समस्तीपुर;33 वर्ष पहले आपस में चंदा जमा कर निर्माण कराया था पुल अब पुराना पुल दो हिस्से में टूटा
समस्तीपुर में वाया नदी पर बना सालों पुराना पुल दो भाग में टूट गया। यह पुल जिले के पटोरी प्रखंड क्षेत्र के तारा धमौन गांव में स्थित है। जिसे ग्रामीणों ने 33 वर्ष पहले आपस में चंदा जमा कर निर्माण कराया था। पुल के टूटने की वजह से 5 गांव का संपर्क पूरी तरह से टूट गया है। इस दौरान गनीमत रही कि कोई बड़ा हादसा होने से टला गया।
मिली जानकारी के अनुसार, पुराना होने की वजह से ग्रामीण काफी समय से स्थानीय जनप्रतिनिधि और अधिकारियों से नए कंट्री पुल की मांग कर रहे थे। लेकिन किसी ने इस पर ध्यान नहीं दिया। इस पुल से प्रतिदिन हजारों हजार की संख्या में ग्रामीण आवागमन करते हैं। पुल टूट जाने के कारण लोगों को या तो नाव का सहारा लेना होगा अन्यथा 2km दूरी तय कर अन्य पुल का सहयोग लेना होगा।
ग्रामीणों का कहना है कि 1 महीने पहले जल संसाधन विभाग द्वारा बया नदी की सफाई कराई गई थी। इस दौरान पोकलेन मशीन से पुल के पाया के समीप से मिट्टी हटाई गई थी। इस वजह से पुल के बीच का पाया नीचे की ओर दब गया। जिससे जॉइंट पर से पुल दो भाग में टूट गया।
यह पुल जिले के पटोरी प्रखंड क्षेत्र के तारा धमौन गांव में स्थित है।
बताते चलें कि गंगा नदी के जल स्तर में वृद्धि की वजह से बया नदी में भी बढ़ोतरी हुई है। जिस वजह से पुल का पाया नीचे की ओर अधिक दब गया है।
वहीं, ग्रामीण रोशन राय ने बताया कि वर्ष 1990 में शहर जाने के लिए बार-बार नाव का सहयोग लेना पड़ता था। ऐसे में तारा धमौन गांव के लोगों ने यह निर्णय लिया था कि आपस में चंदा करके एक कंक्रीट पुल का निर्माण किया जाए। उस समय इस पुल के निर्माण में करीब 1,25,000 का खर्च आया था।
ग्रामीण हरि ओम प्रकाश बताते हैं कि पुल ध्वस्त होने की वजह से 5 गांव का संपर्क पूरी तरह से टूट गया है। उन्होंने कहा कि सिर्फ तारा धमौन गांव में 6500 से अधिक की आबादी है। उक्त गांव के सभी लोगों के लिए पटोरी जाने के लिए यह पुल एकमात्र सहारा था। अब ग्रामीणों को 2 किलोमीटर दूरी तय कर अन्य पुल का सहयोग लेना पड़ेगा।