बिहार में जहां बिल्डिंग है,वहां शिक्षक नहीं,शिक्षक हैं,वहां बिल्डिंग नहीं और जहां दोनों है वहां बच्चे नहीं:प्रशांत किशोर
समस्तीपुर: बिहार की शिक्षा व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। जहां बिल्डिंग है, वहां शिक्षक नहीं हैं, जहां शिक्षक हैं, वहां बिल्डिंग नहीं है। जहां दोनों है वहां शिक्षा नहीं है। उक्त बातें जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने समस्तीपुर में कही। प्रशांत किशोर ने कहा कि मैं नौ महीने से गांव-गांव घूम रहा हूं, बिहार की शिक्षा व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। नीतीश कुमार जैसे पढ़े-लिखे व्यक्ति 17 साल से शासन कर रहे हैं, इनका शासन काल काले अध्याय के समान है। बिहार में शिक्षा व्यवस्था बर्बाद हुई है। बिहार में दो पीढ़ियां अब नहीं सुधरेगी, वे पढ़े-लिखे लोगों की बराबरी नहीं कर सकते हैं।
समतामूलक शिक्षा नीति बनाने के चक्कर में ध्वस्त हुई शिक्षा व्यवस्था: प्रशांत।
बकौल प्रशांत किशोर, बिहार में जो शिक्षा व्यवस्था ध्वस्त हुई है, वो समतामूलक शिक्षा नीति बनाने के चक्कर में ध्वस्त हुई है। स्कूलों में पढ़ाई हो रही है या नहीं इसकी सरकार को चिंता नहीं है। सरकार ने सिर्फ गांव-गांव में स्कूल खोल दिए हैं। जहां नए विद्यालय नहीं खोले हैं, वहां स्कूलों को उत्क्रमित कर दिया है। बिहार में पूरी शिक्षा व्यवस्था नियोजित शिक्षकों और उत्क्रमित विद्यालयों के चक्कर में चल रहा है।
स्कूल में बंट रही खिचड़ी, कॉलेजों में बंट रही डिग्री: प्रशांत ।
प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में सिर्फ स्कूली शिक्षा ही नहीं कॉलेज की शिक्षा का भी यही हाल है। जिन्हें लगता है कि बिहार में नियोजित शिक्षकों के कारण शिक्षा व्यवस्था बदहाल है, उन्हें कॉलेजों को भी देखना चाहिए। इन कॉलेजों को नियोजित शिक्षक तो नहीं चला रहे। कॉलेजों में तो पढ़ाई भी नहीं हो रही। स्कूलों में जहां खिचड़ी बंट रही है, वहीं कॉलेजों में डिग्री बंट रही है।
बता दें कि प्रशांत किशोर 237 दिनों से पदयात्रा कर रहे हैं, वहीं बिहार में 2500 किलोमीटर से भी अधिक का सफर तय कर गांव-गांव घूम रहे हैं। गुरुवार को वे सरायरंजन और उजियारपुर के 8 गांवों में गए। इस दौरान कुल 12 किलोमीटर तक का सफर तय किया। वहीं ग्रामीण जनता को वोट की ताकत का एहसास दिलाया।