समेत कई नदियां लाल निशान को पार कर गई हैं। पटना में गंगा के जलस्तर में भी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। इससे बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।

सीतामढ़ी में बागमती के कटाव में देर रात 11 घर बह गए। नदी के उफान से लोग इतने दहशत में हैं कि खुद ही अपना घर तोड़कर दरवाजे, खिड़कियां बचाने की कोशिश कर रहे हैं।

सुपौल के 5 प्रखंडों में बाढ़ जैसे हालात हैं। 120 गांवों में बाढ़ का पानी भरने से लोग पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं। इधर बेतिया में पहाड़ी नदियों के उफान पर रहने के कारण कई इलाकों में पानी भर गया है। करीब आधा दर्जन गांवों का प्रखंड मुख्यालय से संपर्क टूट गया है, जिससे 25 हजार की आबादी प्रभावित हुई है।

मौसम विभाग के अनुसार अगले चार दिनों यानी 2 सितंबर तक प्रदेश में बारिश की कोई भी गतिविधियां बनती हुई नजर नहीं आ रही है। ना ही कोई अलर्ट जारी किया गया है। राज्य के अधिकांश हिस्सों में अगले 4 दिनों के दौरान अधिकतम तापमान में 2-4°C तक की बढ़ोतरी होने का पूर्वानुमान है। इसके कारण उमस भरी गर्मी बने रहने की संभावना है।

सीतामढ़ी के मेजरगंज रसूलपुर के ठाकुरपट्टी टोला के करीब 11 लोगों का घर कटकर बागमती नदी में विलीन हो चुका है। कटाव से डरे लोग नए स्थान पर बसने का विकल्प खोज रहे हैं। लोग अपने हाथ से बनाए घरों को तोड़ने को मजबूर हैं। जिनके घर बहे हैं,उन लोग ने फिलहाल गांव के ही स्कूल में शरण ली है। प्रशासन की ओर से सिर्फ प्लास्टिक मुहैया कराई गई है।

120 गांव में घुसा है बाढ़ का पानी

उत्तर बिहार के सुपौल जिले के पांच प्रखंडों के 120 गांव में बाढ़ का पानी फैला हुआ है। 6000 घरों में बाढ़ का पानी जमा है। बाढ़ को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। कोसी नदी के पानी का बहाव धीरे-धीरे हो रहा है। नेपाल स्थित कोसी बराज से पानी का डिस्चार्ज मंगलवार की सुबह 6 बजे 2 लाख 14 हजार 765 क्यूसेक रिकॉर्ड किया गया है।

नेपाल के तराई क्षेत्र में बारिश में कमी

नेपाल के तराई क्षेत्र में बारिश में कमी आई है। इस वजह से पिछले 24 घंटे में 2000 क्यूसेक डिस्चार्ज में कमी आई है। सोमवार की सुबह गंडक बैराज से 1 लाख 50 हजार पानी का डिस्चार्ज हुआ था। वहीं मंगलवार को गंडक बैराज से 1 लाख 48 हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज हो रहा है।

बगहा में 24 घंटे से बारिश नहीं हुई है, जिसके बाद गंडक का जलस्तर घटा है।
बगहा और आसपास के क्षेत्र में पिछले 24 घंटे से बारिश नहीं हुई है। मौसम विभाग के अनुसार अगले तीन दिनों तक नेपाल के तराई क्षेत्र में कम बारिश होने की संभावना है। जबकि बगहा के आसपास में मौसम विभाग के अनुसार 3 सितंबर से बारिश होने का अनुमान जताया जा रहा है।

पानी भर जाने से स्कूल बंद है, बच्चे इसी पानी में नहाते नजर आ रहे हैं।
बेतिया के लौरिया से गुजरने वाली सिकरहना, मसान और बलोर नदियां रविवार से ही उफान पर हैं। सोमवार को नदियों का पानी ऐतिहासिक अशोक स्तंभ, मेला ग्राउंड, साहुजैन हाई स्कूल, नुनियवा टोला, जिरिया सहित लौरिया के ईद गिर्द समा गया है। वहीं मटियरिया पुल से सौराहा सुअरछाप गांव जाने वाली रास्ते पर पीछे तीन दिनों से तीन से चार फिट पानी बह रहा है। इससे 6 गांवों का आवागमन पूरी तरह से बंद है। 25 हजार की आबादी प्रभावित हो रही है।

पटना में हर घंटे डेढ़ सेमी बढ़ रहा गंगा नदी का जलस्तर

पटना में हर घंटे डेढ़ सेमी गंगा नदी का जलस्तर बढ़ रहा है। पटना के गांधी घाट और दीघा घाट पर गंगा चेतावनी स्तर को पार कर गई है। पिछले 48 घंटे के दौरान पटना के गांधी घाट पर गंगा का जलस्तर 1 मीटर तक बढ़ा है। शनिवार को गांधी घाट पर जलस्तर 47.06 मीटर था। सोमवार को यहां का जलस्तर 48.06 दर्ज किया गया है। यहां खतरे का निशान 48.60 मीटर है।

पटना के गांधी घाट पर जलस्तर बढ़ता हुआ दिख रहा है।
दीघा घाट के जलस्तर में भी पिछले 48 घंटे के दौरान 1 मीटर की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। शनिवार को जलस्तर 47.95 मीटर था। सोमवार को यहां का जलस्तर 48.95 मीटर दर्ज किया गया है। यहां खतरे का निशान 50.45 मीटर है। हालांकि, अभी गंगा खतरे के निशान से नीचे बह रही है लेकिन जलस्तर बढ़ते ही खतरा बढ़ गया है। उफनाई गंगा में भी बच्चे छलांग लगा रहे हैं। यहां बच्चे काफी ऊंचाई से गंगा में छलांग मार रहे हैं और सुरक्षा की निगरानी करने वाला कोई नहीं है।

Kunal Gupta
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